जबलपुर। छतरपुर मेडिकल काॅलेज के निर्माण में बरती जा रही लेटलतीफी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि, छतरपुर,पन्ना व टीकमगढ जिले में एक लाख की आबादी पर सिर्फ एक डाॅक्टर है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगलपीठ ने संबंधित पक्षों को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.
याचिकाकर्ता हरि प्रसाद अग्रवाल की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि, छतरपुर में मेडिकल काॅलेज स्थपित किए जाने की अनुमति साल 2018 में मिल गयी थी. इसके बाद मेडिकल काॅलेज बनाने के लिए जमीन आवंटित कर दी गई. 220 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया. काॅलेज निर्माण के लिए टेण्डर भी जारी कर दिये गए थे, जो बाद में किन्हीं कारणों से निरस्त कर दिए गए.
याचिका में कहा गया है कि, छतरपुर जिले से डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में कोई भी मेडिकल काॅलेज नहीं है. छतरपुर,पन्ना व टीकमगढ जिले में एक लाख व्यक्तियों में सिर्फ एक डाॅक्टर है. इसके बाद भी मेडिकल काॅलेज के निर्णाण में लेटलतीफी हो रही है. मेडिकल काॅलेज खुलने से क्षेत्र तथा समीपवर्ती जिलों के नागरिकों को बेहतर उपचार मिलेगा. याचिका की सुनवाई के दौरान सिर्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी की तरफ से जवाब पेश किया गया. याचिका में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ विभाग, कलेक्टर छतरपुर, पीडब्लयूडी तथा मेडिकल यूनिवर्सिटी को अनावेदक बनाया गया है.