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पिछड़ेपन से मिली आजादी, भ्रष्टाचार ने फिर बना दिया गुलाम!

बेलखेड़ा-सिंघपुर गांव की सड़क तीन साल बाद बनकर तैयार हुई, इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. ग्रामीणों के लिए परेशानियां खत्म नहीं हुईं हैं.

new road condition deteriorated
नई सड़क की हालत हुई खराब
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Published : Jun 11, 2021, 7:06 AM IST

जबलपुर। बेलखेड़ा-सिंघपुर गांव की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. जिसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मप्र ग्रामीण विकास प्राधिकरण की ओर से मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत इसका निर्माण हुआ था. इसका निर्माण ठेका कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था. कंपनी की शर्त के अनुसार सड़क एक साल में बननी थी, लेकिन रोड और पुल का निर्माण अप्रैल 2021 तक चला.

तीन साल बाद बनकर तैयार हुआ पुल
तीन किमी की इस सड़क में 200 मीटर कंक्रीट का निर्माण पुलिया वाले स्थानों पर किया गया है. यहां कुल तीन पुलिया का निर्माण हुआ है, लेकिन वे भी अधूरे हैं. वहीं, पुलिया की कंक्रीट रोड बनते ही टूट गई. डामर की सड़क की कई जगह की गिट्‌टी भी निकलकर फैल गई. इसके निर्माण के लिए अभी तक कोई काम भी नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने इस रोड निर्माण की जांच कराने की मांग रखी है.

ग्रामीणों का छलका दर्द
गांव के विनय बादल ने बताया- पैसे की बर्बादी देखना चाहते हैं, तो बेलखेड़ा-सिंघपुर रोड पर चले आईए. किसान इसी से आते-जाते हैं. अप्रैल में ही पुलिया निर्माण पूरा हुआ और टूट गया. मुकेश कुमार के मुताबिक जनता का पैसा पानी की तरह इस रोड पर बहा दिया गया. रघुनंदन शर्मा के मुताबिक इस रोड पर कोई भारी वाहन तक नहीं गुजरता, फिर भी टूट गई.

लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद पहली बार ये सड़क बनी, तो ग्रामीणों में खुशी का माहौल था. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब बारिश होती है और यहां कीचड़ जमा हो जाता है. गांव के युवाओं के मुताबिक इस रोड पर चार जगह डामर निकलने से गिट्टी निकल चुकी है. रोड से ट्रैक्टर-ट्राली को संभालकर निकालना पड़ता है.

स्टंटबाज सड़क! हल्की बारिश में हो जाती है जानलेवा, देखें वीडियो

जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने बताया कि यह सड़क 3 साल की गारंटी पीरियड में है. ऐसे में गारंटी की भी अब जांच कराई जाएगी.

जबलपुर। बेलखेड़ा-सिंघपुर गांव की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. जिसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मप्र ग्रामीण विकास प्राधिकरण की ओर से मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत इसका निर्माण हुआ था. इसका निर्माण ठेका कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था. कंपनी की शर्त के अनुसार सड़क एक साल में बननी थी, लेकिन रोड और पुल का निर्माण अप्रैल 2021 तक चला.

तीन साल बाद बनकर तैयार हुआ पुल
तीन किमी की इस सड़क में 200 मीटर कंक्रीट का निर्माण पुलिया वाले स्थानों पर किया गया है. यहां कुल तीन पुलिया का निर्माण हुआ है, लेकिन वे भी अधूरे हैं. वहीं, पुलिया की कंक्रीट रोड बनते ही टूट गई. डामर की सड़क की कई जगह की गिट्‌टी भी निकलकर फैल गई. इसके निर्माण के लिए अभी तक कोई काम भी नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने इस रोड निर्माण की जांच कराने की मांग रखी है.

ग्रामीणों का छलका दर्द
गांव के विनय बादल ने बताया- पैसे की बर्बादी देखना चाहते हैं, तो बेलखेड़ा-सिंघपुर रोड पर चले आईए. किसान इसी से आते-जाते हैं. अप्रैल में ही पुलिया निर्माण पूरा हुआ और टूट गया. मुकेश कुमार के मुताबिक जनता का पैसा पानी की तरह इस रोड पर बहा दिया गया. रघुनंदन शर्मा के मुताबिक इस रोड पर कोई भारी वाहन तक नहीं गुजरता, फिर भी टूट गई.

लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद पहली बार ये सड़क बनी, तो ग्रामीणों में खुशी का माहौल था. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब बारिश होती है और यहां कीचड़ जमा हो जाता है. गांव के युवाओं के मुताबिक इस रोड पर चार जगह डामर निकलने से गिट्टी निकल चुकी है. रोड से ट्रैक्टर-ट्राली को संभालकर निकालना पड़ता है.

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जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने बताया कि यह सड़क 3 साल की गारंटी पीरियड में है. ऐसे में गारंटी की भी अब जांच कराई जाएगी.

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