जबलपुर/विदिशा/खंडवा/धार/शहडोल। मध्यप्रदेश में बेकाबू हो रहा कोरोना संक्रमण प्रदेश के महाकौशल अंचल यानी जबलपुर संभाग में भी तेजी से फैल रहा है. संभाग में कोरोना वायरस की संख्या बढ़कर करीब अब 7500 के पार हो गई है. जबकि 120 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. हालांकि जबलपुर संभाग में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 70 फ़ीसदी होने से एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 1600 है लेकिन आगे लगातार अब बड़े संक्रमण के चलते प्रशासन को इलाज की व्यवस्थाओं की चिंता सताने लगी है.
महाकौशल के आठ जिलों जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, कटनी और नरसिंहपुर में कोरोना वायरस की बढ़ती संख्या को देखकर संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई की कवायद की है. संभाग के अस्पतालों में फिलहाल ऑक्सीजन सुविधा के साथ 6 हजार बेडस सहित 11 हजार बेड्स की व्यवस्था कर ली गई है. जबलपुर के संभाग आयुक्त महेश चंद्र चौधरी ने बीते दिनों हुई बारिश से सड़क संपर्क टूटने पर ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने पर भी चिंता जताई है.
संभाग आयुक्त महेश चंद्र चौधरी ने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल करने के अलावा 1 माह के भीतर जबलपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल परिसर में बड़ा ऑक्सीजन टैंक बनवाने के निर्देश दिए हैं ताकि ऑक्सीजन का भंडारण यहां पर्याप्त हो और जरूरतमंद कोरोना वायरस मरीज को पाइपलाइन के जरिए निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई की जा सके.
विदिशा के सिरोंज में बनाए गये कोविड सेंटर में लापरवाही को लेकर अब कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. ब्लॉक अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिरोंज एसडीएम को एक आवेदन सौंपकर जिम्मेदारों पर आरोप लगाए हैं कि कोविड सेंटर में इलाज के लिए आए मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. यहां तक की सेंटर में खाने इल्लियां एवं नाश्ते में चीटियां निकल रही हैं. कांग्रेस का आरोप है कि कोविंड सेंटर में इलाज के लिए आए मरीजों को खाना नहीं मिलने के कारण परिजनों के द्वारा खाना पहुंचाया जा रहा है, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
खंडवा में कोरोना अब 1000 के आंकड़े को पार कर चुका हैं. शुक्रवार को आई 14 पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद अब कोरोना के कुल मामलों की संख्या 1007 हो गई हैं. शुक्रवार को खंडवा में 14 रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं. वहीं जिले में अब कुल पॉजिटिव का आंकड़ा जहां 1007 हो गया हैं. वहीं कुल मृतकों की संख्या 23 पहुंच चुकी हैं.
वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण बड़े शहरों के बाद अब कस्बे व छोटे गांव में भी धीरे-धीरे पैर पसारने लगा है. रतलाम के आलोट में शुक्रवार को आई रिपोर्ट में आलोट स्थित बैंक ऑफ इंडिया के शाखा आलोट के प्रबंधक भी पॉजिटिव पाए गए. बैंक ऑफ इंडिया की शाखा पर ताले लगाकर ग्राहकों के लिए एक सूचना चस्पा की गई है, जिसमें लिखा है कि शाखा प्रबंधक कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने से अगले आदेश तक बैंक बंद रहेगी. इसके पूर्व आईसीआईसीआई बैंक शाखा के अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना के मरीज पाए जाने पर यह बैंक करीब दो सप्ताह तक बंद रही थी.
धार के पीथमपुर में कोरोना संक्रमण अपने पैर पसारता जा रहा है. जिसको देखते हुए आइसर कंपनी में भी कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं. जिसमें आईसर के परचेज और डिओडी डिपार्टमेंट में जितने भी स्टाफ के अधिकारी हैं. उन्हें वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है. इसी डिपार्टमेंट में पांच संक्रमित एक साथ निकले थे. वहां अब स्टफ के अधिकारी को आने से मनाई है. इसके अलावा बीएमओ चमनदीप अरोड़ा ने बताया कि 54 एक्टिव केस और अभी तक 104 कुल केस हो गए हैं. 50 के करीब ठीक होकर घर चले गए हैं. आईसर मोटर्स के एचआर एडमिन मिलिंद मोगदे ने बताया कि हमारी कंपनी में ज्यादा एक्टिव केस नहीं है और जो परचेज बीओडी इन सब के स्टाफ को हमने वर्क फ्रॉम होम करवा रहे हैं. इसके अलावा हर घंटे पर कंपनी में सैनिटाइज होता है जिसको भी सर्दी खांसी होती है उसे अगले दिन मना कर दिया जाता है और उसकी बकायदा नाम नंबर रजिस्टर में नोट किया जाता है.
शहडोल जिले में कोरोना सैंपल को लेकर इंदौर जांच के लिए भेजा गया था जहां से बीते शुक्रवार को रिपोर्ट आई और उस जांच रिपोर्ट में 422 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. जिसमें महज 5 लोग ही कोरोना संक्रमित पाए गए है. शहडोल जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे थे और कोई समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर यह हो क्या रहा है लगातार धीरे-धीरे लोग जांच पर ही सवाल खड़े करने लग गए थे, जिसके बाद 48 घण्टे के लिए लैब को बंद करके और फिर जांच के लिए इंदौर सैंपल भेजा गया और वहां से जब रिपोर्ट आई तो हैरानी वाला रहा क्योंकि जब शहडोल में जांच हो रही थी तो पिछले कुछ दिनों से औसत 40 से ऊपर ही मरीज मिल रहे थे. कभी 57 कभी 47 तो कभी 41 और हर दिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा था, एक दिन में मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहा था.