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जबलपुर-संभाग में बढ़ रहे कोरोना केस, कमिश्नर ने बताई ये वजह - Divisional Commissioner Maheshchandra Chaudhary

ईटीवी भारत से बात करते हुए संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने बताया है कि हाल ही में डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में जो कोरोना के केस बड़े हैं उसकी वजह प्रवासी मजदूर हैं.

corona cases increased due to migrant
संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी
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Published : May 27, 2020, 6:02 PM IST

जबलपुर। शहर के अलावा अब संभाग के अन्य जिलों में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. हाल ही के दिनों में जबलपुर संभाग में आने वाले डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी में तेजी से कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हैं, जिसको लेकर राज्य सरकार और प्रशासन चिंतित है. संभाग में अचानक से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का कारण प्रवासी मजदूरों को बताया जा रहा है.

संभाग कमिश्नर से खास बात

ईटीवी भारत से बात करते हुए संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने बताया कि हाल ही में डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में जो कोरोना के केस बड़े हैं उसकी वजह प्रवासी मजदूर है. बालाघाट में ही एक लाख से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से आए हुए हैं. इसी तरह मंडला में 40 से 45 हजार, डिंडोरी में 55000 मजदूर दूसरे राज्यों से आए हैं. संभाग कमिश्नर ने बताया कि बड़ी संख्या में आदिवासी वर्ग के लोग जो कि दूसरे राज्यों में रहते थे और अब वह अपने-अपने घर आ रहे हैं तो कोरोना वायरस संक्रमण भी साथ में लेकर आ रहे हैं.

श्रमिक वर्ग के लोग अपने साथ ला रहे हैं संक्रमण

संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने बताया कि सैम्पलों के आधार पर पता चला है कि जो श्रमिक वर्ग के लोग दक्षिण भारत से महाराष्ट्र से और अन्य राज्यों से अपने घर वापस आ रहे हैं और साथ में संक्रमण भी ला रहे हैं, ऐसे में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है कि संक्रमण को कैसे रोका जाए. जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें क्वारेंटाइन किया जाए जिसको लेकर कलेक्टरों को निर्देश भी दिए गए हैं.

आदिवासी बाहुल्य जिलों में लोगों को रास नहीं आ रहा मास्क

संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की माने तो आदिवासी बाहुल्य जिलों में एक बड़ी समस्या है जो कि है सरकार के निर्देशों का पालन करने कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना है एवं सोशल डिस्टेंस को बनाकर रखना अनिवार्य है लेकिन हाल ही में यह स्थानीय प्रशासन के द्वारा पता चला है कि आदिवासी लोग मास्क पहनने और दूर-दूर रहने को लेकर जागरुक नहीं हैं, इसको लेकर अब संभाग कमिश्नर ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि आदिवासी लोगों के सामने जागरुकता फैलाई जाए और जरूरत पड़े तो कार्रवाई भी की जाए क्योंकि, किसी भी कीमत में अब कोरोना के केसों को नहीं बढ़ने देना है.

इन जिलों में आए हैं प्रवासी मजदूर

  1. बालाघाट में एक लाख से ज्यादा श्रमिक दूसरे राज्यों से लौटे हैं यही वजह है कि वहां पर कोरोना पॉजिटिव केस 36 हो गए हैं.
  2. डिंडोरी में 55,000 मजदूर दूसरे राज्यो से लौटे हैं अगर बात की जाए यहां कोरोना संख्या की तो डिंडोरी में 16 केस पॉजिटिव पाए गए हैं.
  3. मंडला में भी 40,000 प्रवासी मजदूर बाहर राज्यो से आए हैं जबकि पॉजिटिव की संख्या यहां 1 है.
  4. नरसिंहपुर जिले में करीब 40 मजदूर वापस लौटे हैं और यहां पर पॉजिटिव संख्या 2 है.
  5. छिंदवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव 5 है और यहां भी हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों से आए हैं.

जबलपुर। शहर के अलावा अब संभाग के अन्य जिलों में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. हाल ही के दिनों में जबलपुर संभाग में आने वाले डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी में तेजी से कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हैं, जिसको लेकर राज्य सरकार और प्रशासन चिंतित है. संभाग में अचानक से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का कारण प्रवासी मजदूरों को बताया जा रहा है.

संभाग कमिश्नर से खास बात

ईटीवी भारत से बात करते हुए संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने बताया कि हाल ही में डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में जो कोरोना के केस बड़े हैं उसकी वजह प्रवासी मजदूर है. बालाघाट में ही एक लाख से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से आए हुए हैं. इसी तरह मंडला में 40 से 45 हजार, डिंडोरी में 55000 मजदूर दूसरे राज्यों से आए हैं. संभाग कमिश्नर ने बताया कि बड़ी संख्या में आदिवासी वर्ग के लोग जो कि दूसरे राज्यों में रहते थे और अब वह अपने-अपने घर आ रहे हैं तो कोरोना वायरस संक्रमण भी साथ में लेकर आ रहे हैं.

श्रमिक वर्ग के लोग अपने साथ ला रहे हैं संक्रमण

संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने बताया कि सैम्पलों के आधार पर पता चला है कि जो श्रमिक वर्ग के लोग दक्षिण भारत से महाराष्ट्र से और अन्य राज्यों से अपने घर वापस आ रहे हैं और साथ में संक्रमण भी ला रहे हैं, ऐसे में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है कि संक्रमण को कैसे रोका जाए. जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें क्वारेंटाइन किया जाए जिसको लेकर कलेक्टरों को निर्देश भी दिए गए हैं.

आदिवासी बाहुल्य जिलों में लोगों को रास नहीं आ रहा मास्क

संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की माने तो आदिवासी बाहुल्य जिलों में एक बड़ी समस्या है जो कि है सरकार के निर्देशों का पालन करने कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना है एवं सोशल डिस्टेंस को बनाकर रखना अनिवार्य है लेकिन हाल ही में यह स्थानीय प्रशासन के द्वारा पता चला है कि आदिवासी लोग मास्क पहनने और दूर-दूर रहने को लेकर जागरुक नहीं हैं, इसको लेकर अब संभाग कमिश्नर ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि आदिवासी लोगों के सामने जागरुकता फैलाई जाए और जरूरत पड़े तो कार्रवाई भी की जाए क्योंकि, किसी भी कीमत में अब कोरोना के केसों को नहीं बढ़ने देना है.

इन जिलों में आए हैं प्रवासी मजदूर

  1. बालाघाट में एक लाख से ज्यादा श्रमिक दूसरे राज्यों से लौटे हैं यही वजह है कि वहां पर कोरोना पॉजिटिव केस 36 हो गए हैं.
  2. डिंडोरी में 55,000 मजदूर दूसरे राज्यो से लौटे हैं अगर बात की जाए यहां कोरोना संख्या की तो डिंडोरी में 16 केस पॉजिटिव पाए गए हैं.
  3. मंडला में भी 40,000 प्रवासी मजदूर बाहर राज्यो से आए हैं जबकि पॉजिटिव की संख्या यहां 1 है.
  4. नरसिंहपुर जिले में करीब 40 मजदूर वापस लौटे हैं और यहां पर पॉजिटिव संख्या 2 है.
  5. छिंदवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव 5 है और यहां भी हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों से आए हैं.
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