जबलपुर। हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए जूनियर डाॅक्टरों द्वारा हड़ताल समाप्त नहीं किये जाने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस सुजय पाॅल की युगलपीठ से याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता ने जूनियर डाॅक्टर की हड़ताल के संबंध में गत दिवस हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद याचिका पर सुनवाई नहीं करने का आग्रह किया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.
हाईकोर्ट ने तीन जून को दिए थे आदेश
याचिकाकर्ता एमए खान की तरफ से दायर की गयी अवमानना याचिका में कहा गया था कि तीन जून को हाईकोर्ट ने जूनियर डाॅक्टरों की प्रदेशव्यापी हड़ताल को अवैधानिक करार दिया था. हाईकोर्ट ने डाॅक्टरों को 24 घंटों में काम पर लौटने के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी जूनियर डाॅक्टर काम पर नहीं लौटे. जूनियर डाॅक्टरों ने इलेक्टाॅनिक व प्रिंट मीडिया में हड़ताल समाप्त करने के स्टेटमेंट दिये थे, जो हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है. याचिका में आदेश के बावजूद भी हड़ताल समाप्त नहीं करने वाले जूनियर डाॅक्टरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने का मांग की गयी थी.
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने युगलपीठ को बताया कि मुख्य याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत दिवस इस संबंध में आदेश पारित कर दिये हैं. इसलिए वह याचिका पर सुनवाई नहीं चाहते हैं. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.