जबलपुर। हाईकोर्ट में चुनाव संबंधित लंबित मामलों को लेकर जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने याचिकाओं पर सुनवाई के संबंध में शिकायत की थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है.
यह थी अर्जी
जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे अपने पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में उल्लिखित कानून की धाराओं का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव याचिकाओं पर फैसला 6 महीने में हो जाना चाहिए और इसकी सुनवाई दिन प्रतिदिन होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है.
यह है पूरा मामला
जितेंद्र अवस्थी बरगी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए फॉर्म लेकर वह कलेक्ट्रेट भी पहुंचे थे, पर तत्कालीन पीठासीन अधिकारी रोहित सिंह ने उन्हें निर्वाचन फॉर्म भरने नहीं दिया और पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन निर्वाचन कक्ष से बाहर कर दिया. जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड़ पाए. इसी को आधार बनाकर उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी, जिसकी बीते 10 महीने से सुनवाई चल रही थी, जिसका फैसला अभी तक सुरक्षित है.
बरगी विधानसभा क्षेत्र से जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वह निर्दलीय पर्चा दाखिल करना चाहते थे. अब यदि ये चुनाव याचिका पर निर्वाचित प्रत्याशी के खिलाफ फैसला आता है तो कांग्रेस के विधायक संजय यादव के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था.