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SC ने पूर्व कांग्रेस नेता के पत्र को माना जनहित याचिका, HC में लंबित चुनावी याचिकाओं के संबंध में लिखा था पत्र - Jitendra Awasthi in Supreme Court

पूर्व कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हाईकोर्ट में लंबित चुनाव याचिकाओं की सुनवाई के संबंध में पत्र लिखा था. जिस पर गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है.

जितेंद्र अवस्थी की याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार
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Published : Nov 18, 2019, 5:36 AM IST

Updated : Nov 18, 2019, 9:42 AM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट में चुनाव संबंधित लंबित मामलों को लेकर जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने याचिकाओं पर सुनवाई के संबंध में शिकायत की थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है.

पूर्व कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी

यह थी अर्जी

जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे अपने पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में उल्लिखित कानून की धाराओं का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव याचिकाओं पर फैसला 6 महीने में हो जाना चाहिए और इसकी सुनवाई दिन प्रतिदिन होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है.

यह है पूरा मामला

जितेंद्र अवस्थी बरगी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए फॉर्म लेकर वह कलेक्ट्रेट भी पहुंचे थे, पर तत्कालीन पीठासीन अधिकारी रोहित सिंह ने उन्हें निर्वाचन फॉर्म भरने नहीं दिया और पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन निर्वाचन कक्ष से बाहर कर दिया. जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड़ पाए. इसी को आधार बनाकर उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी, जिसकी बीते 10 महीने से सुनवाई चल रही थी, जिसका फैसला अभी तक सुरक्षित है.

बरगी विधानसभा क्षेत्र से जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वह निर्दलीय पर्चा दाखिल करना चाहते थे. अब यदि ये चुनाव याचिका पर निर्वाचित प्रत्याशी के खिलाफ फैसला आता है तो कांग्रेस के विधायक संजय यादव के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था.

जबलपुर। हाईकोर्ट में चुनाव संबंधित लंबित मामलों को लेकर जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने याचिकाओं पर सुनवाई के संबंध में शिकायत की थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है.

पूर्व कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी

यह थी अर्जी

जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे अपने पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में उल्लिखित कानून की धाराओं का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव याचिकाओं पर फैसला 6 महीने में हो जाना चाहिए और इसकी सुनवाई दिन प्रतिदिन होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है.

यह है पूरा मामला

जितेंद्र अवस्थी बरगी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए फॉर्म लेकर वह कलेक्ट्रेट भी पहुंचे थे, पर तत्कालीन पीठासीन अधिकारी रोहित सिंह ने उन्हें निर्वाचन फॉर्म भरने नहीं दिया और पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन निर्वाचन कक्ष से बाहर कर दिया. जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड़ पाए. इसी को आधार बनाकर उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी, जिसकी बीते 10 महीने से सुनवाई चल रही थी, जिसका फैसला अभी तक सुरक्षित है.

बरगी विधानसभा क्षेत्र से जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वह निर्दलीय पर्चा दाखिल करना चाहते थे. अब यदि ये चुनाव याचिका पर निर्वाचित प्रत्याशी के खिलाफ फैसला आता है तो कांग्रेस के विधायक संजय यादव के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. जितेंद्र अवस्थी को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था.

Intro:जबलपुर के कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी की चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल इलेक्शन पिटिशन की सुनवाई 6 महीनों में करवाने के लिए लिखी थी चिट्ठी


Body:जबलपुर कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट में लंबित चुनाव याचिका का उल्लेख किया गया था सुप्रीम कोर्ट ने इस चिट्ठी को एक जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है

जितेंद्र अवस्थी ने अपनी चिट्ठी में लिखा था की उन्होंने मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव के बाद एक चुनाव याचिका दायर की थी दरअसल जितेंद्र बस्ती कांग्रेस के नेता हैं और जबलपुर के बरगी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे वह फॉर्म लेकर कलेक्ट्रेट भी पहुंचे थे लेकिन तत्कालीन पीठासीन अधिकारी रोहित सिंह ने उन्हें निर्वाचन फॉर्म भरने नहीं दिया और पुलिस कर्मियों के द्वारा उन्हें जबरन निर्वाचन कक्ष से बाहर कर दिया इसलिए वे चुनाव नहीं लड़ पाए इसी को आधार बनाकर जितेंद्र अवस्थी ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी बीते 10 महीने से इस चुनाव याचिका में सुनवाई चल रही थी और इसका फैसला अभी तक सुरक्षित है जितेंद्र अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे अपने पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में उल्लेखित कानून की धाराओं का हवाला देते हुए यह कहा है कि चुनाव याचिकाओं का फैसला याचिका दायर करने के बाद 6 महीने में हो जाना चाहिए और इसकी सुनवाई दिन प्रतिदिन होनी चाहिए लेकिन चुनाव याचिकाओं में ऐसा नहीं होता और पांच 5 साल बाद फैसले आप आते हैं इस बात को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस लेटर पिटिशन को स्वीकार कर लिया है जितेंद्र बस्ती का कहना है कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई होगी

जितेंद्र बस्ती कांग्रेस नेता हैं और जबलपुर के बरगी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं मिला अब यदि यह चुनाव याचिका पर निर्वाचित प्रत्याशी के खिलाफ फैसला आता है तो कांग्रेस के विधायक संजय यादव को मुश्किल खड़ी हो सकती है


Conclusion:बाइक जितेंद्र अवस्थी कांग्रेस नेता
Last Updated : Nov 18, 2019, 9:42 AM IST
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