जबलपुर। नकली रेमडेसिविर के मामले में गिरफ्तार किए गए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा से पुलिस लगतार पूछताछ कर रही है. SIT की पूछताछ में मोखा ने कई अहम खुलासे भी किए हैं. अभी तक की पूछताछ में SIT को पता चला है कि नकली रेमडेसिविर मामले में सरबजीत सिंह मोखा या उसका परिवार ही नहीं बल्कि कई अन्य लोग भी जुड़े हुए थे. इस मामले में अब मध्य प्रदेश और गुजरात पुलिस मिलकर कड़ियां जोड़ने में लगी है.
हरकरण सिंह मोखा की रिमांड बढ़ाने की मांग
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की 3 दिन रिमांड पुलिस ने बुधवार को ली है, वहीं सरबजीत सिंह के बेटे हरकरण सिंह की पुलिस रिमांड शुक्रवार को खत्म हो रही है. पुलिस एक बार फिर हरकरण सिंह को रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाह रही है, इसके अलावा जबलपुर पुलिस प्रोडक्शन वारंट में गुजरात से सपन जैन, पुनीत शाह, कौशल वोरा और सुनील मिश्रा को भी लाने की तैयारी में जुटी हुई है.
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अभी तक की जांच में यह आया सामने
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गुजरात पुलिस के साथ इंदौर और जबलपुर पुलिस भी जांच कर रही है. अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि सुनील मिश्रा ने ही इंदौर से नकली इंजेक्शन भिजवाए थे, जिसको देवेश चौरसिया ने सरबजीत सिंह मोखा को लाकर दिए थे. इंदौर से इंजेक्शन मंगवाने के लिए हरकरण सिंह नकली आईडी का इस्तेमाल किया था यह बात भी पुलिस के सामने आई है.
पुलिस को मोबाइल की तलाश
पुलिस के अनुसार सरबजीत सिंह मोखा के मोबाइल में कई अहम सबूत छिपे हुए हैं, इसलिए पुलिस लगातार सरबजीत सिंह मोखा के मोबाइल की भी तलाश कर रही है. जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा ने अपने मोबाइल को बंद करके अस्पताल के केबिन में रख दिया था. फिलहाल पुलिस अपनी कार्रवाई में लगातार जुटी हुई है. एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का मानना है कि अभी तक की जो कार्रवाई चल रही है, जल्द उसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे.