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Black fungus के लक्षण और उससे बचने के उपाय - Identify

जबलपुर में भी इस बीमारी की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. क्योंकि ब्लैक फंगस की दस्तक के साथ ही इस बीमारी से मौत के मामले भी शुरू हो गए हैं.

Black fungus
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Published : May 22, 2021, 7:17 AM IST

Updated : May 22, 2021, 11:24 AM IST

जबलपुर। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में म्यूकर माइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस नाम की बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. बात प्रदेश की करे तो भोपाल, इंदौर के साथ ही जबलपुर में भी इस बीमारी की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. क्योंकि ब्लैक फंगस की दस्तक के साथ ही इस बीमारी से मौत के मामले भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में बीमारी से जूझने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है.

डॉ. अमित खरे

प्रतिरोधक तंत्र हो जाता है कमजोर

यह बीमारी कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा अटैक कर रही है. क्योंकि डॉ. अमित खरे की मेडिकल रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है कि जो लोग डायबिटीज बीमारी से पीड़ित हैं और वह कोरोना संक्रमित हैं या हुए हैं. इस दौरान उनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है, यही वजह है कि ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड देना पड़ता है जिसके चलते शरीर के अंदर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और देखते ही देखते स्टेरॉयड की ज्यादा मात्रा बढ़ते ही शरीर का प्रतिरोधक तंत्र भी कम होने लगता है, जिससे फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है. यही वजह है कि जिन कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड दी जा रही है, उनमें ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है.

Black Fungus
म्यूकर माइकोसिस

क्षतिग्रस्त हो सकता है मस्तिष्क

फंगस को गले मे ही शरीर की एक बड़ी कैरोटिड आर्टरी एथ्रोस्केलेरोसिस मिल जाती है. आर्टरी का एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाती है. फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है. इसी कारण ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की आंख निकालने के मामले सामने आ रहे हैं. अब हर दिन बढ़ रहे हैं, मामले गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है. म्यूकर माइकोसिस एक अलग तरह का फंगस है. ये रक्त वाहिकाओं में छेद करने की क्षमता रखता है. शरीर में प्रवेश के साथ ही ये रक्त वाहिकाओं में पहुंचने के लिए उसे नुकसान पहुंचाता है.

'कलकत्ता के सेठ' MP में नहीं दिला पाए एक भी बेड: सारंग का COUNTER ATTACK

सूख जाती है रक्त वाहिका

कामयाबी मिलने के बाद रक्त के जरिए ये पूरे शरीर में फैल जाता है और रक्त प्रवाह को रोकता है. इस कारण रक्त वाहिका सूख जाती है, जो गैंगरीन की तरह दिखता है. गैंगरीन काले रंग का होता है. इसी कारण वश इसे ब्लैक फंगस भी कहते हैं. ऐसे हालातों में यह दवाई पूरी तरह कारगर साबित हो रही है, ऐसा डॉक्टर का दावा है.

Dr. Amit Khare
डॉ. अमित खरे

ब्लैक फंगस के लक्षण

  • ब्लैक फंगस की चपेट में आने पर सबसे पहले आंख अचानक लाल होगी.
  • आंख में सूजन आ जाएगी, नजर कमजोर पड़ने लगेगी.
  • गंभीर मामलों में रोशनी भी जा सकती है, कोरोना पेशेंट आंख की लालिमा या सूजन को नजर अंदाज न करें
  • फंगस धमनियों के जरिए जब मस्तिष्क तक पहुंचेगा, तो रोगी को अचानक लकवा, मिर्गी का दौरा, बेहोशी, सिर में असहनीय दर्द जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं.
  • कुछ गंभीर मामलों में रोगी की अचानक मौत हो सकती है.

डॉ. अमित खरे के मुताबिक कुछ ऐसे कदम जिनके चलते इसे पनपने से पहले ही रोका जा सकता है

  • समय पर कोरोना को आइडेंटिफाई करे.
  • कोरोना को ज्यादा गंभीर हालत में न आने दे.
  • खासकर डायबिटीज मरीज शुगर को समय पर कंट्रोल में ले.
  • स्टेरॉइड के उपयोग के दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत.

पूरे शरीर पर करोड़ों की संख्या में फंगस और बैक्टीरिया होते हैं. इम्यून सिस्टम उन्हें मारता रहता है. इम्युनिटी कम होने पर ये हमला बोलते हैं. फंगस कई तरह के होते हैं. कोई त्वचा को खाता है, तो कोई नाखून खाता है. म्यूकर माइकोसिस रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा रहा है. और ये घातक तरह का फंगस है. ऐसे में थोड़ी से सावधानी लोगों बचा सकती है.

जबलपुर। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में म्यूकर माइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस नाम की बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. बात प्रदेश की करे तो भोपाल, इंदौर के साथ ही जबलपुर में भी इस बीमारी की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. क्योंकि ब्लैक फंगस की दस्तक के साथ ही इस बीमारी से मौत के मामले भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में बीमारी से जूझने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है.

डॉ. अमित खरे

प्रतिरोधक तंत्र हो जाता है कमजोर

यह बीमारी कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा अटैक कर रही है. क्योंकि डॉ. अमित खरे की मेडिकल रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है कि जो लोग डायबिटीज बीमारी से पीड़ित हैं और वह कोरोना संक्रमित हैं या हुए हैं. इस दौरान उनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है, यही वजह है कि ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड देना पड़ता है जिसके चलते शरीर के अंदर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और देखते ही देखते स्टेरॉयड की ज्यादा मात्रा बढ़ते ही शरीर का प्रतिरोधक तंत्र भी कम होने लगता है, जिससे फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है. यही वजह है कि जिन कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड दी जा रही है, उनमें ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है.

Black Fungus
म्यूकर माइकोसिस

क्षतिग्रस्त हो सकता है मस्तिष्क

फंगस को गले मे ही शरीर की एक बड़ी कैरोटिड आर्टरी एथ्रोस्केलेरोसिस मिल जाती है. आर्टरी का एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाती है. फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है. इसी कारण ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की आंख निकालने के मामले सामने आ रहे हैं. अब हर दिन बढ़ रहे हैं, मामले गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है. म्यूकर माइकोसिस एक अलग तरह का फंगस है. ये रक्त वाहिकाओं में छेद करने की क्षमता रखता है. शरीर में प्रवेश के साथ ही ये रक्त वाहिकाओं में पहुंचने के लिए उसे नुकसान पहुंचाता है.

'कलकत्ता के सेठ' MP में नहीं दिला पाए एक भी बेड: सारंग का COUNTER ATTACK

सूख जाती है रक्त वाहिका

कामयाबी मिलने के बाद रक्त के जरिए ये पूरे शरीर में फैल जाता है और रक्त प्रवाह को रोकता है. इस कारण रक्त वाहिका सूख जाती है, जो गैंगरीन की तरह दिखता है. गैंगरीन काले रंग का होता है. इसी कारण वश इसे ब्लैक फंगस भी कहते हैं. ऐसे हालातों में यह दवाई पूरी तरह कारगर साबित हो रही है, ऐसा डॉक्टर का दावा है.

Dr. Amit Khare
डॉ. अमित खरे

ब्लैक फंगस के लक्षण

  • ब्लैक फंगस की चपेट में आने पर सबसे पहले आंख अचानक लाल होगी.
  • आंख में सूजन आ जाएगी, नजर कमजोर पड़ने लगेगी.
  • गंभीर मामलों में रोशनी भी जा सकती है, कोरोना पेशेंट आंख की लालिमा या सूजन को नजर अंदाज न करें
  • फंगस धमनियों के जरिए जब मस्तिष्क तक पहुंचेगा, तो रोगी को अचानक लकवा, मिर्गी का दौरा, बेहोशी, सिर में असहनीय दर्द जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं.
  • कुछ गंभीर मामलों में रोगी की अचानक मौत हो सकती है.

डॉ. अमित खरे के मुताबिक कुछ ऐसे कदम जिनके चलते इसे पनपने से पहले ही रोका जा सकता है

  • समय पर कोरोना को आइडेंटिफाई करे.
  • कोरोना को ज्यादा गंभीर हालत में न आने दे.
  • खासकर डायबिटीज मरीज शुगर को समय पर कंट्रोल में ले.
  • स्टेरॉइड के उपयोग के दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत.

पूरे शरीर पर करोड़ों की संख्या में फंगस और बैक्टीरिया होते हैं. इम्यून सिस्टम उन्हें मारता रहता है. इम्युनिटी कम होने पर ये हमला बोलते हैं. फंगस कई तरह के होते हैं. कोई त्वचा को खाता है, तो कोई नाखून खाता है. म्यूकर माइकोसिस रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा रहा है. और ये घातक तरह का फंगस है. ऐसे में थोड़ी से सावधानी लोगों बचा सकती है.

Last Updated : May 22, 2021, 11:24 AM IST
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