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रायसेन में हैं बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट, मिलेगी आदिमानव काल से ऐतिहासिक विरासत की जानकारी - RAISEN HISTORICAL PLACES

नए साल पर इतिहास और पर्यावरण से जुड़े पर्यटन स्थलों की तलाश कर रहे हैं तो परिवार के साथ इन स्थानों पर पहुंच सकते हैं.

RAISEN HISTORICAL PLACES
रायसेन में हैं बेहतरीन ऐतिहासिक टूरिस्ट स्पॉट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 12 hours ago

रायसेन: अगर आप नये साल में अपने परिवार के साथ कहीं जाने का विचार बना रहे हैं तो राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले में स्थित ये पर्यटक स्थल आपके लिये बेहतर विकल्प हो सकते हैं. यहां आपको बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट, स्वच्छ वातावरण के साथ प्राचीन भारत से लेकर आदिमानव काल से भी पहले के इतिहास की जानकारी मिलेगी. ये जानकारी आपके बच्चों के ज्ञानवर्धन के साथ आपके परिवार के लिए यादगार पल बन सकता है. ईटीवी भारत रूबरू कराने जा रहा है ऐसे ही मशहूर पर्यटक स्थलों के बारे में.

यूनेस्को में भी दर्ज हैं ऐतिहासिक विरासत

भोपाल से सटे रायसेन जिले की ऐतिहासिक विरासत में से सांची और भीमबेटिका यूनेस्को में दर्ज है. इस जिले में विश्व के एकमात्र एक ही पत्थर से बने महादेव का विशालकाय शिवलिंग मौजूद है. रायसेन शहर में गोंड राजा का ऐतिहासिक दुर्ग स्थित है जहां का रमणीक वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों के मन में आनंद भर देता है. इन महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर अपना नया साल हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट कर सकते हैं.

यूनेस्को में दर्ज हैं मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत (ETV Bharat)

शांति की नगरी सांची

भोपाल से लगभग 40 किलोमीटर का सफर करके आप रायसेन जिले के सांची शहर पहुंच सकते हैं. इस स्थान को यूनेस्को ने 1989 में अपनी सूची में जोड़ा था. यहां महात्मा गौतम बुद्ध के प्रिय शिष्य महामोदगलयन और सारीकपुत्र के अस्ति कलश के साथ ही सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सांची के स्तूप भी मौजूद हैं. यह स्थान एक पहाड़ी पर बनाया गया था. प्राकृतिक वातावरण के बीच मौजूद यह स्थान भारत के आध्यात्मिक और महात्मा गौतम बुद्ध की श्रुतियों की जानकारी देता है. पर्यटकों के लिए यहां पर सुरक्षा के साथ परिवार के साथ समय बिताने के लिए बेहतर परिवेश है. सांची से लगभग 15 किलोमीटर दूर सतधारा के भी स्तूप मौजूद हैं, जहां पर गौतम बुद्ध के अस्थि कलशों की खोज की गई थी.

New Year celebration raisen places
पर्यटन के साथ ऐतिहासिक विरासत की जानकारी (ETV Bharat)

शैलचित्रों के लिए जाना जाता है भीमबेटका

भीमबेटका रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है. यहां भोपाल शहर से 40 किलोमीटर का सफर कर पंहुचा जा सकता है. यह आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है. इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है. ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं. इसे यूनेस्को ने 2003 में अपनी सूची में शामिल किया था. इस जगह पर लगभग 550 मिलियन वर्ष से पुराने डिकीसोनिया फॉसिल की भी खोज हुई है. यहां पर मिलने वाले शैलचित्र 10 से 30 हजार वर्ष पुराने हैं, जो हमें मानव सभ्यता के इतिहास से रूबरू कराते हैं. यहां पर आप अपने परिवार के साथ आकर आनंद के साथ अपने नए साल का जश्न तो मना ही सकते हैं वहीं अपने इतिहास को भी बखूबी जान सकते हैं.

Bhimbetika known for rock paintings
शैलचित्रों के लिए जाना जाता है भीमबेटिका (ETV Bharat)

भोजपुर के भोजेश्वर महादेव

भोजेश्वर मन्दिर भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गांव में बना एक मंदिर है. इसे भोजपुर मंदिर भी कहते हैं. यह मंदिर बेतवा नदी के तट पर विंध्य पर्वतमालाओं के बीच एक पहाड़ी पर है. मंदिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज ने करवाई थी. इस मंदिर की खास बात एक ही पत्थर से बनाए गए विशालकाय शिवलिंग है. इसकी नक्काशी के साथ उस समय की इंजीनियरिंग के बारे में जानकारी देता है. मंदिर के सामने ही एक पत्थर पर उकेरी गई नक्काशी देखते ही बनती है. यह स्थल धार्मिक स्थल होने के साथ ही यूनेस्को की आने वाली सूची में भी शामिल होने वाला है.

Madhya Pradesh historical heritage
रायसेन जिले के टूरिस्ट स्पॉट (ETV Bharat)

पहाड़ पर बना रायसेन का किला

रायसेन शहर में बना किला बुलंद इतिहास की जानकारी देता है. यहां पर आज भी उस जमाने में इस्तेमाल की जाने वाली तोपों के साथ इतनी ऊंचाई पर पानी के बेहतर जल प्रबंधन की जानकारी मिलती है. इस किले को जीतने के लिए शेरशाह सूरी ने भी कई बार आक्रमण किया था. यहां इत्र महल, बादल महल,रानी महल के साथ एक दर्जन से अधिक बावड़ियां मिलेंगी. जहां पर पानी का स्टोरेज किया जाता था.

रायसेन: अगर आप नये साल में अपने परिवार के साथ कहीं जाने का विचार बना रहे हैं तो राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले में स्थित ये पर्यटक स्थल आपके लिये बेहतर विकल्प हो सकते हैं. यहां आपको बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट, स्वच्छ वातावरण के साथ प्राचीन भारत से लेकर आदिमानव काल से भी पहले के इतिहास की जानकारी मिलेगी. ये जानकारी आपके बच्चों के ज्ञानवर्धन के साथ आपके परिवार के लिए यादगार पल बन सकता है. ईटीवी भारत रूबरू कराने जा रहा है ऐसे ही मशहूर पर्यटक स्थलों के बारे में.

यूनेस्को में भी दर्ज हैं ऐतिहासिक विरासत

भोपाल से सटे रायसेन जिले की ऐतिहासिक विरासत में से सांची और भीमबेटिका यूनेस्को में दर्ज है. इस जिले में विश्व के एकमात्र एक ही पत्थर से बने महादेव का विशालकाय शिवलिंग मौजूद है. रायसेन शहर में गोंड राजा का ऐतिहासिक दुर्ग स्थित है जहां का रमणीक वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों के मन में आनंद भर देता है. इन महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर अपना नया साल हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट कर सकते हैं.

यूनेस्को में दर्ज हैं मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत (ETV Bharat)

शांति की नगरी सांची

भोपाल से लगभग 40 किलोमीटर का सफर करके आप रायसेन जिले के सांची शहर पहुंच सकते हैं. इस स्थान को यूनेस्को ने 1989 में अपनी सूची में जोड़ा था. यहां महात्मा गौतम बुद्ध के प्रिय शिष्य महामोदगलयन और सारीकपुत्र के अस्ति कलश के साथ ही सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सांची के स्तूप भी मौजूद हैं. यह स्थान एक पहाड़ी पर बनाया गया था. प्राकृतिक वातावरण के बीच मौजूद यह स्थान भारत के आध्यात्मिक और महात्मा गौतम बुद्ध की श्रुतियों की जानकारी देता है. पर्यटकों के लिए यहां पर सुरक्षा के साथ परिवार के साथ समय बिताने के लिए बेहतर परिवेश है. सांची से लगभग 15 किलोमीटर दूर सतधारा के भी स्तूप मौजूद हैं, जहां पर गौतम बुद्ध के अस्थि कलशों की खोज की गई थी.

New Year celebration raisen places
पर्यटन के साथ ऐतिहासिक विरासत की जानकारी (ETV Bharat)

शैलचित्रों के लिए जाना जाता है भीमबेटका

भीमबेटका रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है. यहां भोपाल शहर से 40 किलोमीटर का सफर कर पंहुचा जा सकता है. यह आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है. इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है. ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं. इसे यूनेस्को ने 2003 में अपनी सूची में शामिल किया था. इस जगह पर लगभग 550 मिलियन वर्ष से पुराने डिकीसोनिया फॉसिल की भी खोज हुई है. यहां पर मिलने वाले शैलचित्र 10 से 30 हजार वर्ष पुराने हैं, जो हमें मानव सभ्यता के इतिहास से रूबरू कराते हैं. यहां पर आप अपने परिवार के साथ आकर आनंद के साथ अपने नए साल का जश्न तो मना ही सकते हैं वहीं अपने इतिहास को भी बखूबी जान सकते हैं.

Bhimbetika known for rock paintings
शैलचित्रों के लिए जाना जाता है भीमबेटिका (ETV Bharat)

भोजपुर के भोजेश्वर महादेव

भोजेश्वर मन्दिर भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गांव में बना एक मंदिर है. इसे भोजपुर मंदिर भी कहते हैं. यह मंदिर बेतवा नदी के तट पर विंध्य पर्वतमालाओं के बीच एक पहाड़ी पर है. मंदिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज ने करवाई थी. इस मंदिर की खास बात एक ही पत्थर से बनाए गए विशालकाय शिवलिंग है. इसकी नक्काशी के साथ उस समय की इंजीनियरिंग के बारे में जानकारी देता है. मंदिर के सामने ही एक पत्थर पर उकेरी गई नक्काशी देखते ही बनती है. यह स्थल धार्मिक स्थल होने के साथ ही यूनेस्को की आने वाली सूची में भी शामिल होने वाला है.

Madhya Pradesh historical heritage
रायसेन जिले के टूरिस्ट स्पॉट (ETV Bharat)

पहाड़ पर बना रायसेन का किला

रायसेन शहर में बना किला बुलंद इतिहास की जानकारी देता है. यहां पर आज भी उस जमाने में इस्तेमाल की जाने वाली तोपों के साथ इतनी ऊंचाई पर पानी के बेहतर जल प्रबंधन की जानकारी मिलती है. इस किले को जीतने के लिए शेरशाह सूरी ने भी कई बार आक्रमण किया था. यहां इत्र महल, बादल महल,रानी महल के साथ एक दर्जन से अधिक बावड़ियां मिलेंगी. जहां पर पानी का स्टोरेज किया जाता था.

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