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दिग्विजय सिंह ने किया 3 नामों का खुलासा, बताया-सिंधिया के दबाव के बाद कैसे शुरू हुआ खेल - BHOPAL RTO CONSTABLE CASE

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा मामले में दिग्विजय सिंह ने बड़ा खुलासा किया है.

DIGVIJAY SINGH PRESS CONFERENCE
दिग्विजय सिंह ने किया 3 नामों का खुलासा, (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 12 hours ago

Updated : 12 hours ago

भोपाल: राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास करोड़ों की काली कमाई सामने आने के मामले में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि "प्रदेश में शिवराज सरकार आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव में परिवहन विभाग में तबादलों के लिए बनाए गए बोर्ड को खत्म कर दिया गया था. यह बोर्ड कमलनाथ सरकार के समय बनाया गया था. कमलनाथ सरकार में परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिलाने के लिए भी जबरदस्त दबाव बनाया गया था.

दिग्विजय सिंह ने काली कमाई से जुड़े मामले में तीन नाम उजागर किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ सहित इन चार लोगों से होते हुए ही काली कमाई ऊपर तक पहुंचती थी. जांच एजेंसी इन चार लोगों को गिरफ्तार कर मनी ट्रेल खंगाले तो बड़े मगरमच्छ के नाम सामने आ जाएंगे."

दिग्विजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV Bharat)

दिग्विजय सिंह ने बताए वे नाम जो पहुंचाते थे पैसा

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि "मध्य प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचार का उदाहरण देखने को नहीं मिलता, जिसमें जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए मिले. अब जो खबरें छन-छन कर आ रही हैं, उसमें इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि परिवहन विभाग में किस तरह चेक पोस्टों की नीलामी होती थी. प्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिए जाने के लिए भरपूर दबाव था.

अब यह ज्योतिरादित्य सिंधिया ही बता सकते हैं कि इसके लिए इतना दबाव क्यों बनाया गया था. कमलनाथ सरकार के समय परिवहन विभाग में चेक पोस्ट पर तैनाती के लिए एक बोर्ड बना दिया था, लेकिन जैसे ही शिवराज सरकार आई तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव में इस बोर्ड को खत्म कर दिया गया."

दिग्विजय सिंह का बड़ा आरोप

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि "सौरभ शर्मा को सागर निवासी परिवहन मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त था. वह मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था. जहां वकील साहब के नाम से मशहूर संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर परिवहन विभाग के करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब किताब रखता था. दिग्विजय सिंह ने कहा की आरटीआई संजय श्रीवास्तव, वीरेश पूर्व आरटीआई दशरथ सिंह पटेल के साथ मिलकर ही पूरे प्रदेश में आरटीओ बेरियर से वसूली होती थी.

यह वसूली गैंग मंत्री के नियंत्रण में अफसर के ट्रांसफर पोस्टिंग करते थे. वसूली का यह पूरा पैसा इनके जरिए यह अपने आकाओं तक पहुंचाया करते थे. दिग्विजय सिंह ने कहा की इन तीनों को गिरफ्तार कर इनसे पूछताछ की जाए और इनके मनी ट्रेल को खंगाल जाए, तो बड़े मगरमच्छ के नाम भी सामने आ जाएंगे. जांच में इनके तार शीर्ष नौकरशाहों से होकर पूर्व परिवहन मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री तक जुड़े मिलेंगे."

लोकायुक्त को इस पूरी जांच से अलग रखें

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जंगल में मिले कैश और 52 किलो सोने के मामले में यदि आयकर विभाग सही समय पर नहीं आती, तो लोकायुक्त इस मामले में कुछ भी करने वाली नहीं थी. दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. साथ ही मांग की है कि मामले की जांच हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में ईडी से ही कराई जाए और लोकायुक्त को इस पूरी कार्रवाई से दूर ही रखा जाए.

दिग्गी बोले दूसरे एपिसोड में और खुलासे करूंगा

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब इन मंत्री के पास खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग है. अब इस विभाग में भी कई बड़े घोटाले हो रहे हैं. इसका खुलासा भी में जल्द करूंगा."

भोपाल: राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास करोड़ों की काली कमाई सामने आने के मामले में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि "प्रदेश में शिवराज सरकार आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव में परिवहन विभाग में तबादलों के लिए बनाए गए बोर्ड को खत्म कर दिया गया था. यह बोर्ड कमलनाथ सरकार के समय बनाया गया था. कमलनाथ सरकार में परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिलाने के लिए भी जबरदस्त दबाव बनाया गया था.

दिग्विजय सिंह ने काली कमाई से जुड़े मामले में तीन नाम उजागर किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ सहित इन चार लोगों से होते हुए ही काली कमाई ऊपर तक पहुंचती थी. जांच एजेंसी इन चार लोगों को गिरफ्तार कर मनी ट्रेल खंगाले तो बड़े मगरमच्छ के नाम सामने आ जाएंगे."

दिग्विजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV Bharat)

दिग्विजय सिंह ने बताए वे नाम जो पहुंचाते थे पैसा

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि "मध्य प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचार का उदाहरण देखने को नहीं मिलता, जिसमें जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए मिले. अब जो खबरें छन-छन कर आ रही हैं, उसमें इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि परिवहन विभाग में किस तरह चेक पोस्टों की नीलामी होती थी. प्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिए जाने के लिए भरपूर दबाव था.

अब यह ज्योतिरादित्य सिंधिया ही बता सकते हैं कि इसके लिए इतना दबाव क्यों बनाया गया था. कमलनाथ सरकार के समय परिवहन विभाग में चेक पोस्ट पर तैनाती के लिए एक बोर्ड बना दिया था, लेकिन जैसे ही शिवराज सरकार आई तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव में इस बोर्ड को खत्म कर दिया गया."

दिग्विजय सिंह का बड़ा आरोप

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि "सौरभ शर्मा को सागर निवासी परिवहन मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त था. वह मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था. जहां वकील साहब के नाम से मशहूर संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर परिवहन विभाग के करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब किताब रखता था. दिग्विजय सिंह ने कहा की आरटीआई संजय श्रीवास्तव, वीरेश पूर्व आरटीआई दशरथ सिंह पटेल के साथ मिलकर ही पूरे प्रदेश में आरटीओ बेरियर से वसूली होती थी.

यह वसूली गैंग मंत्री के नियंत्रण में अफसर के ट्रांसफर पोस्टिंग करते थे. वसूली का यह पूरा पैसा इनके जरिए यह अपने आकाओं तक पहुंचाया करते थे. दिग्विजय सिंह ने कहा की इन तीनों को गिरफ्तार कर इनसे पूछताछ की जाए और इनके मनी ट्रेल को खंगाल जाए, तो बड़े मगरमच्छ के नाम भी सामने आ जाएंगे. जांच में इनके तार शीर्ष नौकरशाहों से होकर पूर्व परिवहन मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री तक जुड़े मिलेंगे."

लोकायुक्त को इस पूरी जांच से अलग रखें

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जंगल में मिले कैश और 52 किलो सोने के मामले में यदि आयकर विभाग सही समय पर नहीं आती, तो लोकायुक्त इस मामले में कुछ भी करने वाली नहीं थी. दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. साथ ही मांग की है कि मामले की जांच हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में ईडी से ही कराई जाए और लोकायुक्त को इस पूरी कार्रवाई से दूर ही रखा जाए.

दिग्गी बोले दूसरे एपिसोड में और खुलासे करूंगा

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब इन मंत्री के पास खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग है. अब इस विभाग में भी कई बड़े घोटाले हो रहे हैं. इसका खुलासा भी में जल्द करूंगा."

Last Updated : 12 hours ago
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