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MP में शराब कारोबारियों को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में सुनाया ये फैसला

शराब ठेकेदारों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने शराब ठेकों की नीलामी की राशि घटाने या नए सिरे से ठेकों की शुरूआत कराने को लेकर शराब ठेकेदारों की मांग को ठुकरा दिया है. ऐसे में मध्यप्रदेश में इस साल फिर से शराब के ठेके नहीं होंगे.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jul 22, 2020, 4:00 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदारों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने शराब ठेकों की नीलामी की राशि घटाने या नए सिरे से ठेकों की शुरूआत कराने को लेकर शराब ठेकेदारों की मांग को ठुकरा दिया है . ऐसे में मध्यप्रदेश में इस साल फिर से शराब के ठेके नहीं होंगे. अब ठेका लेने वाले शराब कारोबारियों को ही लाइसेंस की शर्तों पर ठेकों का संचालन करना होगा, लेकिन अगर ठेकेदार शराब दुकानें नहीं खोलते हैं तो सरकार उनकी राशि भी जब्त कर सकती है.

शराब कारोबारियों को बड़ा झटका

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा आबकारी नीति में किए गए संशोधन को भी सही माना है, जिसमें ठेका शर्तों के खिलाफ दुकानें सरेंडर करने वाले शराब ठेकेदारों को सरकार ब्लैक लिस्ट कर सकती है, और किसी दूसरे जिले की टेंडर प्रक्रिया में उनके शामिल होने पर भी रोक लगा सकती है.

बता दें कि हाईकोर्ट ने ये फैसला उन 37 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किया है, जिसमें शराब ठेकेदारों ने कोरोना वायरस में हुए घाटों की भरपाई की मांग की थी. और राज्य सरकार की आबकारी नीति में हुए संशोधन को भी चुनौती दी थी. हालांकि राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों को लॉकडाउन में हुए घाटों की भरपाई के लिए साल 2021 में दो माह अतिरिक्त ठेकों के संचालन की छूट दे दी है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदारों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने शराब ठेकों की नीलामी की राशि घटाने या नए सिरे से ठेकों की शुरूआत कराने को लेकर शराब ठेकेदारों की मांग को ठुकरा दिया है . ऐसे में मध्यप्रदेश में इस साल फिर से शराब के ठेके नहीं होंगे. अब ठेका लेने वाले शराब कारोबारियों को ही लाइसेंस की शर्तों पर ठेकों का संचालन करना होगा, लेकिन अगर ठेकेदार शराब दुकानें नहीं खोलते हैं तो सरकार उनकी राशि भी जब्त कर सकती है.

शराब कारोबारियों को बड़ा झटका

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा आबकारी नीति में किए गए संशोधन को भी सही माना है, जिसमें ठेका शर्तों के खिलाफ दुकानें सरेंडर करने वाले शराब ठेकेदारों को सरकार ब्लैक लिस्ट कर सकती है, और किसी दूसरे जिले की टेंडर प्रक्रिया में उनके शामिल होने पर भी रोक लगा सकती है.

बता दें कि हाईकोर्ट ने ये फैसला उन 37 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किया है, जिसमें शराब ठेकेदारों ने कोरोना वायरस में हुए घाटों की भरपाई की मांग की थी. और राज्य सरकार की आबकारी नीति में हुए संशोधन को भी चुनौती दी थी. हालांकि राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों को लॉकडाउन में हुए घाटों की भरपाई के लिए साल 2021 में दो माह अतिरिक्त ठेकों के संचालन की छूट दे दी है.

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