भोपाल। मध्यप्रदेश में डॉक्टरों को करोना काल के बाद अब गर्मी की छुट्टियां दे दी गई हैं. भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में जहां मरीज परेशान होते हुए दिखाई दिए. वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना था कि मध्यप्रदेश में 2 साल बाद डॉक्टरों को समर वेकेशन दिया गया है. पर्याप्त व्यवस्था में अल्टरनेट डॉक्टर रखे गए हैं. कहीं कोई कमी नहीं होगी. (summer vacation for mp doctors)
हमीदिया में 240 से अधिक डॉक्टर छुट्टी परः कोरोना काल के बाद अब डॉक्टरों को गर्मी की छुट्टियां मिलनी शुरू हो गई हैं. दो साल से सभी डॉक्टर बिना छुट्टी के काम कर रहे थे. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने फैसला देते हुए मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों को समर वेकेशन दे दिया है. इसमें रोटेशन के हिसाब से एक-एक माह की छुट्टी दी गई है. हमीदिया में 240 से अधिक डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे, जिसमें 1 महीने में 120 डॉक्टरों को ही छुट्टी मिल पाएगी, बाकी को अगले माह मिलेगी. इधर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि मध्यप्रदेश में समर वेकेशन पर डॉक्टरों के जाने से कोई परेशानी सामने नहीं आएगी. यह निरंतर प्रक्रिया है. 2 साल से डॉक्टरों को छुट्टी नहीं दी गई थी, ऐसे में सभी विभागों में अल्टरनेट व्यवस्था की हुई है. (vishwas sarang on doctors summer vacation)
जूनियर डॉक्टर करेंगे कामः विश्वास सारंग का कहना है कि जूनियर डॉक्टर जिस तरह से काम कर रहे थे, उस तरह से ही वह अपनी नियमित सेवाएं देते रहेंगे. संबंधित विभाग के एचओडी के नहीं होने से उस विभाग के जूनियर डॉक्टर काम करेंगे. फिलहाल मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं हमीदिया पहुंचे कुछ मरीज परेशान होते नजर आए. उनका कहना था कि कुछ विभागों में डॉक्टर नहीं होने के चलते अन्य विभागों में भेजा गया. इससे उन्हें आने-जाने में काफी समय बर्बाद हुआ. (mp hospital doctors on leave)
ओपीडी में दिखी लंबी कतारः हमीदिया अस्पताल में ड्यूटी पर आधे डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. वहीं ओपीडी में लंबी कतार देखने को मिलीं. इसके अलावा डॉक्टरों की छुट्टी के चलते विभाग में तीन सर्जरी को टाला गया. हमीदिया अस्पताल में गेस्ट्रो के साथ ही अन्य दो विभागों में सर्जरी टालीं गईं.
हमीदिया में डॉक्टरों की कमीः हमीदिया अस्पताल में कई विभाग ऐसे हैं, जहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. इसके बाद आधे डॉक्टरों की छुट्टियां होने से काफी परेशानी हो सकती है. रेडियोथैरेपी में सिर्फ 3 डॉक्टर हैं. न्यूक्लियर मेडिसिन और नेप्रोफोलॉजी में एक-एक डॉक्टर हैं. पीडियाट्रिक और कार्डियक सर्जरी में 2-2 डॉक्टर हैं. गेस्ट्रो मेडिसिन में 4, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी और स्किन एंड वीडी में 3-3 डॉक्टर हैं.
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जबलपुर में बुरा हालः मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार तमाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर 50% स्टाफ के साथ छुट्टी पर रहेंगे. सरकार के आदेश के बाद मेडिकल कॉलेज का जायजा लिया और देखने की कोशिश की है कि आखिर डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने के बाद मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं या फिर नहीं. ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी टेस्ट में पाया कि डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने के बाद मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से नहीं चल रही हैं. डॉक्टरों के छुट्टी के जाने के बाद ओपीडी में भारी भीड़ नजर आ रही है.