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14 साल के HIV पीड़ित बच्चे पर अपनों का सितम, चाचा ने घर से निकाला, बस में लटककर दमोह से पहुंचा जबलपुर, अब एक संस्था करवाएगी इलाज - 14 साल के HIV पीड़ित बच्चे को चाचा ने घर से निकाला

दमोह में 14 साल के बच्चे में HIV होने की पुष्टि के बाद चाचा ने घर से निकाल दिया तो. किसी तरह जिंदगी गुजार रहा ये बच्चा बस के पीछे लटककर दमोह से जबलपुर जा पहुंचा. यहां एक संस्था मोक्ष को बच्चे के एचआईवी पीड़ित होने की जानकारी मिली. अब संस्था इस बच्चे का इलाज करवाएगी.

अपने इलाज के लिए अकेला दमोह से जबलपुर पहुंचा बच्चा, मोक्ष संस्था करवाएगी इलाज
अपने इलाज के लिए अकेला दमोह से जबलपुर पहुंचा बच्चा, मोक्ष संस्था करवाएगी इलाज
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Published : Aug 21, 2021, 5:14 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 8:07 PM IST

जबलपुर। 14 साल के एक बच्चे में HIV की पुष्टि होने के बाद उसके सगे चाचा ने उसे घर से निकाल दिया. दमोह के एक गांव के रहने वाले इस बच्चे को जब कुछ समय नहीं आया, तो उसे जबलपुर की मोक्ष नाम की संस्था की याद आई. और ये मासूम चल दिया दमोह से जबलपुर के सफर पर. रास्ते में तमाम परेशानियों को पार कर जब बच्चा जबलपुर में मोक्ष संस्था के पास पहुंचा, तो उसके संघर्ष की कहानी दुनिया के सामने आई.

अपने इलाज के लिए अकेला दमोह से जबलपुर पहुंचा बच्चा, मोक्ष संस्था करवाएगी इलाज

10 साल पहले बच्चे के माता-पिता की हो चुकी है मौत

दमोह के एक गांव में रहने वाले 14 साल के मासूम के माता-पिता की मौत 10 साल पहले ही हो गई थी. इसके बाद बच्चा अपनी दादी और चाचा के साथ रहने लगा. मासूम अक्सर बीमार हो जाता था. इसलिए डॉक्टर ने बच्चे के कुछ टेस्ट किए जिसमें उसे HIV होने की पुष्टि हुई. भतीजे को HIV होने जानकारी लगते ही उसके निर्दयी चाचा ने उसे घर से निकाल दिया.

बस पर लटककर दमोह से जबलपुर पहुंचा मासूम

जब बच्चे को कुछ समय नहीं आया तो कुछ साल पहले उसे जबलपुर का वो अस्पताल और वहां लोगों की मदद करने वाली मोक्ष संस्था की याद आई. एक जोड़ी कपड़े लेकर बच्चा दमोह से जबलपुर के सफर पर निकल गया. पैसा नहीं होने से बस वाले ने बस में बैठाने से मना कर दिया, तो थोड़ी मिन्नते करके बच्चा बस में लटककर जबलपुर तक आ गया.

बस स्टैंड से मेडिकल कॉलेज तक पैदल पहुंचा बच्चा

बस स्टैंड से जबलपुर मेडिकल कॉलेज जाने के लिए बच्चा निकला तो उसने कई लोगों से रास्ता पूछा. मोक्ष संस्था का नाम पूछते हुए बच्चा जब मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़ रहा था, तो इसकी खबर संस्था के संरक्षक आशीष ठाकुर तक भी पहुंच गई. आशीष खुद बच्चे को ढूंढते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्हें बच्चा मिल गया. इसके बाद मासूम ने अपनी कहानी आशीष ठाकुर को बताई.

मेडिकल कॉलेज के HIV विभाग में इलाज जारी

इसके बाद मोक्ष संस्था ने बच्चे का इलाज करवाने की जिम्मेदारी उठाई. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के HIV विभाग को बच्चे के बारे में जानकारी दी गई. फिलहाल बच्चा इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज में रहेगा इसके बाद बच्चा मोक्ष संस्था के शेल्टर होम में रहेगा.

'ये राहत राशि की दारू पी जाएंगे...', कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल का विवादित बयान

मोक्ष संस्था करवाएगी बच्चे का पूरा इलाज

बच्चे के बारे में बाते करते हुए मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर ने बताया कि "बच्चा काफी समझदार है, वह अपना इलाज करवाना चाहता है, इसलिए इतनी तकलीफों के बाद भी इतना लंबा सफर करके जबलपुर तक आया है. मोक्ष संस्था ने बच्चे का इलाज करवाने का फैसला लिया है, वे बच्चे का पूरा इलाज करवाएंगे"

जबलपुर। 14 साल के एक बच्चे में HIV की पुष्टि होने के बाद उसके सगे चाचा ने उसे घर से निकाल दिया. दमोह के एक गांव के रहने वाले इस बच्चे को जब कुछ समय नहीं आया, तो उसे जबलपुर की मोक्ष नाम की संस्था की याद आई. और ये मासूम चल दिया दमोह से जबलपुर के सफर पर. रास्ते में तमाम परेशानियों को पार कर जब बच्चा जबलपुर में मोक्ष संस्था के पास पहुंचा, तो उसके संघर्ष की कहानी दुनिया के सामने आई.

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10 साल पहले बच्चे के माता-पिता की हो चुकी है मौत

दमोह के एक गांव में रहने वाले 14 साल के मासूम के माता-पिता की मौत 10 साल पहले ही हो गई थी. इसके बाद बच्चा अपनी दादी और चाचा के साथ रहने लगा. मासूम अक्सर बीमार हो जाता था. इसलिए डॉक्टर ने बच्चे के कुछ टेस्ट किए जिसमें उसे HIV होने की पुष्टि हुई. भतीजे को HIV होने जानकारी लगते ही उसके निर्दयी चाचा ने उसे घर से निकाल दिया.

बस पर लटककर दमोह से जबलपुर पहुंचा मासूम

जब बच्चे को कुछ समय नहीं आया तो कुछ साल पहले उसे जबलपुर का वो अस्पताल और वहां लोगों की मदद करने वाली मोक्ष संस्था की याद आई. एक जोड़ी कपड़े लेकर बच्चा दमोह से जबलपुर के सफर पर निकल गया. पैसा नहीं होने से बस वाले ने बस में बैठाने से मना कर दिया, तो थोड़ी मिन्नते करके बच्चा बस में लटककर जबलपुर तक आ गया.

बस स्टैंड से मेडिकल कॉलेज तक पैदल पहुंचा बच्चा

बस स्टैंड से जबलपुर मेडिकल कॉलेज जाने के लिए बच्चा निकला तो उसने कई लोगों से रास्ता पूछा. मोक्ष संस्था का नाम पूछते हुए बच्चा जब मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़ रहा था, तो इसकी खबर संस्था के संरक्षक आशीष ठाकुर तक भी पहुंच गई. आशीष खुद बच्चे को ढूंढते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्हें बच्चा मिल गया. इसके बाद मासूम ने अपनी कहानी आशीष ठाकुर को बताई.

मेडिकल कॉलेज के HIV विभाग में इलाज जारी

इसके बाद मोक्ष संस्था ने बच्चे का इलाज करवाने की जिम्मेदारी उठाई. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के HIV विभाग को बच्चे के बारे में जानकारी दी गई. फिलहाल बच्चा इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज में रहेगा इसके बाद बच्चा मोक्ष संस्था के शेल्टर होम में रहेगा.

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मोक्ष संस्था करवाएगी बच्चे का पूरा इलाज

बच्चे के बारे में बाते करते हुए मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर ने बताया कि "बच्चा काफी समझदार है, वह अपना इलाज करवाना चाहता है, इसलिए इतनी तकलीफों के बाद भी इतना लंबा सफर करके जबलपुर तक आया है. मोक्ष संस्था ने बच्चे का इलाज करवाने का फैसला लिया है, वे बच्चे का पूरा इलाज करवाएंगे"

Last Updated : Aug 21, 2021, 8:07 PM IST
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