जबलपुर। भेड़ाघाट वाइट मार्बल रॉक और धुआंधार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. लेकिन इसके अलावा इस जगह की एक और पहचान है, जो भेड़ाघाट के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताती है. यहां लगभग 13 सौ साल पुराना चौसठ योगिनी का मंदिर है. सफेद संगमरमर चट्टानों के ठीक पास में एक पहाड़ी है. इस पहाड़ी की चोटी पर एक पूर्ण गोलाकार मंदिर है. मंदिर में हमारे संसद भवन की तरह ही एक पूरा गोला है और इसमें 100 मूर्तियां विराजित हैं और ठीक बीच में एक पूर्ण मंदिर बना हुआ है.
13 सौ साल पुराना मंदिर
मंदिर इस समय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास में है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कलचुरी राजाओं ने करवाया था. जबलपुर के पास कलचुरी राजाओं की राजधानी तेवर थी और यह कॉल 10 वीं शताब्दी के आसपास का था. उसी समय भेड़ाघाट में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था.
![Thirteen hundred years old tantric monastery](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-jab-02-chousath-yogini-7204858_20052021223155_2005f_1621530115_135.jpg)
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तांत्रिक मठ
यहां जिन मूर्तियों की स्थापना की गई थी. उनमें ज्यादातर मूर्तियां तंत्र विद्या से जुड़ी हुई देवियों की हैं. इसलिए इस मठ को तांत्रिक मठ के नाम से जाना जाता है और बीच प्रांगण में भगवान शंकर का मंदिर है. इसमें भगवान शंकर के साथ भगवान गणेश, कार्तिकेय और शंकर भगवान से जुड़ी हुई दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. मंदिर के जानकार कहते हैं कि इनमें से ज्यादातर देविया लोगों की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं और भारत के अलग-अलग इलाकों से साल भर यहां लोग पूजा अर्चन करने आते हैं. बेहद आश्चर्यजनक मां कामाख्या की मूर्ति भी यहां पर है इनका पूजन करने के लिए भी लोग यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा चंडिका सरस्वती मां नर्मदा की भी मूर्तियां यहां है.
![Thirteen hundred years old tantric monastery](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-jab-02-chousath-yogini-7204858_20052021223155_2005f_1621530115_357.jpg)
गजब की कलाकृतियां
मूर्तियों की नक्काशी बेहद बारीक है. हालांकि लगभग सभी मूर्तियों को तोड़ने की कोशिश की गई थी. इसलिए सभी मूर्तियां खंडित हैं. लेकिन इसके बाद भी जो अवशेष हैं. वेब अपने आप में एक कहानी कहते हैं. मसलन मां चंडिका की जो मूर्ति है उसके आसपास उनके गण बनाए गए हुए हैं जिसमें भूत प्रेत बनाए हुए हैं और पत्थर की इन छोटी-छोटी मूर्तियों को देखकर मां चंडिका के भयानक स्वरूप का एहसास होता है. लेकिन वही मां नर्मदा की मूर्ति बेहद सौम्य जनक है.
![Thirteen hundred years old tantric monastery](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-jab-02-chousath-yogini-7204858_20052021223155_2005f_1621530115_403.jpg)
मंदिर में 100 से ज्यादा मूर्तियां
इसके साथ ही एक मूर्ति है जिसे सांपों की देवी कहा जाता है और मूर्ति को देखकर ही इस बात का एहसास हो जाता है, बहुत सी मूर्तियों के बारे में तो लोगों को जानकारी नहीं है. इस मंदिर को 64 योगिनी मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर में जो 100 मूर्तियां हैं उनमें 64 विद्या हैं. यदि भेड़ाघाट यूनेस्को की साइट में शामिल हो जाता है तो भेड़ाघाट पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही एक धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को देखने का मौका भी मिलेगा.