इंदौर. पिछले दिनों इंदौर में जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि विजयनगर क्षेत्र के स्कीम नंबर-74 में एक आश्रम नियम विरुद्ध संचालित हो रहा है. आश्रम में कुछ नाबालिग बच्चियों को भी रखा गया था. सूचना के आधार पर जूनी इंदौर क्षेत्र के एसडीएम, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने कार्रवाई करते हुए संस्था के मकान से 21 नाबालिग बच्चियों का रेस्क्यू करते हुए बाल आश्रम पहुंचा था.
कार्रवाई के बाद संस्था ने लगाई रिट पिटीशन
वात्सल्यपुरम जैन चैरिटेबल ट्रस्ट पर कार्रवाई के तुरंत बाद संस्था द्वारा इंदौर उच्च न्यायालय में एक रिट पिटीशन लगाई गई. पिटीशन को लेकर अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने बताया कि संस्था ने जो पिटीशन लगाई थी उसपर रविवार को स्पेशल बैंच के माध्यम से सुनवाई हुई. संस्था ने उसपर हुई कार्रवाई को अवैधानिक बताते हुए यह भी कहा कि 21 नाबालिग बच्चियों को बिना उनकी और उनके लीगल गार्जियन के इजाजत के शिफ्ट किया गया, जो गलत है.
कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन को किया तलब
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश शासन पूरे मामले को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में ले साथ ही तमाम जवाबों को सारे रिकॉर्ड के साथ प्रस्तुत करे. इसके साथ ही काेर्ट ने राहत देते हुए कहा कि जिन नाबालिग बच्चियों को कार्रवाई के दौरान बाल आश्रम में रखा गया है, उन्हें उनके गार्जियन या फिर माता-पिता से मुलाकात करा सकते हैं. जल्द ही मामले पर आगे सुनवाई होगी.