इंदौर। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में कोई यजमान आखिर कितने श्रद्धालुओं को भोजन करा सकता है 100, 500, 1000, 10000 बस इतना ही, लेकिन इंदौर में पित्रेश्वर हनुमान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हजार दस हजार नहीं बल्कि एक साथ 10 लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराने की तैयारियां चल रही हैं. पड़ोसी राज्यों से सैकड़ों की संख्या में हलवाई बुलाए गए हैं, जो करीब अलग-अलग एक दर्जन स्थानों पर लाखों लोगों के लिए भोजन की महाप्रसादी तैयार करने में जुटे हैं.
पूरे आयोजन के दौरान कई किलोमीटर के दायरे स्वच्छता और अनुशासन बनाा रहे इसके लिए हजारों की कार्यकर्ताओं की टीम तैनात की गई है. इतना ही नहीं इंदौर नगर निगम के करीब 3000-4000 स्वच्छता कर्मी भंडारे के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखेंगे.
दरअसल इंदौर के पित्र पर्वत पर पित्रेश्वर हनुमान धाम पर विशाल मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 14 फरवरी से प्रारंभ होकर 3 मार्च को संपन्न होने जा रहा है. इस भव्य आयोजन की पूर्णाहुति के दौरान भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अगुवाई में शहर के बड़े गणपति क्षेत्र से लेकर पित्र पर्वत तक चलने वाले नगर भोज में करीब 10 लाख नगर वासियों के लिए भंडारा आयोजित किया जा रहा है.
इंदौर में संभवतः पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों को भोजन कराने के लिए इंदौर के अलावा गुजरात और राजस्थान के करीब 1000 हलवाई रसोई तैयार करने में जुटे हैं. इनके साथ करीब 20,000 सहयोगी महिलाएं पूरियां बनाने के साथ सब्जी समेत अन्य सामग्री तैयार करने में जुटी हैं.
इस महा आयोजन की जानकारी देते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया 14 फरवरी से 2 मार्च तक पित्र पर्वत पर हो रहे अनुष्ठानों के दौरान 11 से 12 लाख लोग भोजन कर चुके हैं. हालांकि नगर भोज में एक साथ 10 लाख लोग भोजन करेंगे. इतनी बड़ी संख्या में लोग आराम से बैठकर भोजन कर सकें इसके लिए कई किलोमीटर की सड़क भी कम पड़ने के कारण इंदौर के गांधीनगर क्षेत्र के आसपास जितने भी खाली मैदान थे उन सब में भंडारा आयोजित किया जाएगा.
सवा लाख सुंदरकांड का वाचन एकसाथ
पित्रेश्वर धाम पर भागवत कथा राम कथा और शिव कथा लगातार आयोजित की जा रही है. यही नहीं सवा लाख सुंदरकांड का वाचन पित्रेश्वर पर्वत पर गूंज रहा है. इसके अलावा यहां विराजित अष्ट धातु की विशाल हनुमान प्रतिमा के समक्ष अखंड राम नाम संकीर्तन दो टीमें कर रही हैं.
इसके अलावा देशभर भर के ख्यात संतो और महामंडलेश्वर के भजन और प्रवचन लगातार आयोजित किए जा रहे हैं. नतीजतन पित्रर पर्वत के आस-पास 14 फरवरी के बाद से ही धार्मिक मेले जैसा माहौल बना हुआ है. यहां दूर-दूर से लोग भक्ति भाव के साथ पहुंच रहे हैं.