इंदौर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने नीति आयोग के द्वारा जिला अस्पतालों को पीपीपी (Public private partnership) मॉडल पर निजी हाथों में सौंपे जाने की बात का विरोध किया है. मंत्री सिलावट ने कहा कि प्रदेश सरकार हर गरीब तबके को सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है. इस योजना में जिला अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका है. स्वास्थ्य मंत्री ने 26 जनवरी के दिन इंदौर में पांच नए संजीवनी क्लीनिक खोले जाने की बात भी कही है.
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए नीति आयोग के द्वारा जिला अस्पतालों को पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में देने का विरोध किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश के जिला अस्पतालों के माध्यम से प्रदेश के हर तबके तक सस्ता इलाज पहुंचाया जा रहा है. पीपीपी मॉडल पर अस्पतालों को देने के बाद यह योजना आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगी.
मंत्री ने बताया कि दिल्ली में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर प्रदेश में संजीवनी केंद्र खोले जा रहे हैं. आने वाली 26 जनवरी को इंदौर में भी पांच नए संजीवनी क्लीनिक और शुरू किए जाएंगे. इंदौर जिले में 15 संजीवनी क्लीनिक खोलने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने कही है. हालांकि तुलसी सिलावट ने माना कि प्रदेश में नर्सों की कमी है, जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने संजीवनी क्लीनिक को आम जनता के लिए बेहतर भी बताया और आने वाले समय में इनकी संख्या में वृद्धि करने की भी बात कही.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा में भेजे जाने पर तुलसी सिलावट ने कहा कि सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दोनों के लिए योग्य हैं, ऐसे में यदि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें किसी भी पद पर नियुक्त करता है तो वह बखूबी उस जिम्मेदारी को निभाएंगे.