इंदौर। कई बार आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते बच्चे शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में समाज में कई लोग होते हैं जो इस तरह के बच्चों को शिक्षा देने का काम करते हैं. शिक्षा देने और पाने की अगर इच्छा हो तो सुविधाएं कभी भी इस काम में रोड़ा नहीं बनती हैं. इंदौर के एलआईजी चौराहे पर फुटपाथ पर दिखाई दे जाएगा जहां खुले आसमान के नीचे यातायात पुलिसकर्मी फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों को पढ़ाता है.
इंदौर के एलआईजी चौराहे के पास बने फुटपाथ पर यातायात पुलिसकर्मी द्वारा बच्चों को पढ़ाई कराई जाती है. शहर के यातायात विभाग में पदस्थ सुमंत सिंह द्वारा फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों को लंबे समय से शिक्षा देने का काम किया जा रहा है. ड्यूटी के साथ-साथ खाली समय में सुमंत यहां रहने वाले बच्चों को पढ़ाई कराते हैं. फुटपाथ के समीप रहने वाला गोविंदा कई समय से यहां पढ़ाई कर रहा है. गोविंदा बताता है कि सुमंत सर द्वारा उन्हें पढ़ाया जा रहा है. आज उनके पढ़ाने के बाद उन्हें अपना नाम लिखना शहर का नाम क्षेत्र का नाम सहित देश की अन्य सामान्य जानकारियां मिली हैं.
फुटपाथ स्कूल में पढ़ाई करने वाला गोविंदा कहता है कि वह बड़ा होकर एक अच्छा पुलिस अधिकारी बनना चाहता है. वहीं फुटपाथ पर बच्चों को पढ़ाने वाले यातायात पुलिसकर्मी सुमंत सिंह का कहना है कि हमारे पास जब ज्ञान का भंडार होता है तो हमें उसे अन्य लोगों तक पहुंचाना चाहिए, ताकि उस ज्ञान के उजाले से अन्य जिंदगियों में भी रोशनी भर जाए. वह बताते हैं कि जब वह ड्यूटी करते थे तो बच्चे उन्हें फुटपाथ पर खेलते हुए नजर आते थे. जिसके बाद उन्होंने फुटपाथ पर खेलने व अन्य तरह के घूमने वाले बच्चों को पढ़ाने का निश्चय किया और फुटपाथ पर ही इन्हें शिक्षा देना शुरू कर दी. सुमंत का कहना है कि वे आने वाले दिनों में इन बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि जिंदगी में अज्ञानता की वजह से इन्हें किसी भी तरह की तकलीफों का सामना न करना पड़े. वहीं वे अपने जीवन को आगे बढ़ा सकें और जिंदगी में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकें.