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इंदौर: औद्योगिक इलाकों में प्रदूषण रोकने के लिए लगाए जाएंगे डस्ट कलेक्टर

इंदौर में वायु प्रदुषण रोकने औद्योगिक इलाकों में डस्ट कलेक्टर लगाया जा रहा है. जिससे औद्योगिक डस्ट को मौके पर ही संग्रहित किया जा सके.

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Published : Nov 6, 2019, 2:10 PM IST

औद्योगिक इलाकों में लगाया जाएगा डस्ट कलेक्टर

इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टर को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पीथमपुर में डस्ट कलेक्टर लगाने का फैसला किया है. जिससे औद्योगिक डस्ट के मौके पर ही संग्रहित किया जा सकेगा. इसके अलावा भारी वाहनों से सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए सड़कों की नियमित सफाई की व्यवस्था भी की जा रही है.

औद्योगिक इलाकों में लगाया जाएगा डस्ट कलेक्टर


गौरतलब है कि प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर से सटे पीथमपुर के औद्योगिक इलाकों में शहर की तुलना पर्यावरण प्रदूषण का स्तर दोगुना है. इसके अलावा औद्योगिक उत्सर्जन और विभिन्न गैसों से मिश्रित प्रदूषण भी यहां हो रहा है. ये प्रदूषण स्थानीय लोगों और पर्यावरण के लिए चुनौती बन चुका है. इसी चुनौती से निपटने कमलनाथ सरकार के निर्देश पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने प्रदेश के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में डस्ट कलेक्टर यूनिट लगाने का फैसला किया है.


ये डस्ट कलेक्टर सघन प्रदूषण वाले इलाकों के अलावा उन इलाकों में अधिक संख्या में रखे जाएंगे, जहां वायु में धूल कणों का घनत्व औसत मात्रा से ज्यादा है. यही वजह है की पीथमपुर का चयन इसके लिए सबसे पहले किया गया है. यहां स्थित ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर की विभिन्न कंपनियों से वाहनों की आवाजाही ज्यादा है. जिसके चलते सड़कों पर भी प्रदूषण और धूल के कणों का घनत्व सर्वाधिक है. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कोशिश है कि, स्थानीय नगरीय निकाय एवं नगर पालिका पीथमपुर के सहयोग से पीथमपुर की सड़कों की सफाई भी इंदौर की तरह नियमित की जाए. जिससे कि वाहनों से उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण की वजह न बने.


पीथमपुर में वायु प्रदूषण के अलावा जल प्रदूषण को रोकने के लिए भी लगातार टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. जिसके चलते उद्योगों से विभिन्न जल स्त्रोतों में बहाए जाने वाले पानी की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा दूषित पानी प्रवाहित करने वाले उद्योगों के खिलाफ भी धरपकड़ के साथ कानूनी कार्रवाई की व्यवस्था की गई है.

इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टर को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पीथमपुर में डस्ट कलेक्टर लगाने का फैसला किया है. जिससे औद्योगिक डस्ट के मौके पर ही संग्रहित किया जा सकेगा. इसके अलावा भारी वाहनों से सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए सड़कों की नियमित सफाई की व्यवस्था भी की जा रही है.

औद्योगिक इलाकों में लगाया जाएगा डस्ट कलेक्टर


गौरतलब है कि प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर से सटे पीथमपुर के औद्योगिक इलाकों में शहर की तुलना पर्यावरण प्रदूषण का स्तर दोगुना है. इसके अलावा औद्योगिक उत्सर्जन और विभिन्न गैसों से मिश्रित प्रदूषण भी यहां हो रहा है. ये प्रदूषण स्थानीय लोगों और पर्यावरण के लिए चुनौती बन चुका है. इसी चुनौती से निपटने कमलनाथ सरकार के निर्देश पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने प्रदेश के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में डस्ट कलेक्टर यूनिट लगाने का फैसला किया है.


ये डस्ट कलेक्टर सघन प्रदूषण वाले इलाकों के अलावा उन इलाकों में अधिक संख्या में रखे जाएंगे, जहां वायु में धूल कणों का घनत्व औसत मात्रा से ज्यादा है. यही वजह है की पीथमपुर का चयन इसके लिए सबसे पहले किया गया है. यहां स्थित ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर की विभिन्न कंपनियों से वाहनों की आवाजाही ज्यादा है. जिसके चलते सड़कों पर भी प्रदूषण और धूल के कणों का घनत्व सर्वाधिक है. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कोशिश है कि, स्थानीय नगरीय निकाय एवं नगर पालिका पीथमपुर के सहयोग से पीथमपुर की सड़कों की सफाई भी इंदौर की तरह नियमित की जाए. जिससे कि वाहनों से उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण की वजह न बने.


पीथमपुर में वायु प्रदूषण के अलावा जल प्रदूषण को रोकने के लिए भी लगातार टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. जिसके चलते उद्योगों से विभिन्न जल स्त्रोतों में बहाए जाने वाले पानी की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा दूषित पानी प्रवाहित करने वाले उद्योगों के खिलाफ भी धरपकड़ के साथ कानूनी कार्रवाई की व्यवस्था की गई है.

Intro:प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टर को भी वायु प्रदूषण से बचाया जा सके इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा पीथमपुर में डस्ट कलेक्टर लगाए जा रहे हैं जिससे कि औद्योगिक डस्ट का मौके पर ही संग्रहण किया जा सके इसके अलावा भारी वाहनों से सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए सड़कों की नियमित सफाई की व्यवस्था भी की जा रही है


Body:गौरतलब है प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर से सटे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में शहर की तुलना में पर्यावरण का प्रदूषण स्तर दुगना है इसके अलावा औद्योगिक उत्सर्जन और विभिन्न गैसों से मिश्रित प्रदूषण यहां पाया जाता है यह प्रदूषण धूल करो के जरिए वातावरण में फैल कर स्थानीय लोगों के लिए भी पर्यावरण की चुनौती बनता है ऐसे में अब कमलनाथ सरकार के निर्देश पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने प्रदेश के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में डस्ट कलेक्टर यूनिट लगाने की तैयारी की है यह डस्ट कलेक्टर सघन प्रदूषण वाले क्षेत्रों के अलावा उन क्षेत्रों में अधिक संख्या में रखे जाएंगे जहां वायु में धूल कणों का घनत्व औषध मात्रा से ज्यादा है यही वजह है की पीतमपुर का चयन इसके लिए सबसे पहले हुआ है यहां स्थित ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर की विभिन्न कंपनियों से वाहनों की आवाजाही के चलते सड़कों पर भी प्रदूषण और धूल कणों का घनत्व सर्वाधिक है ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कोशिश है कि स्थानीय नगरीय निकाय एवं नगर पालिका पीथमपुर के सहयोग से पीतमपुर की सड़कों की सफाई भी इंदौर की तरह नियमित की जाए जिससे कि वाहनों से उड़ने वाली धूल पीतमपुर के वायु प्रदूषण की वजह ना बन सके, पीथमपुर में वायु प्रदूषण के अलावा जल प्रदूषण को रोकने के लिए भी लगातार टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है जिसके चलते उद्योगों से विभिन्न जल स्त्रोतों में बहाए जाने वाले पानी की भी लगातार जांच की जा रही है इसके अलावा दूषित पानी प्रवाहित करने वाले उद्योगों के खिलाफ भी धरपकड़ के साथ कानूनी कार्रवाई की भी व्यवस्था की गई है


Conclusion:बाइट डॉ दिलीप बाघेला प्रेक्षण अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण मंडल इंदौर
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