इंदौर। इंदौर अपर सत्र न्यायालय ने टाट पट्टी बाखल में स्वास्थ्य और आयुष विभाग की टीम पर हमला करने वाले आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. दरअसल आरोपियों के वकील पक्ष द्वारा जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसके आधार पर ये मांग की गई थी कि ये काम उनके द्वारा नहीं किया गया है और वो इंदौर के स्थानीय निवासी भी हैं. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलना चाहिए.
जमानत याचिक पर ये हुई बहस
इंदौर में टाट पट्टी बाखल में स्वास्थ्य और आयुष विभाग की टीम पर हमला करने वाले आरोपियों की जमानत याचिका खारिज किया गया है. शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर के मुताबिक आरोपी सहावेज, नावेद और आबिद ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, इसमें कहा गया था कि तीनों के खिलाफ कोई और दूसरा अपराध नहीं है और वो मूल रूप से इंदौर के ही रहने वाले हैं इसलिए जमानत मिलने पर भी कहीं और नहीं जा सकते हैं.एजीपी राठौर ने कहा कि संक्रमण के इस दौर में डाॅक्टर्स मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं, ऐसे में जमानत मिली तो अधिकारी, कर्मचारी, डॉक्टर्स का मनोबल गिरेगा, इन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.
बता दें कि केस दर्ज होने के बाद करीब 2 महीने से वो जेल में हैं कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत देने की मांग की गई थी. जिस पर कि शासन के वकील ने आपत्ति ली. और कहा कि संक्रमण के इस दौर में डॉक्टर मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं. ऐसे में जमानत मिली तो अधिकारी और कर्मचारियों सहित डॉक्टर का मनोबल गिरेगा. इसलिए इन्हें जमानत का लाभ नहीं देना चाहिए. गौरतलब है कि इंदौर के टॉप पट्टी बाखल में डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद पूरे देश में इस घटना की निंदा की गई थी.