इंदौर। देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र अयोध्या का राम मंदिर धर्म क्षेत्र के साथ विश्व स्तरीय आवासीय और खानपान की सुविधाओं से भी लैस होगा. यहां मंदिर निर्माण के साथ ही पूरे तीर्थ क्षेत्र में तमाम संसाधन विकसित किए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से दुनिया भर के लोग अयोध्या में सुख-सुविधाओं से रहते हुए भगवान श्री राम के भक्ति में लीन हो सकेंगे. इसे लेकर अयोध्या में व्यापक तौर पर निर्माण कार्य जारी है. 2023 में अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला विराजमान हो सकेंगे.
लंगर की तरह भोजनशाला और पाठशाला भी रहेगी
इसके अलावा हिंदू संस्कृति और सनातन धर्म के बारे में भी यहां तरह-तरह का साहित्य श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेगा. परमानंद स्वामी ने बताया कि मंदिर परिसर में ही सिखों के लंगर की तरह ही यहां भव्य भोजनशाला एवं पाठशाला रहेगी. जहां श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भोजन भी उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने बताया कि पांच अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन के दौरान उन्हें अयोध्या में उपलब्ध रहना था, लेकिन वह अब यहीं से मंदिर निर्माण की पूरी प्रगति का अपडेट ले रहे हैं. जितनी भी जमीन मंदिर के प्रकारों को तैयार करने के लिए चाहिए, वह विक्रेताओं के मनमाफिक जमीन अथवा रुपयों के बदले तरह की जा रही है. इसको लेकर भी पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है.
मंदिर निर्माण के लिए विदेशों से भी आई राशि
उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए दुनिया भर के विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं ने जितनी बड़े स्तर पर राशि भेजी है. उसके मुताबिक एवं निर्माण कार्य मुश्किल हो रहा है. लिहाजा दान की राशि को लेकर भी नियम कानून का भी ध्यान रखना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मंदिर में दान के लिए हिंदू धर्म के अलावा सिख समुदाय सहित मुस्लिम समुदाय के हजारों धर्मावलंबी दान कर चुके हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों द्वारा अड़चनें भी पैदा की गई, लेकिन अब सब सामान्य है.
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उन्होंने दोहराया कि अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के समय नारा हुआ करता था कि अयोध्या-मथुरा-विश्वनाथ तीनों लेंगे. एक साथ के उद्देश्य के तहत अयोध्या में मंदिर बन रहा है, क्योंकि यह हमारे आराध्य की जन्म स्थली है. इसी तरह अन्य स्थानों को भी लेकर हमारी मांग रही है. इसे लेकर भी किसी को कोई आपत्ति नहीं है.