इंदौर। रक्षा बंधन पर इस बार भाइयों के हाथों में चाइनीज नहीं, बल्कि स्वदेशी राखियां नजर आएंगी. चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए इंदौर की महिलाओं ने आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है और रक्षाबंधन पर चाइना की राखियों की बजाए स्वदेशी राखियां तैयार की जा रही हैं.
चाइनीज राखी की जगह आत्मनिर्भर राखी
यह रंग बिरंगी और तरह-तरह की राखियां भारत-चीन सीमा पर डटे सैनिकों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश पर मर मिटने वाले वीर जवानों के परिवारों को भी भेजी जाएंगी. दरअसल रक्षाबंधन पर हर साल बड़ी मात्रा में बाजार चीन की राखियों से सजते रहे हैं, लेकिन इस बार चीन की नापाक हरकत का जवाब इंदौर की सैकड़ों बहने आत्म निर्भरता की राखियां बनाकर देंगी.
स्वदेशी राखी बनाने का दिया मंच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता नारे को साकार करने के लिए भारतीय बाजारों से चीन के कब्जे को कम करने की तैयारी है, ताकि चीन के उत्पादों पर निर्भरता खत्म की जाए, इसके लिए सांसद शंकर लालवानी ने शहर की सैकड़ों बहनों के लिए भारतीय आत्मीयता में रची बसी अपने हाथों से बनी राखियां बनाने का मंच प्रदान किया.
खोले जाएंगे सांसद राखी बिक्री केंद्र
रक्षाबंधन तक महीने भर में डेढ़ सौ से 200 बहने एक लाख से ज्यादा राखियां तैयार करेंगी. जिन्हें राखियां तैयार करने के लिए सामान निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जो राखियां बनकर तैयार होंगी, उसके बदले में सभी बहनों को राखियों की संख्या के मुताबिक मानदेय दिया जाएगा. इनमें से जो बहने राखियां ले जाकर अपनी दुकानों पर लगाना चाहती हों, उन्हें राखियां बेचने में मदद की जाएगी. इसके लिए शहर के प्रमुख स्थान पर रक्षाबंधन के पहले सांसद राखी बिक्री केंद्र खोला जाएगा. जहां से इन राखियों की न्यूनतम दरों पर बिक्री होगी.
कोरोना के खिलाफ राखी से संदेश
जो राखियां बनकर तैयार हुई है, उनमें आत्मनिर्भरता के साथ भाई- बहन के असीम स्नेह समेत कोरोना के विरुद्ध लड़ाई के संदेश नजर आ रहे हैं.
राखियों में भी राजनीति के रंग
आत्मनिर्भरता की दिशा में जो राखियां बनाई जा रही हैं, उनमें राजनीति के रंग भी नजर आ रहे हैं, कुछ बहनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा शिवराज सिंह चौहान, सांसद शंकर लालवानी समेत भाजपा के अन्य नेताओं के फोटो वाली राखियां भी बनाई हैं. इसके अलावा राखियों की पैकिंग पर भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के फोटो नजर आ रहे हैं.