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सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कालेज की सीटों को लेकर छात्रों को दी राहत

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Published : Feb 4, 2021, 2:00 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों में प्रवेश के सरकार के नियमों को असंवैधानिक करार देते हुए 7 दिन में सभी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीट भरने के निर्देश दे दिए. इसके लिए सरकार को विशेष काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए है.

Indore Bench of High Court
हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पिछले दिनों निजी मेडिकल कॉलेजों और छात्रों के बीच एक याचिका पर सुनवाई हुई थी. उस पूरे मामले में कोर्ट ने नियमों का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर की गई थी. उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के नियमों को असंवैधानिक करार देते हुए छात्रों को एक बड़ी राहत मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को दी राहत
मेडिकल कॉलेज में खाली सीट भरने के हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक याचिका लगी थी. लेकिन इस याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई करते हुए इस बात का तर्क रखा कि सरकार ने प्रवेश के लिए जो नियम बनाए हैं. उन्हीं नियमों के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया है. उसमें किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. मामले को लेकर अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों में प्रवेश के सरकार के नियमों को असंवैधानिक करार देते हुए 7 दिन में सभी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीट भरने के निर्देश दे दिए. इसके लिए सरकार को विशेष काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए है.


काउंसिलिग से मिलती है सीट
मध्यप्रदेश में 2018 में निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसलिंग के लिए नियम जारी किए थे. इन नियमों के अनुसार तीन तरह की काउंसलिंग की जाती है और यदि तीन काउंसलिंग में भी किसी कॉलेज की सीट रिक्त हो जाती है, तो उसे ब्लॉक कर खाली छोड़ दिया जाता है. उसी को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगी थी. लेकिन जब इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई तो कोर्ट ने कहा कि जब सीट खाली है तो उन्हें भरने की अनुमति मिलनी चाहिए.

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पिछले दिनों निजी मेडिकल कॉलेजों और छात्रों के बीच एक याचिका पर सुनवाई हुई थी. उस पूरे मामले में कोर्ट ने नियमों का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर की गई थी. उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के नियमों को असंवैधानिक करार देते हुए छात्रों को एक बड़ी राहत मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को दी राहत
मेडिकल कॉलेज में खाली सीट भरने के हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक याचिका लगी थी. लेकिन इस याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई करते हुए इस बात का तर्क रखा कि सरकार ने प्रवेश के लिए जो नियम बनाए हैं. उन्हीं नियमों के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया है. उसमें किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. मामले को लेकर अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों में प्रवेश के सरकार के नियमों को असंवैधानिक करार देते हुए 7 दिन में सभी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीट भरने के निर्देश दे दिए. इसके लिए सरकार को विशेष काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए है.


काउंसिलिग से मिलती है सीट
मध्यप्रदेश में 2018 में निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसलिंग के लिए नियम जारी किए थे. इन नियमों के अनुसार तीन तरह की काउंसलिंग की जाती है और यदि तीन काउंसलिंग में भी किसी कॉलेज की सीट रिक्त हो जाती है, तो उसे ब्लॉक कर खाली छोड़ दिया जाता है. उसी को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगी थी. लेकिन जब इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई तो कोर्ट ने कहा कि जब सीट खाली है तो उन्हें भरने की अनुमति मिलनी चाहिए.

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