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MP: लॉकडाउन के चलते 2400 करोड़ के घाटे में आबकारी विभाग

मार्च-अप्रैल और मई माह में शराब से होने वाले राजस्व में 2400 करोड़ रुपए की की कमी आ चुकी है. जिसकी भरपाई के लिए अब राज्य सरकार शराब ठेकेदारों को ज्यादा से ज्यादा शराब बेचने का दबाव बना रही है.

Loss of 2400 hundred crores
2400 सौ करोड़ के घाटा
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Published : Aug 19, 2020, 10:52 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 11:00 PM IST

इंदौर। राज्य की आर्थिक बदहाली के दौर में शिवराज सरकार के लिए कमाई का सबसे बड़ा जरिया बना आबकारी विभाग भी कोरोना की मार से चौपट हो चुका है. आलम ये है कि मार्च-अप्रैल और मई माह में ही शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2400 करोड़ रुपए की की कमी आ चुकी है. जिसकी भरपाई के लिए अब राज्य सरकार शराब ठेकेदारों को ज्यादा से ज्यादा शराब बेचने के लिए मजबूर कर रही है.

राजस्व को बढ़ाने सरकार के लिए चुनौती- आबकारी उपायुक्त

प्रदेश भर में देसी और विदेशी शराब बिक्री के लिए दिए जाने वाले सालाना लाइसेंस प्राप्त करने की दरें राज्य सरकार ने इस साल 13 फीसदी बढ़ा दी है. आलम ये है कि हर साल शराब की खपत के लिहाज से अस्थाई तौर पर जारी किए जाने वाले fl2 और fl3 लाइसेंस लेने वाले नदारद हैं, लिहाजा सरकार को इस साल फिर शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

दूसरी तरफ लॉकडाउन की अवधि में प्रदेश भर में अहाते और बीयर बार बंद थे, जिसके कारण मार्च और अप्रैल महीने में ही सरकार को 1800 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका था, मई में भी दुकानें नहीं खुल पाने के कारण राज्य सरकार को 6 करोड़ रुपए का घाटा अलग से हुआ, अब जबकि बीते वर्ष की तुलना में राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने लाइसेंस की फीस वृद्धि भी कर दी है, ऐसी स्थिति में इस वर्ष आबकारी विभाग को उम्मीद के मुताबिक राजस्व मिल पाना मुश्किल है, यही वजह है कि विभाग के अधिकारी राजस्व के लक्ष्य की प्राप्ति में जुटे हैं.

इंदौर। राज्य की आर्थिक बदहाली के दौर में शिवराज सरकार के लिए कमाई का सबसे बड़ा जरिया बना आबकारी विभाग भी कोरोना की मार से चौपट हो चुका है. आलम ये है कि मार्च-अप्रैल और मई माह में ही शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2400 करोड़ रुपए की की कमी आ चुकी है. जिसकी भरपाई के लिए अब राज्य सरकार शराब ठेकेदारों को ज्यादा से ज्यादा शराब बेचने के लिए मजबूर कर रही है.

राजस्व को बढ़ाने सरकार के लिए चुनौती- आबकारी उपायुक्त

प्रदेश भर में देसी और विदेशी शराब बिक्री के लिए दिए जाने वाले सालाना लाइसेंस प्राप्त करने की दरें राज्य सरकार ने इस साल 13 फीसदी बढ़ा दी है. आलम ये है कि हर साल शराब की खपत के लिहाज से अस्थाई तौर पर जारी किए जाने वाले fl2 और fl3 लाइसेंस लेने वाले नदारद हैं, लिहाजा सरकार को इस साल फिर शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

दूसरी तरफ लॉकडाउन की अवधि में प्रदेश भर में अहाते और बीयर बार बंद थे, जिसके कारण मार्च और अप्रैल महीने में ही सरकार को 1800 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका था, मई में भी दुकानें नहीं खुल पाने के कारण राज्य सरकार को 6 करोड़ रुपए का घाटा अलग से हुआ, अब जबकि बीते वर्ष की तुलना में राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने लाइसेंस की फीस वृद्धि भी कर दी है, ऐसी स्थिति में इस वर्ष आबकारी विभाग को उम्मीद के मुताबिक राजस्व मिल पाना मुश्किल है, यही वजह है कि विभाग के अधिकारी राजस्व के लक्ष्य की प्राप्ति में जुटे हैं.

Last Updated : Aug 19, 2020, 11:00 PM IST
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