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अगर किसी काम में नहीं मिल रही सफलता, तो करें इस एकादशी का व्रत, हर कार्य होगा सफल

Saphala Ekadashi 2024: नए साल में पहली एकादशी 7 जनवरी के पड़ रही है. जिसे सफला एकादशी कहते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए सफला एकादशी पर किस भगवान की पूजा कैसे और कब करना है. साथ ही सफला एकादशी का क्या महत्व है.

Saphala Ekadashi 2024
सफला एकादशी 2024
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 9:39 PM IST

Saphala Ekadashi 2024। नए साल की शुरुआत हो चुकी है. नए साल में सबसे पहली एकादशी सफला एकादशी आ रही है. जो की 7 जनवरी को है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि सफला एकादशी के दिन जो भी व्रत करता है. विधि विधान से श्री हरि के पूजा पाठ करता है, उसके सारे बिगड़े कार्य बन जाते हैं.

सफला एकादशी कब ?: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि सफला एकादशी 7 जनवरी दिन रविवार को पड़ रही है. इस दिन व्रत करने का विधान है, सफला एकादशी मौजूदा साल की पहली एकादशी है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. जिन्हें जगत का पालन हार मान जाता है. ऐसा माना जाता है की एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु की पूजा उपवास किया जाए तो समस्त दोष, दुख, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है. भाग्य साथ देता है और धन वैभव सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

सफला एकादशी में ऐसे करें पूजा: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की सफला एकादशी के दिन अगर कोई व्रत करता है. पूजा पाठ करना चाहता है तो सर्वप्रथम प्रातः काल भोर में स्नान करें. व्रत करने का संकल्प करे और विधि विधान से भगवान की पूजा अर्चना करे. उन्हें जो भी अर्पित कर सकते हैं, अर्पित करें.

इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा पाठ करें और फिर रात्रि में कोशिश करें कि श्री हरि के नाम का भजन करें. श्री हरि के गुन गाएं. उस दिन रात्रि जागरण का भी बहुत महत्व है. इसके बाद एकादशी व्रत खत्म होने के बाद दूसरे दिन द्वादशी पर स्नान करके पूजा पाठ करके, किसी गरीब जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराएं. उन्हें गर्म वस्त्र का दान करें. साथ ही किसी एक जरूरतमंद गरीब को जाकर भोजन कराएं. उसे भी गर्म वस्तु का दान करें और फिर इसके बाद अपने व्रत का पारण करें.

यहां पढ़ें...

सफला एकादशी में है ऐसी मान्यता: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि सफला एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है. इसकी बहुत मान्यता है, और इस दिन व्रत करने का विधान भी है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि इस एकादशी के दिन अगर कोई व्रत करता है तो उसके हर कार्य सफल होते हैं. जैसा कि नाम से ही समझ सकते हैं कि सफला एकादशी मतलब इस एकादशी के दिन जो व्रत करता है, पूजा पाठ और रात्रि जागरण करता है तो उसके सारे कार्य सफल हो जाते हैं. अगर किसी कार्य में आपको बार-बार असफलता मिल रही है, तो सफला एकादशी के दिन अगर आप व्रत रहते हैं, उपवास रहते हैं विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं और रात्रि जागरण कर श्री हरि के भजन गाते हैं तो वह कार्य बनने लगते हैं.

Saphala Ekadashi 2024। नए साल की शुरुआत हो चुकी है. नए साल में सबसे पहली एकादशी सफला एकादशी आ रही है. जो की 7 जनवरी को है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि सफला एकादशी के दिन जो भी व्रत करता है. विधि विधान से श्री हरि के पूजा पाठ करता है, उसके सारे बिगड़े कार्य बन जाते हैं.

सफला एकादशी कब ?: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि सफला एकादशी 7 जनवरी दिन रविवार को पड़ रही है. इस दिन व्रत करने का विधान है, सफला एकादशी मौजूदा साल की पहली एकादशी है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. जिन्हें जगत का पालन हार मान जाता है. ऐसा माना जाता है की एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु की पूजा उपवास किया जाए तो समस्त दोष, दुख, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है. भाग्य साथ देता है और धन वैभव सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

सफला एकादशी में ऐसे करें पूजा: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की सफला एकादशी के दिन अगर कोई व्रत करता है. पूजा पाठ करना चाहता है तो सर्वप्रथम प्रातः काल भोर में स्नान करें. व्रत करने का संकल्प करे और विधि विधान से भगवान की पूजा अर्चना करे. उन्हें जो भी अर्पित कर सकते हैं, अर्पित करें.

इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा पाठ करें और फिर रात्रि में कोशिश करें कि श्री हरि के नाम का भजन करें. श्री हरि के गुन गाएं. उस दिन रात्रि जागरण का भी बहुत महत्व है. इसके बाद एकादशी व्रत खत्म होने के बाद दूसरे दिन द्वादशी पर स्नान करके पूजा पाठ करके, किसी गरीब जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराएं. उन्हें गर्म वस्त्र का दान करें. साथ ही किसी एक जरूरतमंद गरीब को जाकर भोजन कराएं. उसे भी गर्म वस्तु का दान करें और फिर इसके बाद अपने व्रत का पारण करें.

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सफला एकादशी में है ऐसी मान्यता: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि सफला एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है. इसकी बहुत मान्यता है, और इस दिन व्रत करने का विधान भी है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि इस एकादशी के दिन अगर कोई व्रत करता है तो उसके हर कार्य सफल होते हैं. जैसा कि नाम से ही समझ सकते हैं कि सफला एकादशी मतलब इस एकादशी के दिन जो व्रत करता है, पूजा पाठ और रात्रि जागरण करता है तो उसके सारे कार्य सफल हो जाते हैं. अगर किसी कार्य में आपको बार-बार असफलता मिल रही है, तो सफला एकादशी के दिन अगर आप व्रत रहते हैं, उपवास रहते हैं विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं और रात्रि जागरण कर श्री हरि के भजन गाते हैं तो वह कार्य बनने लगते हैं.

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