इंदौर। रेलवे यार्ड में लगातार चोरी की घटनाएं सामने आ रही थी, जिसके बाद ऐसे आरोपियों को चिन्हित करते हुए आरपीएफ ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से रेलवे ट्रैक में लगने वाले उपकरणों को जब्त किया गया है.
आरपीएफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रेलवे यार्ड में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि, आरपीएफ पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश बड़ी संख्या में रेलवे की सामग्री चोरी कर इंदौर बेचने की फिराक से आए हुए थे. इसी पर आरपीएफ ने घेराबंदी कर रेलवे स्टेशन के पास से 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
मजदूरी के बहाने देते थे चोरी की वारदात को अंजाम
गिरफ्तार हुए 27 आरोपियों में से एक ड्राइवर, एक मालिक और अन्य सभी मजदूर है. ये आरोपी रेलवे ट्रैक में लगने वाले उपकरणों को बेचने के बाद आपस में बांट लेते थे. इसमें ड्राइवर को 2000 रुपये मिलते थे. वहीं 25000 लेबर को मिलते थे. इसके अलावा मालिक को 15 किलो के हिसाब से पैसे मिलते थे, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये तक रहती थी.
RPF ने 27 आरोपियों को चोरी के मामले में किया गिरफ्तार
इंदौर शहर में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 27 आरोपियों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है, जिनके पास से रेलवे ट्रैक में लगने वाले उपकरणों को जब्त किया गया.
इंदौर। रेलवे यार्ड में लगातार चोरी की घटनाएं सामने आ रही थी, जिसके बाद ऐसे आरोपियों को चिन्हित करते हुए आरपीएफ ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से रेलवे ट्रैक में लगने वाले उपकरणों को जब्त किया गया है.
आरपीएफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रेलवे यार्ड में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि, आरपीएफ पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश बड़ी संख्या में रेलवे की सामग्री चोरी कर इंदौर बेचने की फिराक से आए हुए थे. इसी पर आरपीएफ ने घेराबंदी कर रेलवे स्टेशन के पास से 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
मजदूरी के बहाने देते थे चोरी की वारदात को अंजाम
गिरफ्तार हुए 27 आरोपियों में से एक ड्राइवर, एक मालिक और अन्य सभी मजदूर है. ये आरोपी रेलवे ट्रैक में लगने वाले उपकरणों को बेचने के बाद आपस में बांट लेते थे. इसमें ड्राइवर को 2000 रुपये मिलते थे. वहीं 25000 लेबर को मिलते थे. इसके अलावा मालिक को 15 किलो के हिसाब से पैसे मिलते थे, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये तक रहती थी.