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स्टेट यूनिवर्सिटी में यूजीसी रोस्टर के आधार पर नहीं होंगी नियुक्तियां - देवी आहिल्या यूनिवर्सिटी

सीधी भर्ती में लागू की जाने वाली रोस्टर प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा लागू 200 पॉइंट पर नियम को खत्म कर दिया है. स्टेट यूनिवर्सिटी में शासन का 100 पॉइंट रोस्टर लागू होगा, यानि नियुक्ति के दौरान यूजीसी का रोस्टर लागू नहीं किया जा सकेगा.

भर्ती में शासन का रोस्टर
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Published : Oct 10, 2019, 12:09 AM IST

इंदौर। प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी में सीधी भर्ती में लागू की जाने वाली रोस्टर प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा लागू 200 पॉइंट पर नियम को खत्म कर दिया है. अब प्रदेश की किसी भी स्टेट यूनिवर्सिटी में शासन का 100 प्वाइंट रोस्टर लागू होगा, यानी नियुक्ति के दौरान यूजीसी का रोस्टर लागू नहीं किया जा सकेगा.

भर्ती में शासन का रोस्टर

नए नियम में भर्ती के दौरान रोस्टर प्रणाली में टीचिंग विभागों का अलग-अलग यूनिट मानने की बजाय पूरे यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाएगा. प्रदेश में यूनिवर्सिटी में टीचिंग स्टाफ की भर्ती के दौरान अक्सर रोस्टर को लेकर विवाद की स्थिति बनती रहती है.

डीएवीवी कुलपति ने साफ करते हुए कहा कि कोई भी विवाद की स्तिथि नहीं है और जल्द ही राज्य शासन के रोस्टर के अनुसार प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. देवी आहिल्या यूनिवर्सिटी में इस साल मार्च में शासन ने सवाल उठाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. नया रोस्टर लागू होने के बाद यूनिवर्सिटी में 191 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया फिर शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है.

रोस्टर प्रणाली से ये तय होता है कि शुरुआत के कितने पद जनरल कैटेगरी के होंगे, उसके बाद ओबीसी और फिर एसटी-एससी के पदों की बारी कब आएगी. खासकर कम पद होने की स्थिति में ज्यादा विवाद की स्थिति निर्मित होती है. अब यूनिवर्सिटी में कुल कितने पद खाली होंगे, उसमें सारे पदों को एक साथ जोड़कर रोस्टर लागू किया जाएगा.

इंदौर। प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी में सीधी भर्ती में लागू की जाने वाली रोस्टर प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा लागू 200 पॉइंट पर नियम को खत्म कर दिया है. अब प्रदेश की किसी भी स्टेट यूनिवर्सिटी में शासन का 100 प्वाइंट रोस्टर लागू होगा, यानी नियुक्ति के दौरान यूजीसी का रोस्टर लागू नहीं किया जा सकेगा.

भर्ती में शासन का रोस्टर

नए नियम में भर्ती के दौरान रोस्टर प्रणाली में टीचिंग विभागों का अलग-अलग यूनिट मानने की बजाय पूरे यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाएगा. प्रदेश में यूनिवर्सिटी में टीचिंग स्टाफ की भर्ती के दौरान अक्सर रोस्टर को लेकर विवाद की स्थिति बनती रहती है.

डीएवीवी कुलपति ने साफ करते हुए कहा कि कोई भी विवाद की स्तिथि नहीं है और जल्द ही राज्य शासन के रोस्टर के अनुसार प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. देवी आहिल्या यूनिवर्सिटी में इस साल मार्च में शासन ने सवाल उठाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. नया रोस्टर लागू होने के बाद यूनिवर्सिटी में 191 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया फिर शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है.

रोस्टर प्रणाली से ये तय होता है कि शुरुआत के कितने पद जनरल कैटेगरी के होंगे, उसके बाद ओबीसी और फिर एसटी-एससी के पदों की बारी कब आएगी. खासकर कम पद होने की स्थिति में ज्यादा विवाद की स्थिति निर्मित होती है. अब यूनिवर्सिटी में कुल कितने पद खाली होंगे, उसमें सारे पदों को एक साथ जोड़कर रोस्टर लागू किया जाएगा.

Intro:प्रदेश सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी में सीधी भर्ती में लागू की जाने वाली रोड पर में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा लागू 200 पॉइंट पर नियम को खत्म कर दिया है अब प्रदेश की किसी भी स्टेट यूनिवर्सिटी में शासन का 100 प्वाइंट रोस्टर लागू होगा यानी नियुक्ति के दौरान यूजीसी का रोस्टर लागू नहीं किया जा सकेगा


Body:नए नियम में भर्ती के दौरान रोस्टर प्रणाली में टीचिंग विभागों का अलग-अलग यूनिट मानने के बजाय पूरे यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाएगा प्रदेश में यूनिवर्सिटी में टीचिंग स्टाफ की भर्ती के दौरान अक्सर राष्ट्र को लेकर विवाद की स्थिति बनती रहती है इधर इंदौर में कुलपति ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि कोई भी विवाद की स्तिथि नहीं है और जल्द ही राज्य शासन के रोस्टर के अनुसार प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा देवीआहिल्या यूनिवर्सिटी में इस साल मार्च में शासन ने सवाल उठाते भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी हालांकि 100 प्वाइंट रोस्टर पर ही नियुक्ति हो रही है लेकिन हर विभाग को एक यूनिट माना गया है इधर नया रोस्टर लागू होने के बाद यूनिवर्सिटी में 191 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया फिर शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है दरअसल जब भी टीचिंग के खाली पदों पर नियुक्ति होती है तो संख्या के हिसाब से लागू होने वाले आरक्षण में रोस्टर का अहम रोल होता है रोस्टर प्रणाली कहलाती है जिसके जरिए यह तय होता है कि एसटी एससी और ओबीसी के लिए लागू आरक्षण का बंटवारा कैसे होगा खासकर कम पदों पर नियुक्ति के दौरान रोस्टर के महीने बढ़ जाते हैं इंदौर में कुलपति ने बताया कि केवल ईडब्ल्यूएस की स्थिति क्लियर होना बाकी है बाकी सभी जगह कोई विवाद नहीं बचा है


Conclusion:रोस्टर प्रणाली से यह तय होता है कि शुरुआत के कितने पद जनरल कैटेगरी होती जाएंगे उसके बाद ओबीसी और फिर एसटी एससी के पदों की बारी कब आएगी खासकर कम पद होने की स्थिति में ज्यादा विवाद की स्थिति निर्मित होती है इधर विभागों को अलग-अलग यूनिट मारने से विवाद की स्थिति बनती है अब यूनिवर्सिटी कुल कितने पद भी खाली होंगे उसमें सारे पदों को एक साथ जोड़कर रोस्टर लागू करेगी

बाइट रेणु जैन कुलपति देवीआहिल्या विश्वविद्यालय
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