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यहां 'रावण' के जलने से नहीं, बिकने से जलता है इनके घरों का चूल्हा... - mahawar nagar of indore

कोरोना के चलते अब तक फीके रहे त्योहारों में अब दशहरा रंग भरने की तैयारी में है. इसी के चलते इंदौर के महावर नगर क्षेत्र में इन दिनों घर-घर में रावण तैयार होकर बिक्री के लिए सड़कों पर सज गए हैं.

Ravana in Indore markets
इंदौर के बाजारों में रावण
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Published : Oct 24, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 8:15 PM IST

इंदौर। देशभर में जहां दशहरे पर रावण दहन की परंपरा है, वहीं इस परंपरा के सूत्रधार हैं तरह-तरह के सुंदर रावण बनाने वाले सैकड़ों परिवार. लॉकडाउन और कोरोना काल में इनके लिए रावण का निर्माण बड़ी कमाई का जरिया है, यही वजह है कि इंदौर के महावर नगर क्षेत्र में इन दिनों घर-घर में रावण तैयार होकर बिक्री के लिए सड़कों पर सज गए हैं.दरअसल लॉकडाउन के दौरान इस मध्यमवर्गीय इलाके के लोगों के छोटे-मोटे काम धंधे आर्थिक चुनौतियों के दौर से गुजर रहे हैं. लिहाजा अधिकांश परिवार त्योहारी सीजन से संबंधित सामग्री बेचकर अथवा तैयार कर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं.

तीन साल से रावण पुतले का निर्माण

बीते 3 साल से यहां दशहरे पर तरह-तरह के रावण बनाने का काम चर्चा में है, जिसके लिए इलाके के बच्चों से लेकर बड़े तक इन दिनों जुटे हुए हैं, कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रावण तैयार कर उन्हें अच्छे से अच्छे दामों पर रावण दहन के पहले तक बेच दिया जाए, फल स्वरुप घर-घर से जो रावण तैयार हो रहे हैं वह बिक्री के लिए इलाके की मुख्य सड़क पर पहुंच रहे हैं.

इंदौर के बाजारों में रावण
ऐसे हुई थी रावण निर्माण की शुरुआतदरअसल यहां एक परिवार के बच्चे ने दशहरे पर रावण जलाने के लिए एक सुंदर सा रावण तैयार किया था, घर से निकाल कर मुख्य सड़क पर जैसे ही यह रावण जलाने के लिए बाहर रखा गया वैसे ही इसे खरीदने वाले ग्राहक मौके पर पहुंच गए.

ग्राहकों को बार-बार मना करने के बावजूद भी वह नहीं माने तो रावण बनाने वाले बच्चे के परिवार ने ग्राहकों को मना करने के इरादे से रावण की कीमत पांच हजार बता दी, लेकिन वह रावण पांच हजार में ही बिक गया.

इसके बाद संबंधित परिवार ने रावण बनाने का काम शुरू कर दिया. इस परिवार द्वारा बनाए जाने वाले रावण की खासी बिक्री होने लगी तो देखते ही देखते महावर नगर के कई अन्य परिवार भी दशहरे पर रावण तैयार कर बेचने के लिए आगे आए, नतीजतन इन दिनों महावर नगर के करीब 40 से 50 घरों में तरह-तरह के रावण बनाने में परिवार के परिवार जुटे हुए हैं, जिन्हें दशहरे के पहले तक रावण बेचकर अच्छी कमाई की उम्मीद है.

ये भी पढ़े-कोरोना काल में रावण का नया अवतार, मार्क्स और सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश देता लंकेश


अब ऑर्डर पर तैयार होते हैं रावण

गणेशोत्सव और नवरात्र का त्योहार कोरोना के चलते फीका पड़ा हुआ है. शहर के उत्सव पसंद लोग इस बार धूमधाम से रावण दहन की तैयारी में हैं. बाजारों में भी दशहरे के बाद दीपावली पर व्यापार-व्यवसाय उठने की संभावना है.

इस बीच दशहरे पर ही व्यापक कमाई की उम्मीद में शहर में रावण तैयार करने वाले कई लोग तरह-तरह के रावण ऑर्डर पर बुकिंग कर रहे हैं. फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा रावण दहन पर कोई रोक नहीं लगाने के फलस्वरुप इस बार अन्य त्योहारों की अपेक्षा दशहरे का पर्व ज्यादा उत्साह और धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी है.

इंदौर। देशभर में जहां दशहरे पर रावण दहन की परंपरा है, वहीं इस परंपरा के सूत्रधार हैं तरह-तरह के सुंदर रावण बनाने वाले सैकड़ों परिवार. लॉकडाउन और कोरोना काल में इनके लिए रावण का निर्माण बड़ी कमाई का जरिया है, यही वजह है कि इंदौर के महावर नगर क्षेत्र में इन दिनों घर-घर में रावण तैयार होकर बिक्री के लिए सड़कों पर सज गए हैं.दरअसल लॉकडाउन के दौरान इस मध्यमवर्गीय इलाके के लोगों के छोटे-मोटे काम धंधे आर्थिक चुनौतियों के दौर से गुजर रहे हैं. लिहाजा अधिकांश परिवार त्योहारी सीजन से संबंधित सामग्री बेचकर अथवा तैयार कर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं.

तीन साल से रावण पुतले का निर्माण

बीते 3 साल से यहां दशहरे पर तरह-तरह के रावण बनाने का काम चर्चा में है, जिसके लिए इलाके के बच्चों से लेकर बड़े तक इन दिनों जुटे हुए हैं, कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रावण तैयार कर उन्हें अच्छे से अच्छे दामों पर रावण दहन के पहले तक बेच दिया जाए, फल स्वरुप घर-घर से जो रावण तैयार हो रहे हैं वह बिक्री के लिए इलाके की मुख्य सड़क पर पहुंच रहे हैं.

इंदौर के बाजारों में रावण
ऐसे हुई थी रावण निर्माण की शुरुआतदरअसल यहां एक परिवार के बच्चे ने दशहरे पर रावण जलाने के लिए एक सुंदर सा रावण तैयार किया था, घर से निकाल कर मुख्य सड़क पर जैसे ही यह रावण जलाने के लिए बाहर रखा गया वैसे ही इसे खरीदने वाले ग्राहक मौके पर पहुंच गए.

ग्राहकों को बार-बार मना करने के बावजूद भी वह नहीं माने तो रावण बनाने वाले बच्चे के परिवार ने ग्राहकों को मना करने के इरादे से रावण की कीमत पांच हजार बता दी, लेकिन वह रावण पांच हजार में ही बिक गया.

इसके बाद संबंधित परिवार ने रावण बनाने का काम शुरू कर दिया. इस परिवार द्वारा बनाए जाने वाले रावण की खासी बिक्री होने लगी तो देखते ही देखते महावर नगर के कई अन्य परिवार भी दशहरे पर रावण तैयार कर बेचने के लिए आगे आए, नतीजतन इन दिनों महावर नगर के करीब 40 से 50 घरों में तरह-तरह के रावण बनाने में परिवार के परिवार जुटे हुए हैं, जिन्हें दशहरे के पहले तक रावण बेचकर अच्छी कमाई की उम्मीद है.

ये भी पढ़े-कोरोना काल में रावण का नया अवतार, मार्क्स और सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश देता लंकेश


अब ऑर्डर पर तैयार होते हैं रावण

गणेशोत्सव और नवरात्र का त्योहार कोरोना के चलते फीका पड़ा हुआ है. शहर के उत्सव पसंद लोग इस बार धूमधाम से रावण दहन की तैयारी में हैं. बाजारों में भी दशहरे के बाद दीपावली पर व्यापार-व्यवसाय उठने की संभावना है.

इस बीच दशहरे पर ही व्यापक कमाई की उम्मीद में शहर में रावण तैयार करने वाले कई लोग तरह-तरह के रावण ऑर्डर पर बुकिंग कर रहे हैं. फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा रावण दहन पर कोई रोक नहीं लगाने के फलस्वरुप इस बार अन्य त्योहारों की अपेक्षा दशहरे का पर्व ज्यादा उत्साह और धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी है.

Last Updated : Oct 24, 2020, 8:15 PM IST
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