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डेढ़ सौ चार्जर के बैकअप से दौड़ेगीं इस शहर की इलेक्ट्रिक बसें, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति - electric bus in india

इंदौर स्वच्छता को लेकर तरह-तरह के इनोवेशन के लिए जाना जाने वाल स्मार्ट शहर है. ऐसे में अब इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी स्मार्ट होने जा रहा है. दरअसल, शहर में विभिन्न स्थानों पर डेढ़ सौ नए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. जहां से आसानी से बसें चार्ज हो सकेंगी.

electric buses
इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी स्मार्ट होने जा रहा है.
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Published : Jul 3, 2021, 7:49 AM IST

Updated : Jul 3, 2021, 11:41 AM IST

इंदौर। स्वच्छता को लेकर तरह-तरह के इनोवेशन के लिए स्मार्ट शहर कहे जाने वाले इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी अब स्मार्ट होने जा रहा है. दरअसल, प्रदेश का यह इकलौता शहर है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग हो रहा है. इतना ही नहीं अब शहर में विभिन्न स्थानों पर डेढ़ सौ नए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. जहां से आसानी से चार्जिंग के बाद इलेक्ट्रिक बसें शहर के विभिन्न रूटों पर दौड़ सकेंगी.

इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी स्मार्ट होने जा रहा है.

पहली बार 40 बसें चलाई गई थीं
शहर में नवंबर 2000 में पहली बार केंद्र सरकार की ई व्हीकल प्रमोशन स्कीम, फेम 1 (Fame-1) के तहत 40 बसें चलाई गई थीं, जो अब भी शहर के 5 रूटों पर सफलतापूर्वक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का महत्वपूर्ण साधन है. इसके अलावा इसी योजना के तहत 100 ई रिक्शा चलाए गए थे, जो आज भी कई महिला हितग्राहियों की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन हैं.

12 करोड़ की लागत
दरअसल, शुरुआती दौर में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए शहर के राजीव गांधी स्क्वेयर पर बस डिपो तैयार किया गया था, जहां कुछ चार्जिंग पॉइंट भी स्थापित किए गए थे. यहीं से फिलहाल बसों को चार्ज कर संचालित किया जा रहा है, हालांकि पहले चरण में करीब 12 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक डिपो और टर्मिनल के टेंडर भी हुए थे. जिसको अभी भी विकसित किया जा रहा है.

150 चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी
ई-परिवहन में पहले चरण की सफलता के बाद अब फेम 2 (FAME-II) स्कीम यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स के तहत दो चरणों में करीब 150 चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी है. इसके अलावा केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद इंदौर के एआईसीपीएल ने अतिरिक्त 100 बसों के लिए टेंडर जारी किया है. जिसके तहत जल्द ही इन बसों की आपूर्ति इंदौर को होगी.

विभिन्न रूटों पर भी चार्जिंग प्वाइंट की तैयारी
फिलहाल, कोशिश की जा रही है कि शहर के विभिन्न रूटों पर यह चार्जिंग प्वाइंट स्थापित हो. जिससे कि एक स्टाफ से दूसरे स्टाफ के बीच बस ऑपरेटर आवश्यकता अनुसार बसों की चार्जिंग के बाद उन्हें दौड़ा सकें. इसके अलावा ई-रिक्शा के लिए भी चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. इन चार्जिंग पॉइंट के अलावा डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का रखरखाव पर भी कार्य किया जा सकेगा.

फिलहाल इन रूटों पर दौड़ रही हैं ई बसें
इंदौर में रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट मालवा मिल से चंदन नगर गंगवाल बस स्टैंड से खजराना तीन इमली चौराहे से चाणक्यपुरी और हवा बंगला से बाणगंगा के लिए इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध हैं. इसके अलावा शहर के करीब सौ ई रिक्शा करीब एक दर्जन बस स्टॉप पर उपलब्ध हैं. इनके लिए भी करीब इतने ही रूट बनाए गए हैं, जहां यह दौड़ लगा रहे हैं.

एक बार चार्जिंग से 70 किलोमीटर चलती है बस
इंदौर में एआईसीपीएल के इलेक्ट्रिक बस डिपो के प्रभारी प्रकाश राय के अनुसार, फिलहाल जिन रूटों पर बसें दौड़ रही हैं. उनमें पावर बैकअप करीब 70 किलोमीटर का होता है. करीब 1 घंटे की चार्जिंग के बाद बसों की बैटरी चार्ज हो जाती है. इसके बाद बसें लगातार 70 किलोमीटर तक दौड सकती हैं. फिलहाल, सभी रूटों पर जितनी भी बसें चल रही हैं. उन्हें क्रमिक रूप से चार्ज करना होता है. अब जबकि नए चार्जिंग पॉइंट स्थापित होंगे तो बसों के शुरुआती और अंतिम स्टॉप पर भी बसों को आवश्यकतानुसार चार्ज किया जा सकेगा. ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट होने के कारण बसों को एक स्थान से बार-बार चार्ज करने के लिए चार्जिंग डिपो में भेजने की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी.

इंदौर। स्वच्छता को लेकर तरह-तरह के इनोवेशन के लिए स्मार्ट शहर कहे जाने वाले इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी अब स्मार्ट होने जा रहा है. दरअसल, प्रदेश का यह इकलौता शहर है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग हो रहा है. इतना ही नहीं अब शहर में विभिन्न स्थानों पर डेढ़ सौ नए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. जहां से आसानी से चार्जिंग के बाद इलेक्ट्रिक बसें शहर के विभिन्न रूटों पर दौड़ सकेंगी.

इंदौर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी स्मार्ट होने जा रहा है.

पहली बार 40 बसें चलाई गई थीं
शहर में नवंबर 2000 में पहली बार केंद्र सरकार की ई व्हीकल प्रमोशन स्कीम, फेम 1 (Fame-1) के तहत 40 बसें चलाई गई थीं, जो अब भी शहर के 5 रूटों पर सफलतापूर्वक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का महत्वपूर्ण साधन है. इसके अलावा इसी योजना के तहत 100 ई रिक्शा चलाए गए थे, जो आज भी कई महिला हितग्राहियों की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन हैं.

12 करोड़ की लागत
दरअसल, शुरुआती दौर में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए शहर के राजीव गांधी स्क्वेयर पर बस डिपो तैयार किया गया था, जहां कुछ चार्जिंग पॉइंट भी स्थापित किए गए थे. यहीं से फिलहाल बसों को चार्ज कर संचालित किया जा रहा है, हालांकि पहले चरण में करीब 12 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक डिपो और टर्मिनल के टेंडर भी हुए थे. जिसको अभी भी विकसित किया जा रहा है.

150 चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी
ई-परिवहन में पहले चरण की सफलता के बाद अब फेम 2 (FAME-II) स्कीम यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स के तहत दो चरणों में करीब 150 चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी है. इसके अलावा केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद इंदौर के एआईसीपीएल ने अतिरिक्त 100 बसों के लिए टेंडर जारी किया है. जिसके तहत जल्द ही इन बसों की आपूर्ति इंदौर को होगी.

विभिन्न रूटों पर भी चार्जिंग प्वाइंट की तैयारी
फिलहाल, कोशिश की जा रही है कि शहर के विभिन्न रूटों पर यह चार्जिंग प्वाइंट स्थापित हो. जिससे कि एक स्टाफ से दूसरे स्टाफ के बीच बस ऑपरेटर आवश्यकता अनुसार बसों की चार्जिंग के बाद उन्हें दौड़ा सकें. इसके अलावा ई-रिक्शा के लिए भी चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. इन चार्जिंग पॉइंट के अलावा डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का रखरखाव पर भी कार्य किया जा सकेगा.

फिलहाल इन रूटों पर दौड़ रही हैं ई बसें
इंदौर में रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट मालवा मिल से चंदन नगर गंगवाल बस स्टैंड से खजराना तीन इमली चौराहे से चाणक्यपुरी और हवा बंगला से बाणगंगा के लिए इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध हैं. इसके अलावा शहर के करीब सौ ई रिक्शा करीब एक दर्जन बस स्टॉप पर उपलब्ध हैं. इनके लिए भी करीब इतने ही रूट बनाए गए हैं, जहां यह दौड़ लगा रहे हैं.

एक बार चार्जिंग से 70 किलोमीटर चलती है बस
इंदौर में एआईसीपीएल के इलेक्ट्रिक बस डिपो के प्रभारी प्रकाश राय के अनुसार, फिलहाल जिन रूटों पर बसें दौड़ रही हैं. उनमें पावर बैकअप करीब 70 किलोमीटर का होता है. करीब 1 घंटे की चार्जिंग के बाद बसों की बैटरी चार्ज हो जाती है. इसके बाद बसें लगातार 70 किलोमीटर तक दौड सकती हैं. फिलहाल, सभी रूटों पर जितनी भी बसें चल रही हैं. उन्हें क्रमिक रूप से चार्ज करना होता है. अब जबकि नए चार्जिंग पॉइंट स्थापित होंगे तो बसों के शुरुआती और अंतिम स्टॉप पर भी बसों को आवश्यकतानुसार चार्ज किया जा सकेगा. ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट होने के कारण बसों को एक स्थान से बार-बार चार्ज करने के लिए चार्जिंग डिपो में भेजने की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी.

Last Updated : Jul 3, 2021, 11:41 AM IST
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