इंदौर। शहर में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण जलमग्न होने से नगर निगम के सभी दावों की पोल खुल गई है. जिसके बाद निगम अपनी ओर से खानापूर्ति में जुट गया है, वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने भी निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. निगम ने अपनी तकनीकी समस्या के साथ उन खामियों को भी तलाशना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से शहर में सैकड़ों स्थानों पर सड़कें लबालब हुई थी.
दरअसल शहर में हुई तेज बारिश के बाद लगभग एक हजार से ज्यादा स्थानों पर पानी भरने की समस्या सामने आई थी, जिससे शहर की सड़कें जहां नदियों में तब्दील हो गई थी तो वहीं हजारों लोगों के घरों में कई घंटों तक पानी भरा रहा था.
वहीं पानी निकलने के बाद लोग घरों में फैला कीचड़ साफ करते भी नजर आए थे, जिसके बाद निगमायुक्त ने इसे लेकर सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह जानकारी उपलब्ध कराएं कि शहर में कहां-कहां पानी भरा था. लेकिन निगम के अधिकारियों की ओर से आधी अधूरी रिपोर्ट ही निगम आयुक्त को सौंपी गई है.
निगमायुक्त के मुताबिक भारी बारिश की वजह से शहर के हालात बिगड़े थे, क्योंकि इस बार नगर निगम ने कोरोना के चलते नदी-नालों की सफाई का विशेष अभियान नहीं चलाया था. जोनल अधिकारियों से मिलने वाली रिपोर्ट के बाद नदी- नालों के किनारे किए गए अतिक्रमण सहित पानी को अवरुद्ध करने वाले अन्य कारणों पर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि हर साल करोड़ों रुपए का बजट निगम लोगों को सुविधा दिलवाने के लिए पास किया जाता है. लेकिन सही कार्यशैली के अभाव में शहर को ना सिर्फ भारी बारिश के दौरान मुसीबत का सामना करना पड़ा, बल्कि शहर में थोड़ा बहुत पानी गिरता है तो शहर के लोग परेशान होने के लिए मजबूर हो जाते हैं. गौरतलब है कि इंदौर में बीते दिनों एक दिन में हुई 11 इंच से अधिक बारिश की वजह से शहर के हालात बेकाबू हो गए थे, और कुछ स्थानों पर तो नाव चला कर लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा था.