इंदौर। नगर निगम इंदौर ने स्वच्छता में पूरे देश में अपना नाम आगे किया है, लेकिन इस स्वच्छता के कारण उसे आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. नगर निगम के द्वारा इंदौर शहर को होर्डिंग मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया गया, इसके बाद शहर में अवैध होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई की गई लेकिन उसका असर शहर के वैध होर्डिंग पर भी दिखाई दिया कई स्थानों पर लगे वैध होर्डिंग पर भी विज्ञापन आना बंद हो गए जिससे नगर निगम की आय पर भी सीधा असर दिखाई देने लगा. अब एक बार फिर नगर निगम व्यवसायिक होर्डिंगों से अपनी आय को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.
इंदौर नगर निगम व्यावसायिक होर्डिंगों से अच्छी खासी कमाई करता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से नगर निगम की आय पर होर्डिंग के कारण भी असर पड़ रहा है. अब नगर निगम के द्वारा इन विज्ञापन दाताओं से राजस्व को बढ़ाने की हर संभावनाओं पर काम किया जा रहा है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण फिलहाल विज्ञापन दाताओं ने भी नगर निगम के इन होर्डिंगों से दूरी बना ली है.
तीन करोड़ से अधिक का मिलता है राजस्व
नगर निगम को शहर में लगे हुए हार्डिंग से तीन करोड़ से अधिक का राजस्व मिलता है. अच्छी खासी कमाई नगर निगम की इन होर्डिंग से होती है. शहर में नगर निगम ने अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान भी चला रखा है जिसके कारण भी कई स्थानों पर लगे अवैध होर्डिंग को हटाया गया है, वहीं कई स्थानों पर अवैध होर्डिंग लगे हुए हैं वहां पर भी मार्केट विभाग के अफसर सख्ती से वसूली नहीं करते हैं, जिसकी वजह से राजस्व का नुकसान नगर निगम को होता है. अब नगर निगम के द्वारा राजस्व अधिकारियों पर सख्ती भी की जा रही है, जिससे कि इन होर्डिंग से मिलने वाली आय को नियमित किया जा सके.
LED और इलेक्ट्रिक होर्डिंग की बढ़ाई की दर से राजस्व में हो सकती है बढ़ोतरी
नगर निगम ने अपनी माली हालत ठीक करने के लिए LED और इलेक्ट्रिक होर्डिंग की दर में वृद्धि भी की थी, ताकि आय को बढ़ाया जा सके. इसके लिए दुकानों और शोरूम पर लगने वाले LED और इलेक्ट्रिक होर्डिंग की दर को बढ़ाया गया था, वहीं शहर में यूनीपोल लगाने का ठेका भी नगर निगम के द्वारा दिया जा चुका है, जिससे कि हर साल साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की आय होने की संभावना है.
10 हजार से अधिक नियम विरुद्ध होर्डिंग पर हो चुकी है कार्रवाई
इंदौर नगर निगम ने शहर में 10 हज़ार से अधिक नियम विरुद्ध लगे होर्डिंगों पर कार्रवाई की है. इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, जिसके बाद स्वच्छ भारत अभियान के तहत कार्रवाई की गई और शहर की सुंदरता बिगाड़ने वाले इन होर्डिंग को हटाया गया. फिलहाल इंदौर शहर में वहीं हार्डिंग मौजूद है जिनके पास वैधानिक अनुमति है, लेकिन कोरोना के कारण यह भी खाली पड़े हैं और विज्ञापन देने वालों ने अभी तक इन में किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई है. जिसके कारण निगम को मिलने वाले भी काफी कमी देखी गई है.
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अब एक बार फिर शहर के शौचालय और कई अन्य स्थानों पर लगाए जाने की अनुमति दी जाएगी जिसके कारण नगर निगम की आय में भी वृद्धि की जा सके. अपनी आय में सुधार करने के लिए नगर निगम अधिकृत हार्डिंग को लेकर नई योजना बना रहा है, हालांकि फिलहाल यदि नगर निगम अपनी इलेक्ट्रॉनिक होर्डिंग की योजना में सफल होता है तो एक अच्छी खासी आय निगम को उस योजना से मिल सकती है.