इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाएं लगातार विवादों में बनी हुई है. आयोग द्वारा बीते दिनों आयोजित की गई एडीपीओ की परीक्षा के दौरान पूछे गए एक प्रश्न को लेकर फिर विवाद सामने आया है. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में प्रश्न पत्र में इंदौर के पहले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पूछे गए प्रश्नों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है.
आपत्ति आने पर विषय विशेषज्ञों से ली जाएगी राय: छात्रों द्वारा इस पर आपत्ति ली गई है और कहा गया है कि इस तरह के प्रश्न पूछा जाना गलत है. वहीं आयोग द्वारा इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताई गई है. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी आर पंचभाई के अनुसार आयोग द्वारा विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पत्र तैयार कराए जाते हैं. उनके बारे में जानकारी आयोग को नहीं होती है. अगर किसी प्रश्न पर अभ्यर्थी को आपत्ति होती है तो वह निर्धारित समय में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है. आपत्तियों को विषय विशेषज्ञों के सामने रखा जाता है. जिसके बाद उस पर अंतिम निर्णय लिया जाता है.
![Objection to question asked in question paper](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ind-01-mppsc-prashn-vivad-pkg-mp10018_21122022162439_2112f_1671620079_292.jpg)
छात्र दर्ज करा सकते हैं आपत्ति: इस प्रश्न पर भी अगर किसी को आपत्ति है तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है. आंसर शीट जारी होने के 7 दिनों के अंदर छात्र अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. वहीं विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम फैसला लिया जाता है. अगर कोई स्थिति बनती है तो उसके दौरान प्रश्न को डिलीट कर दिया जाता है. बोनस अंक का प्रावधान इस तरह की प्रक्रिया में नहीं होता है.