इंदौर। इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में में चूड़ियां बेचते समय अपनी पहचान छिपाने के आरोप में पीटे गये तस्लीम अली को मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बेल दे दी है. सर्वोच्च अदालत के अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी और उनके साथी ज्वलंत सिंह तस्लीम की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए थे. इस दौरान जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान जज सुजय पॉल ने तस्लीम को जमानत दे दी.कोर्ट ने विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद तस्लीम को सशर्त जमानत दे दी.
107 दिन बाद मिली बेल
इंदौर में हुए चूड़ी वाले पिटाई कांड पर करीब 100 दिन से ज्यादा समय के बाद चूड़ी बेचने वाले तस्लीम की जमानत याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट मध्यप्रदेश की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई करते हुए तस्लीम को जमानत दे दी गई. बता दें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी और उनके साथी ज्वलन्त सिंह ने तस्लीम की और से पैरवी की गई थी.
22 अगस्त को चूड़ी बेचने वाले तस्लीम की पिटाई का वीडियो हुआ था वायरल
गौरतलब है कि 22अगस्त को इंदौर के बाणगंगा इलाके में चूड़ी बेचने के दौरान तस्लीम की पिटाई की गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. मारपीट करने वालो के ख़िलाफ़ पहले अपराध दर्ज हुआ था, बाद में तस्लीम पर एक 13 साल की बच्ची ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था. पुलिस ने पिटाई करने वाले 4 लोगों पर मारपीट का पहले केस दर्ज किया, जिसमें हाई कोर्ट से पहले ही सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, बाद में फिर पुलिस ने तस्लीम पर पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था.
दो नाम से आधार कांड और अन्य दस्तावेज मिले थे
बता दे बाणगंगा क्षेत्र में जब चूड़ी बेचने के लिए गया था और इसी दौरान उसने एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दे दिया, इसके बाद जब लड़की ने विरोध किया तो वहां पर मौजूद कुछ युवकों ने तस्लीम का बैग चेक किया और उसमें दो आधार कार्ड मिले. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और देखते ही देखते यह सुर्खियां बन गई उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्लीम पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया और उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था. अब उसे बेल मिली है.