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MP Indore : दुकानों पर लगने वाले साइन बोर्ड पर ज्यादा टैक्स वसूली विवाद में अब बनने लगी सहमति

मध्यप्रदेश की आर्थिक नगरी और देश की सबसे स्वच्छ सिटी में दुकानों पर लगने वाले साइन बोर्ड पर भारी भरकम टैक्स वसूली का विरोध हो रहा है. हाल ही में यह मामला गरमाया तो व्यापारियों ने दुकानों से अपने बोर्ड ही हटा लिए. हालांकि अब 3 फीट से अधिक ऊंचाई वाले बोर्ड नहीं लगाए जाने को लेकर नगर निगम और व्यापारियों में सहमति बनती नजर आ रही है. इधर, कांग्रेस ने नगर निगम के इस फैसले को दमनकारी बताते हुए टैक्स वसूली को निरस्त करने की मांग की है. (Tax collection on sign boards) (Dispute tax on sign boards) (Agreed now in sign boards)

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साइन बोर्ड पर ज्यादा टैक्स वसूली विवाद में अब बनने लगी सहमति
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Published : Oct 20, 2022, 1:10 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 3:10 PM IST

इंदौर। राज्य शासन ने 28 मार्च 2017 को शहर की दुकानों के बाहर लगाए जाने वाले साइन बोर्ड को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसके तहत सभी बड़े शोरूम संचालकों को अपनी दुकानों पर लगने वाले विज्ञापन संबंधी साइन बोर्ड का पंजीयन कराना जरूरी किया था. इसके तहत प्रदेश के चारों प्रमुख शहरों में से सर्वाधिक पंजीयन इंदौर में हुए थे. जिसके तहत 3 वर्ष के लिए ₹11800 रुपए जमा करके निर्धारित आकार में बोर्ड लगाना तय किया गया था. हालांकि भोपाल ग्वालियर और जबलपुर नगर निगमों ने साइन बोर्ड पर टैक्स की प्रभावी वसूली नहीं की.

व्यापारियों को थमाए नोटिस : हाल ही में इंदौर में नगर निगम ने जब कई व्यापारियों को हजारों की टैक्स वसूली के नोटिस थमा दिए तो व्यापारियों को इस टैक्स वसूली के विरोध में उतरना पड़ा. इसके बाद कई प्रतिष्ठानों से साइन बोर्ड उतार लिए गए थे. हालांकि बाद में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मामले में मध्यस्थता करते हुए दुकानों पर निर्धारित आकार 3 फीट से कम ऊंचाई के बोर्ड लगाने संबंधी सलाह व्यापारियों को दी थी. जिस पर फिलहाल सहमति बनती नजर आ रही है. हालांकि कांग्रेस ने नगर निगम की टैक्स वसूली को अनुचित मानते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

साइन बोर्ड पर ज्यादा टैक्स वसूली विवाद में अब बनने लगी सहमति

हाई कोर्ट ने कैंट बोर्ड से पूछा - किस अधिकार के तहत वसूला जा रहा है एंट्री टैक्स, बोर्ड सीईओ स्वयं आकर जवाब दें

साइन बोर्ड और ब्रांड प्रमोशन पर भारी टैक्स : प्रदेश में किसी भी दुकान अथवा व्यवसायिक संस्थान के प्रमोशन के लिए ₹11800 के पंजीयन शुल्क के बाद 3 साल तक 3 फीट से कम ऊंचाई के बोर्ड लगाने की पात्रता है. इसके अलावा ऊंचाई बढ़ाने के साथ टैक्स की दर भी बढ़ेगी. इसके अलावा व्यावसायिक संस्थाओं कंपनियों के ब्रांड की टैक्स की दरें अलग हैं. फिलहाल इंदौर में ढाई सौ से ज्यादा व्यवसाई इस टैक्स के दायरे में हैं, जिनमें कई बड़े ब्रांड हैं. (Tax collection on sign boards) (Dispute tax on sign boards) (Agreed now in sign boards)

इंदौर। राज्य शासन ने 28 मार्च 2017 को शहर की दुकानों के बाहर लगाए जाने वाले साइन बोर्ड को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसके तहत सभी बड़े शोरूम संचालकों को अपनी दुकानों पर लगने वाले विज्ञापन संबंधी साइन बोर्ड का पंजीयन कराना जरूरी किया था. इसके तहत प्रदेश के चारों प्रमुख शहरों में से सर्वाधिक पंजीयन इंदौर में हुए थे. जिसके तहत 3 वर्ष के लिए ₹11800 रुपए जमा करके निर्धारित आकार में बोर्ड लगाना तय किया गया था. हालांकि भोपाल ग्वालियर और जबलपुर नगर निगमों ने साइन बोर्ड पर टैक्स की प्रभावी वसूली नहीं की.

व्यापारियों को थमाए नोटिस : हाल ही में इंदौर में नगर निगम ने जब कई व्यापारियों को हजारों की टैक्स वसूली के नोटिस थमा दिए तो व्यापारियों को इस टैक्स वसूली के विरोध में उतरना पड़ा. इसके बाद कई प्रतिष्ठानों से साइन बोर्ड उतार लिए गए थे. हालांकि बाद में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मामले में मध्यस्थता करते हुए दुकानों पर निर्धारित आकार 3 फीट से कम ऊंचाई के बोर्ड लगाने संबंधी सलाह व्यापारियों को दी थी. जिस पर फिलहाल सहमति बनती नजर आ रही है. हालांकि कांग्रेस ने नगर निगम की टैक्स वसूली को अनुचित मानते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

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साइन बोर्ड और ब्रांड प्रमोशन पर भारी टैक्स : प्रदेश में किसी भी दुकान अथवा व्यवसायिक संस्थान के प्रमोशन के लिए ₹11800 के पंजीयन शुल्क के बाद 3 साल तक 3 फीट से कम ऊंचाई के बोर्ड लगाने की पात्रता है. इसके अलावा ऊंचाई बढ़ाने के साथ टैक्स की दर भी बढ़ेगी. इसके अलावा व्यावसायिक संस्थाओं कंपनियों के ब्रांड की टैक्स की दरें अलग हैं. फिलहाल इंदौर में ढाई सौ से ज्यादा व्यवसाई इस टैक्स के दायरे में हैं, जिनमें कई बड़े ब्रांड हैं. (Tax collection on sign boards) (Dispute tax on sign boards) (Agreed now in sign boards)

Last Updated : Oct 28, 2022, 3:10 PM IST
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