छिन्दवाड़ा : सीमेंट की बोरी से झूमर तो खाली बोतल से बना डाला सुंदर फाउंटेन. जुन्नारदेव विकासखंड के खेड़ीकनेरी गांव के आदिवासी जब शहर जाते तो सुंदर पार्क देखकर उनका भी मन होता था कि वो भी इन पार्कों में घूमने का आनंद ले सकें लेकिन गांव में इतनी महंगी चीजें जुटा पाना मुश्किल था. फिर क्या था कचरे और कबाड़ से गांव में एक पार्क बनाने की सोची जिसमें ग्राम पंचायत और प्रशासन ने भी मदद की. अब इस पार्क में उड़ते हुए हेलीकॉप्टर से लेकर बोतलों के फव्वारे, टायर से बने सुंदर जंगली जीव और बहुत कुछ मौजूद है.
विभिन्न कलाकृतियों के साथ योजनाओं का प्रदर्शन
यहां वन्य जीव व विभिन्न कलाकृतियों के अलावा पुरानी चीजों को भी दिखाया गया है, जो अब विलुप्त हो रही हैं. इतना ही नहीं आदिवासियों ने यहां पार्क में प्रदेश सरकार की योजनाओं को भी अपनी कलाकारी से प्रदर्शित किया है. कबाड़ से बनाए गए इस अनोखे पार्क में सिर्फ सुकून ही नहीं मिलता बल्कि यहां आने वाले लोगों को सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी मिलती है, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत, आंगनवाड़ी, स्कूल, सरकारी अस्पताल व इनसे जुड़ी अन्य योजनाएं यहां कला के माध्यम से दिखाई गई हैं.
कबाड़ के म्यूजियम को देखने पहुंच रहे लोग
कबाड़ और कचरा फेंक कर हम पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं लेकिन उसी कबाड़ और कचरे को सुंदर रूप देकर म्यूजियम और पार्क बनाया गया है. अब इस अनोखे पार्क को देखने के लिए अब शहर के लोग भी इस आदिवासी गांव में पहुंच रहे हैं. कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने इस पार्क को लेकर कहा, '' कबाड़ से जुगाड़ का जो म्यूजियम और पार्क बनाया गया है यह वाकई काबिल-ए-तारीफ है. इसमें ग्रामीण परिवेश को दर्शाते हुए सरकार की योजनाओं को भी दिखाया गया है. इस मैं और जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार समेत अधिकारी भी देखने पहुंचे हैं.''