ETV Bharat / state

इंदौर में धराशाई हुई स्वास्थ्य सेवाएं, निजी अस्पतालों के डॉक्टर संभालेंगे कमान

एमपी में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते कई जिलों में मरीजों और उनके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इंदौर में भी यह हालात देखने मिले. इन हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन को इलाज की व्यवस्था अपने हाथ में लेनी पड़ी.

health services bad in Indore
इंदौर में धराशाई हुई स्वास्थ्य सेवाएं
author img

By

Published : May 3, 2023, 6:54 PM IST

इंदौर में धराशाई हुई स्वास्थ्य सेवाएं

इंदौर। वेतन विसंगतियों और केंद्र के समान पदोन्नति नियमों को लागू करने की मांग कर रहे देश के डॉक्टरों की हड़ताल से इंदौर की स्वास्थ्य सेवाएं भी धराशायी नजर आई. हड़ताल के दौरान स्थानीय एमवाय अस्पताल के अलावा जिला अस्पताल एवं पीसी सेठी अस्पताल में डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लिहाजा हड़ताल के पहले ही दिन जिला प्रशासन को इलाज की व्यवस्था अपने हाथ में लेनी पड़ी. यहां निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को इलाज के लिए तैनात करना पड़ा. वहीं एडीएम और एसडीएम समेत अन्य कार्यपालिक मजिस्ट्रेट मरीजों के इलाज की निगरानी के लिए तैनात किए गए. इसके अलावा अब अस्पतालों में सतत मरीजों का इलाज हो सके, इसके लिए इंदौर जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों के ढाई सौ डॉक्टरों की सेवाएं शासकीय अस्पतालों में लेने का फैसला किया है. वहीं कोशिश की जा रही है कि किसी भी स्तर पर मरीजों का इलाज बाधित ना हो.

मरीजों को हुई खासी परेशानी: दरअसल अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा अधिकारी संघ समेत डॉक्टरों के अन्य संगठनों ने हड़ताल कर दी. जिसके कारण सुबह से ही मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इंदौर के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में सुबह से ही ओपीडी समेत इमरजेंसी और अन्य सेवाएं डॉक्टरों के हड़ताल के कारण बाधित नजर आई. इस दौरान मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई मरीजों का ऑपरेशन हड़ताल के खत्म होने तक टाल दिया गया. वहीं जांच संबंधी अन्य व्यवस्थाएं भी हड़ताल के कारण प्रभावित नजर आई. एमवाय अस्पताल के अलावा शहर के पीसी सेठी अस्पताल में भी डॉक्टर हड़ताल के कारण नहीं पहुंचे. लिहाजा इंदौर जिला प्रशासन को निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था यहां करनी पड़ी.

इससे जुड़ी कुछ खबरें यहां पढ़ें

प्रशासन बनाए हुए है नजर: इसके अलावा ऑपरेशन एवं अन्य सर्जरी को भी अगली डेट के लिए आगे बढ़ाना पड़ा. वहीं एसडीएम स्तर के अधिकारी मरीजों के इलाज की निगरानी करते नजर आए. इस दौरान कई मरीज डॉक्टर नहीं मिलने से बिना इलाज के ही वापस लौट गए. वहीं कुछ अस्पतालों में एंबुलेंस भी तैनात करनी पड़ी. इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी के मुताबिक पीसी सेठी अस्पताल में हड़ताल के बावजूद 140 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं ओपीडी में 12 डॉक्टरों को तैनात किया गया था. पीआईसीयू और एसएनसीयू को भी चालू रखा गया. वहीं पैरामेडिकल स्टाफ को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया था. लैब को भी चालू रखने के निर्देश संबंधित कर्मचारियों को दिए गए थे. जिसके फलस्वरूप जिला अस्पताल में करीब 23 ओपीडी मरीजों को देखा गया. जबकि एमवाय अस्पताल में 900 मरीज आए. जिन्हें ओपीडी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गई. इसके अलावा आयुष्मान अस्पतालों को भी उपचार के लिए चिन्हित किया है. कलेक्टर के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहां से जरूरतमंद मरीजों को सतत उपचार की व्यवस्था दी जा रही है.

इंदौर में धराशाई हुई स्वास्थ्य सेवाएं

इंदौर। वेतन विसंगतियों और केंद्र के समान पदोन्नति नियमों को लागू करने की मांग कर रहे देश के डॉक्टरों की हड़ताल से इंदौर की स्वास्थ्य सेवाएं भी धराशायी नजर आई. हड़ताल के दौरान स्थानीय एमवाय अस्पताल के अलावा जिला अस्पताल एवं पीसी सेठी अस्पताल में डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लिहाजा हड़ताल के पहले ही दिन जिला प्रशासन को इलाज की व्यवस्था अपने हाथ में लेनी पड़ी. यहां निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को इलाज के लिए तैनात करना पड़ा. वहीं एडीएम और एसडीएम समेत अन्य कार्यपालिक मजिस्ट्रेट मरीजों के इलाज की निगरानी के लिए तैनात किए गए. इसके अलावा अब अस्पतालों में सतत मरीजों का इलाज हो सके, इसके लिए इंदौर जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों के ढाई सौ डॉक्टरों की सेवाएं शासकीय अस्पतालों में लेने का फैसला किया है. वहीं कोशिश की जा रही है कि किसी भी स्तर पर मरीजों का इलाज बाधित ना हो.

मरीजों को हुई खासी परेशानी: दरअसल अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा अधिकारी संघ समेत डॉक्टरों के अन्य संगठनों ने हड़ताल कर दी. जिसके कारण सुबह से ही मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इंदौर के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में सुबह से ही ओपीडी समेत इमरजेंसी और अन्य सेवाएं डॉक्टरों के हड़ताल के कारण बाधित नजर आई. इस दौरान मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई मरीजों का ऑपरेशन हड़ताल के खत्म होने तक टाल दिया गया. वहीं जांच संबंधी अन्य व्यवस्थाएं भी हड़ताल के कारण प्रभावित नजर आई. एमवाय अस्पताल के अलावा शहर के पीसी सेठी अस्पताल में भी डॉक्टर हड़ताल के कारण नहीं पहुंचे. लिहाजा इंदौर जिला प्रशासन को निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था यहां करनी पड़ी.

इससे जुड़ी कुछ खबरें यहां पढ़ें

प्रशासन बनाए हुए है नजर: इसके अलावा ऑपरेशन एवं अन्य सर्जरी को भी अगली डेट के लिए आगे बढ़ाना पड़ा. वहीं एसडीएम स्तर के अधिकारी मरीजों के इलाज की निगरानी करते नजर आए. इस दौरान कई मरीज डॉक्टर नहीं मिलने से बिना इलाज के ही वापस लौट गए. वहीं कुछ अस्पतालों में एंबुलेंस भी तैनात करनी पड़ी. इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी के मुताबिक पीसी सेठी अस्पताल में हड़ताल के बावजूद 140 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं ओपीडी में 12 डॉक्टरों को तैनात किया गया था. पीआईसीयू और एसएनसीयू को भी चालू रखा गया. वहीं पैरामेडिकल स्टाफ को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया था. लैब को भी चालू रखने के निर्देश संबंधित कर्मचारियों को दिए गए थे. जिसके फलस्वरूप जिला अस्पताल में करीब 23 ओपीडी मरीजों को देखा गया. जबकि एमवाय अस्पताल में 900 मरीज आए. जिन्हें ओपीडी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गई. इसके अलावा आयुष्मान अस्पतालों को भी उपचार के लिए चिन्हित किया है. कलेक्टर के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहां से जरूरतमंद मरीजों को सतत उपचार की व्यवस्था दी जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.