इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है. इस कड़ी में जिन लोगों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे. वह भी पुलिस के पास पहुंच रहे हैं और अपना बयान दर्ज करा रहे हैं. इसी कड़ी में एक पीड़ित पुलिस के पास पहुंचा और उसने बताया कि एक डॉक्टर ने ही रेमडेसिविर से उसका इलाज कर दिया, जिसके कारण उसके मरीज की मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है.
रास्ते में हुई संक्रमित की मौत
मुरई मोहल्ले के रहने वाले पीड़ित सत्येंद्र जैन एसपी ऑफिस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके जीजा को पिछले दिनों कोरोना हो गया था, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर पाटीदार से संपर्क किया, तो डॉक्टर ने ढाई लाख रुपए में कोरोना का इलाज करने की बात कही. इसमें सभी तरह की जांच और रेमडेसिविर इंजेक्शन भी शामिल था. डॉक्टर ने घर पर ही जीजा का इलाज किया और रेमडेसिविर इंजेक्शन भी लगाया, लेकिन उनमें कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि उनकी हालत और बिगड़ने लगी, तो परिजनों ने उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने की बात डॉक्टर से कही. जब परिजन उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए ले जा रहे थे, तो रास्ते में ही उनके जीजा की मौत हो गई.
50 से अधिक लोग पहुंच चुके हैं बयान देने
नकली रेमडेसिविर के मामले में अभी तक 50 से अधिक लोग पुलिस के पास बयान देने पहुंच चुके हैं. पिछले दिनों पुलिस ने नकली रेमडेसिविर से संबंधित एक नंबर जारी किया था. उसी नंबर के आधार पर पीड़ित पुलिस के पास पहुंच रहे हैं और अपने बयान दर्ज करवा रहे हैं. फिलहाल, मामले में पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है.