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खजराना का नाम बदलने की मांग पर बोलीं मंत्री उषा ठाकुर, 'तथ्य और प्रमाण इजाजत देंगे तो जरूर करेंगे'

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Published : Dec 6, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 6:55 PM IST

सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर के खजराना इलाके का नाम बदलकर गणेश नगर रखने की मांग उठाई है. खजराना इलाके में ही विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर है. जिसे खजराना गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है. उनकी इस मांग पर कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि तथ्य और प्रमाण जिस चीज की गवाही देंगे, उसे अति शीघ्र पूरा किया जाएगा.

Minister Usha Thakur
मंत्री उषा ठाकुर

इंदौर। मध्य प्रदेश में इन दिनों अलग-अलग जगहों और शहरों के नाम परिवर्तन को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. भोपाल में ईदगाह हिल्स के नाम को बदलने की मांग, फिर होशंगाबाद के को नर्मदापुरम और अब इंदौर के खजराना का नाम बदलकर गणेश नगर रखने की मांग की जा रही है. ये मांग इंदौर सासंद शंकर लालवानी ने की है. अब इस नाम बदलीकरण के मामले में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि तथ्य और प्रमाण जिस चीज की गवाही देंगे, उसे अति शीघ्र पूरा किया जाएगा.

मंत्री उषा ठाकुर ने दी प्रतिक्रिया

इंदौर की प्राचीन धरोहर और देश में विख्यात खजराना गणेश मंदिर के इलाके का नाम बदलने की मांग तेज हो गई है. सांसद शंकर लालवानी ने भगवान गणेश के प्रसिद्ध मंदिर के इलाके का नाम खजराना से बदलकर गणेशनगर रखे जाने की मांग उठाई है.

पढ़ें- ईदगाह हिल्स के बाद इंदौर में खजराना का नाम बदलने की सांसद ने उठाई मांग, कहा- गणेश नगर रखें

खजराना गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है इलाका

इंदौर का खजराना इलाका गणेश मंदिर के कारण विश्व प्रसिद्ध है. इस इलाके को खजराना गणेश मंदिर के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता है. इंदौर के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में भी सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर का ही नाम आता है. इसे लेकर सांसद शंकर लालवानी का कहना है पूरे इलाके को पहचान तो गणेश मंदिर के कारण ही मिली है, लेकिन गणेश मंदिर के बीच खजराना आ जाता है. इंदौर शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं. जो अपने मूल पहचान की जगह किसी और नाम से जाने जाते हैं. इसी तरह प्रसिद्ध गणेश भगवान के मंदिर के बीच मे खजराना आ जाता है, जबकि है वो गणेश नगर. इसलिए वहां के लोग भी चाहते हैं कि इसका नाम गणेश नगर ही किया जाए.

भोपाल और इंदौर का नाम बदलने की हो चुकी है मांग

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का कालांतर में भोजपाल और भूपाल हुआ करता था. भोपाल का नाम फिर से भोजपाल किए जाने को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव लेकर आए थे लेकिन बाद में इसे अनुमति नहीं मिली. भोपाल के उपनगर बैरागढ़ का नाम बदलकर संतहिरदाराम नगर कर दिया गया है. हालांकि बैरागढ़ का नाम संत हरदा राम सर्वसम्मति से रखा गया है, लेकिन भोपाल की तरह इंदौर शहर का नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी है. इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने का नगर निगम परिषद में प्रस्ताव आया था, लेकिन विरोध के बाद में मामला ठंडा हो गया. देखा जाए तो 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR
था, जिसे बाद में बदल कर INDORE कर दिया गया.

इन जगहों के बदले जा चुके हैं नाम

वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं. पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया. इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नाम नर्मदापुरम किया गया.

पढ़ें- 'लव जिहाद' से लेकर संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार तक, ETV भारत पर वीडी शर्मा का बेबाक इंटरव्यू

ये होती है नाम बदलने की प्रक्रिया

किसी भी जिले और जगह का नाम बदलने के लिए सबसे पहले स्थानीय निकाय परिषद में प्रस्ताव पारित कराती है. इसके बाद प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाता है. कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे राज्यपाल को भेजा जाता है. राज्यपाल नाम बदलने के लिए सूचना गृह मंत्रालय को भेजता है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद सरकार इसका गजट नोटिफिकेशन जारी करती है. इसके बाद जिले में कलेक्टर सरकारी दस्तावेजों और दूसरे स्थानों पर नाम बदलवाती है.

पूर्व में इन शहरों के यह थे नाम

कालांतर से देखा जाए तो प्रदेश के अलग-अलग शहरों के नाम बदलते रहे हैं. भोपाल का नाम पूर्व में भोजपाल-भूपाल था.

  • शाजापुर जिला पूर्व में शाहजहांपुर कहलाता था. कहा जाता है कि पहले इसे खाखरा खेड़ी के रूप में पहचाना जाता था. बाद में स्थानीय राजा ने शाहजहां के सम्मान में इसका नाम बदलकर शाहजहांपुर कर दिया. हालांकि 1732 में सिंधिया राज्य के दिन आने के बाद इसका नाम शाजापुर किया गया.
  • विदिशा के बारे में कहा जाता है कि पूर्व में इसका नाम भेल स्वामिन था, जिसे बाद में भिलसा या भेलसा कहा गया. और फिर बाद में यह विदिशा हो गया.
  • खजुराहो को पहले खजूरपूरा और खजूर वाहिका के नाम से जाना जाता था. बाद में इसका नाम खजुराहो हो गया.
  • उज्जैन का नाम पहले अवंतिका उज्जैनी था. कालांतर में यह उज्जैन हो गया.
  • सीहोर का नाम पूर्व में सिद्रपुर था. इसका यह नाम सीवन नदी की वजह से था. बाद में अंग्रेजी शासन काल में इसका नाम बदलकर सीहोर हो गया.
  • इसी तरह सोहागपुर को विराट पुरी कहा जाता था.
  • महेश्वर को माहिष्मती नाम से जाना जाता था.
  • जबलपुर को त्रिपुरी कहा जाता था.
  • मंदसौर को दशपुर कहा जाता था.
  • अमरकंटक को रिक्षा पर्वत नाम से जाना जाता था.

इंदौर। मध्य प्रदेश में इन दिनों अलग-अलग जगहों और शहरों के नाम परिवर्तन को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. भोपाल में ईदगाह हिल्स के नाम को बदलने की मांग, फिर होशंगाबाद के को नर्मदापुरम और अब इंदौर के खजराना का नाम बदलकर गणेश नगर रखने की मांग की जा रही है. ये मांग इंदौर सासंद शंकर लालवानी ने की है. अब इस नाम बदलीकरण के मामले में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि तथ्य और प्रमाण जिस चीज की गवाही देंगे, उसे अति शीघ्र पूरा किया जाएगा.

मंत्री उषा ठाकुर ने दी प्रतिक्रिया

इंदौर की प्राचीन धरोहर और देश में विख्यात खजराना गणेश मंदिर के इलाके का नाम बदलने की मांग तेज हो गई है. सांसद शंकर लालवानी ने भगवान गणेश के प्रसिद्ध मंदिर के इलाके का नाम खजराना से बदलकर गणेशनगर रखे जाने की मांग उठाई है.

पढ़ें- ईदगाह हिल्स के बाद इंदौर में खजराना का नाम बदलने की सांसद ने उठाई मांग, कहा- गणेश नगर रखें

खजराना गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है इलाका

इंदौर का खजराना इलाका गणेश मंदिर के कारण विश्व प्रसिद्ध है. इस इलाके को खजराना गणेश मंदिर के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता है. इंदौर के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में भी सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर का ही नाम आता है. इसे लेकर सांसद शंकर लालवानी का कहना है पूरे इलाके को पहचान तो गणेश मंदिर के कारण ही मिली है, लेकिन गणेश मंदिर के बीच खजराना आ जाता है. इंदौर शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं. जो अपने मूल पहचान की जगह किसी और नाम से जाने जाते हैं. इसी तरह प्रसिद्ध गणेश भगवान के मंदिर के बीच मे खजराना आ जाता है, जबकि है वो गणेश नगर. इसलिए वहां के लोग भी चाहते हैं कि इसका नाम गणेश नगर ही किया जाए.

भोपाल और इंदौर का नाम बदलने की हो चुकी है मांग

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का कालांतर में भोजपाल और भूपाल हुआ करता था. भोपाल का नाम फिर से भोजपाल किए जाने को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव लेकर आए थे लेकिन बाद में इसे अनुमति नहीं मिली. भोपाल के उपनगर बैरागढ़ का नाम बदलकर संतहिरदाराम नगर कर दिया गया है. हालांकि बैरागढ़ का नाम संत हरदा राम सर्वसम्मति से रखा गया है, लेकिन भोपाल की तरह इंदौर शहर का नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी है. इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने का नगर निगम परिषद में प्रस्ताव आया था, लेकिन विरोध के बाद में मामला ठंडा हो गया. देखा जाए तो 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR
था, जिसे बाद में बदल कर INDORE कर दिया गया.

इन जगहों के बदले जा चुके हैं नाम

वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं. पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया. इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नाम नर्मदापुरम किया गया.

पढ़ें- 'लव जिहाद' से लेकर संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार तक, ETV भारत पर वीडी शर्मा का बेबाक इंटरव्यू

ये होती है नाम बदलने की प्रक्रिया

किसी भी जिले और जगह का नाम बदलने के लिए सबसे पहले स्थानीय निकाय परिषद में प्रस्ताव पारित कराती है. इसके बाद प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाता है. कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे राज्यपाल को भेजा जाता है. राज्यपाल नाम बदलने के लिए सूचना गृह मंत्रालय को भेजता है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद सरकार इसका गजट नोटिफिकेशन जारी करती है. इसके बाद जिले में कलेक्टर सरकारी दस्तावेजों और दूसरे स्थानों पर नाम बदलवाती है.

पूर्व में इन शहरों के यह थे नाम

कालांतर से देखा जाए तो प्रदेश के अलग-अलग शहरों के नाम बदलते रहे हैं. भोपाल का नाम पूर्व में भोजपाल-भूपाल था.

  • शाजापुर जिला पूर्व में शाहजहांपुर कहलाता था. कहा जाता है कि पहले इसे खाखरा खेड़ी के रूप में पहचाना जाता था. बाद में स्थानीय राजा ने शाहजहां के सम्मान में इसका नाम बदलकर शाहजहांपुर कर दिया. हालांकि 1732 में सिंधिया राज्य के दिन आने के बाद इसका नाम शाजापुर किया गया.
  • विदिशा के बारे में कहा जाता है कि पूर्व में इसका नाम भेल स्वामिन था, जिसे बाद में भिलसा या भेलसा कहा गया. और फिर बाद में यह विदिशा हो गया.
  • खजुराहो को पहले खजूरपूरा और खजूर वाहिका के नाम से जाना जाता था. बाद में इसका नाम खजुराहो हो गया.
  • उज्जैन का नाम पहले अवंतिका उज्जैनी था. कालांतर में यह उज्जैन हो गया.
  • सीहोर का नाम पूर्व में सिद्रपुर था. इसका यह नाम सीवन नदी की वजह से था. बाद में अंग्रेजी शासन काल में इसका नाम बदलकर सीहोर हो गया.
  • इसी तरह सोहागपुर को विराट पुरी कहा जाता था.
  • महेश्वर को माहिष्मती नाम से जाना जाता था.
  • जबलपुर को त्रिपुरी कहा जाता था.
  • मंदसौर को दशपुर कहा जाता था.
  • अमरकंटक को रिक्षा पर्वत नाम से जाना जाता था.
Last Updated : Dec 6, 2020, 6:55 PM IST
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