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एक किसान के दस्यू सरगना बनने की कहानी है 'मलखान सिंह'

मलखान सिंह के नाम से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश ओर राजस्थान के लोग तो कांपते ही थे. बल्कि पुलिस भी उनका सीधा मुकाबला नहीं करती थी. लेकिन अब दद्दा मलखान सिंह समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं.

डायरेक्टर मुकेश चौकसे
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Published : Feb 7, 2019, 3:28 PM IST

Updated : Feb 9, 2019, 7:51 AM IST

इंदौर। साठ और सत्तर के दशक में चंबल के बीहड़ों में कहर बरपाने वाले दस्यु सरगना मलखान सिंह पर बनी फिल्म 8 फरवरी को रिलीज होने वाली है. यह फिल्म दस्यु सरगना मलखान सिंह के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में मलखान सिंह के एक किसान और भजन गाने से चंबल के बीहडों का खूंखार बागी बनने की कहानी है.

स्टोरी पैकेज
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इस फिल्म में मलखान सिंह के किरदार के अलावा उस समय के तत्कालीन मुख्य-मंत्री अर्जुन सिंह की भी भूमिका है. मलखान सिंह अपने समय के एकमात्र ऐसे बागी कहे जाते हैं जिन्हें तीन राज्यों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई थी. वहीं मलखान सिंह पुलिस को चैलेंज करके अपना काम करते थे. जिसके बाद उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने मलखान सिंह से सरेंडर करवाया था. इस फिल्म की शूटिंग उन स्थानों पर की गई है जहां पर मलखान सिंह पुलिस से छिपकर रहा करते थे.

इस फिल्म में 1974 से 1982 के बीच की कहानी दिखाई गई है. जिसमें किस तरह से मलखान सिंह बागी बने इसे पर्दे पर प्रदर्शित किया गया है. इसमें ग्वालियर जेल, चंबल, इंदौर सहित खंडवा जैसे इलाकों में शूटिंग की गई है. फिल्म में प्रदेश के 25 से ज्यादा कलाकारों को भी मौका दिया गया है. शुक्रवार को फिल्म को इंदौर के रीगल टॉकीज में रिलीज की जाएगी जिसमें कि खुद मलखान सिंह भी मौजूद रहेंगे.

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फिल्म की जानकारी देते हुए डायरेक्टर मुकेश चौकसे ने बताया कि पूरी फिल्म में उन्हें डेढ़ करोड़ की लागत आई है. इसके साथ ही मुकेश चौकसे ने सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए और कहा कि आज के समय में फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास करवाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं सेंसर बोर्ड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं.


गौरतलब है कि मलखान सिंह के नाम से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश ओर राजस्थान के लोग तो कांपते ही थे. बल्कि पुलिस भी उनका सीधा मुकाबला नहीं करती थी. लेकिन अब दद्दा मलखान सिंह समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं. मलखान सिंह ने शिवपुरी जिले के नरवर सीट से 2005 में विधायकी का चुनाव भी लड़ा था.

इंदौर। साठ और सत्तर के दशक में चंबल के बीहड़ों में कहर बरपाने वाले दस्यु सरगना मलखान सिंह पर बनी फिल्म 8 फरवरी को रिलीज होने वाली है. यह फिल्म दस्यु सरगना मलखान सिंह के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में मलखान सिंह के एक किसान और भजन गाने से चंबल के बीहडों का खूंखार बागी बनने की कहानी है.

स्टोरी पैकेज
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इस फिल्म में मलखान सिंह के किरदार के अलावा उस समय के तत्कालीन मुख्य-मंत्री अर्जुन सिंह की भी भूमिका है. मलखान सिंह अपने समय के एकमात्र ऐसे बागी कहे जाते हैं जिन्हें तीन राज्यों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई थी. वहीं मलखान सिंह पुलिस को चैलेंज करके अपना काम करते थे. जिसके बाद उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने मलखान सिंह से सरेंडर करवाया था. इस फिल्म की शूटिंग उन स्थानों पर की गई है जहां पर मलखान सिंह पुलिस से छिपकर रहा करते थे.

इस फिल्म में 1974 से 1982 के बीच की कहानी दिखाई गई है. जिसमें किस तरह से मलखान सिंह बागी बने इसे पर्दे पर प्रदर्शित किया गया है. इसमें ग्वालियर जेल, चंबल, इंदौर सहित खंडवा जैसे इलाकों में शूटिंग की गई है. फिल्म में प्रदेश के 25 से ज्यादा कलाकारों को भी मौका दिया गया है. शुक्रवार को फिल्म को इंदौर के रीगल टॉकीज में रिलीज की जाएगी जिसमें कि खुद मलखान सिंह भी मौजूद रहेंगे.

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फिल्म की जानकारी देते हुए डायरेक्टर मुकेश चौकसे ने बताया कि पूरी फिल्म में उन्हें डेढ़ करोड़ की लागत आई है. इसके साथ ही मुकेश चौकसे ने सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए और कहा कि आज के समय में फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास करवाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं सेंसर बोर्ड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं.


गौरतलब है कि मलखान सिंह के नाम से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश ओर राजस्थान के लोग तो कांपते ही थे. बल्कि पुलिस भी उनका सीधा मुकाबला नहीं करती थी. लेकिन अब दद्दा मलखान सिंह समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं. मलखान सिंह ने शिवपुरी जिले के नरवर सीट से 2005 में विधायकी का चुनाव भी लड़ा था.

Intro:मध्य प्रदेश की बागी कहे जाने वाले दद्दा मलखान सिंह के जीवन पर बनी फिल्म शुक्रवार को इंदौर में इसकी जा रही है इस फिल्मों में मलखान सिंह के किरदार के अलावा कुछ समय के तत्कालीन मुख्य-मंत्री अर्जुन सिंह की भी भूमिका है मलखान सिंह अपने समय के एकमात्र ऐसे बागी कहे जाते हैं जिन्हें तीन राज्यों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई थी और जो पुलिस को चैलेंज करके अपना काम करते थे जिसके बाद उस समय के तत्कालीन मुख्य-मंत्री अर्जुन सिंह ने मलखान सिंह से सरेंडर करवाया था इस फिल्म की शूटिंग उन स्थानों पर की गई है जहां पर मलखान सिंह पुलिस से छिपकर रहा करते थे


Body:फिल्म डाकू मलखान सिंह की बायोपिक फिल्म है यह फ़िल्म 1974 से 1982 के बीच की कहानी पर है बागी मलखान सिंह की कहानी फ़िल्म में दिखाई गई है फ़िल्म में बताया गया है कि गांव के हि एक सरपंच ने उस समय के गृह मंत्री के इशारे पर मलखान सिंह पर नकली मुकदमा लादकर उन्हें जेल भेज दिया था और इस 100 एकड़ जमीन के पीछे मलखान बागी बने थे फिल्म 2 घंटे 14 मिनिट की है जिसमें की ग्वालियर जेल, चंबल इंदौर सहित खंडवा जैसे इलाकों में शूटिंग की गई है साथ ही फिल्म की शूटिंग उन जगहों पर की गई है जहां पर मलखान सिंह पुलिस छिपकर अपनी फरारी काटा करते थे फिल्म में प्रदेश के 25 से ज्यादा एक्टर को भी मौका दिया गया है शुक्रवार को फिल्म को इंदौर के रीगल टॉकीज में रिलीज की जाएगी जिसमें कि खुद मलखान सिंह भी मौजूद रहेंगे

फिल्म की जानकारी देते हुए डायरेक्टर मुकेश चौकसे ने बताया कि पूरी फिल्म में उन्हें डेढ़ करोड़ की लागत आई है इसके साथ ही मुकेश चौकसे ने सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए और कहां की आज के समय में फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास करवाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सेंसर बोर्ड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री को भी की गई है साथ ही मुकेश चौकसे ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने की बात पर भी सब का ध्यान खींचा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में फिल्मों के शूटिंग को बढ़ावा देने की योजना बनाई थी लेकिन मुकेश चौकसे का कहना है कि अब नई सरकार आने के बाद फिर से प्रदेश में फिल्म स्टूडियो के लिए प्रयास करना पड़ेंगे जिससे कि प्रदेश के कलाकारों को भी फिल्मों में मौका मिल सके

बाईट - मुकेश चौकसे, फ़िल्म डायरेक्टर




Conclusion:
Last Updated : Feb 9, 2019, 7:51 AM IST
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