इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर (Indore cleanest city of country) इंदौर जल्द ही एकमात्र ऐसा शहर होगा जो पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त होगा, इसके लिए यहां नए साल से महात्मा गांधी के चरखा अभियान की तरह ही झोलाधारी इंदौरी अभियान शुरू किया जा रहा है. जिसमें शहरवासियों द्वारा दान में दिए गए कपड़ों के झोले बनाए जाएंगे.
'झोलाधारी इंदौरी' अभियान
इंदौर को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए (initiative to make polythene free Indore) बापू के चरखा अभियान की तर्ज पर इंदौर नगर निगम इस बार इंदौर के लोगों को अपने लिए झोले सिलने के लिए झोलाधारी अभियान की शुरुआत 3 जनवरी से करने जा रहा है. देश में अपनी तरह के इस अभियान के दौरान शहर के कपड़ा व्यवसाई और तमाम लोग झोला सिलने के लिए कपड़ों का दान करने के साथ बापू के चरखा अभियान की तरह ही घर-घर में झोले सिलाई के अभियान से जुड़ेंगे. इतना ही नहीं, नगर निगम शहर के 4 सार्वजनिक स्थानों पर सिलाई की यूनिट सिलाई मशीन के साथ स्थापित करने जा रहा है, जहां लोग अपनी मनपसंद के कपड़े से खुद अपने लिए झोले सिल सकेंगे.
इंदौर 5 बार से लगातार स्वच्छता रैंकिंग में नबंर वन (indore cleanliness ranking)
दरअसल हर बार स्वच्छता अभियान और स्वच्छता रैंकिंग में कुछ नया और अलग हटकर करने के कारण इंदौर लगातार 5 बार से स्वच्छता सर्वेक्षण में बाजी मार रहा है. इस बार मुकाम (Indore cleanest city of country) कायम रखने के लिए शहर की सेवन स्टार रैंकिंग की शर्तों में पॉलिथीन मुक्ति भी प्रमुख बिंदु है, लिहाजा इंदौर नगर निगम ने अभी से रैंकिंग में बाजी मारने के लिए साल भर तक पॉलिथीन मुक्ति के खिलाफ मुहिम चलाने के साथ ही पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े के झोले को विकल्प के रूप में स्थापित करने का फैसला किया है.
चरखे की जगह लगेंगी सिलाई मशीनें
इस अभियान के लिए पहले से ही बड़े पैमाने पर शहर के कपड़ा व्यवसाईयों और नागरिकों झोले की सिलाई के लिए कपड़े का दान किया है. इतना ही नहीं, इंदौर नगर निगम में आम नागरिकों से भी अब सिलाई का कपड़ा देने का अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा शहर के ऐसे स्थान जहां लोग खरीदी करते हैं या जहां सर्वाधिक झोले की उपयोगिता महसूस की जाती है, वही झोले निःशुल्क वितरण की व्यवस्था होगी. इसके अलावा लोग खुद अपने लिए अपने हाथों से झोले की सिलाई कर सकें, इसके लिए शहर के प्रमुख चार स्थानों पर झोले की सिलाई के लिए सिलाई मशीनें और झोला तैयार करने की व्यवस्थित यूनिट तैयार होगी, जहां दिन-रात जरूरत के मुताबिक झोले की सिलाई की जा सकेगी.
चार एनजीओ की मदद से तैयार होंगे 10 लाख झोले
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'मैं हूं झोलाछाप इंदौरी' अभियान की शुरुआत के दौरान जिस तरह के झोले का प्रमोशन किया था, उसी डिजाइन के 10 लाख झोले तैयार होंगे. इसके लिए चार ई-रिक्शा भी तैयार किए गए हैं जो शहर के विभिन्न इलाकों से शहर के रहवासियों से उपयोग में नहीं आने वाला कपड़ा एकत्र करेंगे और यह कपड़ा झोला सिलने वाले एनजीओ तक पहुंचेगा. एनजीओ एक खास डिजाइन में लगातार झूले तैयार करेंगे, जो शहर में निःशुल्क वितरण के कारण पॉलीथिन का विकल्प बन सकेंगे.