इंदौर। इंदौर में रहने वाली रानी राणा ने मध्यप्रदेश का नाम देश के पटल पर चमकाया है. रानी राणा ने छोटी उम्र में गोल्ड, सिल्वर सहित तमाम मेडल जीते हैं. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उसे नौकरी का वादा किया था, लेकिन ये वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ. वह मूल रूप से ग्वालियर के एक गांव की रहने वाली हैं. रानी राणा का कहना है कि 2017, 2018 और 2019 में विभिन्न जगहों पर हुई कुश्ती कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और मेडल जीते. 2019 में सीनियर नेशनल कुश्ती कॉम्पिटिशन हंगरी में हुई, जिसमें उसने इंडिया को रिप्रेजेंट किया था. वहीं, पिछले दिनों रांची में सीनियर नेशनल फ़ेडरेशन कप कुश्ती कॉम्पिटिशन हुआ. इसमें रानी राणा ने सिल्वर मेडल जीतकर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है.
स्ट्रगल कर रही है मध्यप्रदेश की बेटी : बता दें रानी मूलतः ग्वालियर की रहने वाली हैं, लेकिन पढ़ाई और कुश्ती के प्रेम के चलते वह इंदौर में रहकर स्ट्रगल करने में जुटी हुई हैं. पिछले 8 सालों से वह इंदौर में रह रही हैं और इस दौरान कोच द्वारा उसकी पूरी मदद की जा रही है. कोच द्वारा ही उसके रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं कुश्ती को लेकर उसे ब्रजलाल गुरु की व्यायामशाला में विभिन्न तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही हैं. यहां के अध्यक्ष हैप्पी वर्मा के द्वारा रानी राणा को कई तरह की व्यवस्था उपलब्ध करवाकर उनके खेल को और बेहतर किया जा रहा है.
ग्वालियर की हैं ब्रांड एंबेसडर : रानी राणा ग्वालियर नगर निगम की स्वच्छता की ब्रांड एंबेसडर रही हैं और इसी के साथ वह बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ की भी वह ब्रांड एंबेसडर रह चुकी हैं लेकिन इसके बाद भी वह बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं. जहां प्रदेश सरकार उसकी काबिलियत को नहीं पहचान पा रही है तो वहीं ब्रजलाल गुरु व्यायामशाला ने रानी राणा का सम्मान किया और उसे बाकायदा पूरी मदद करने का आश्वासन भी दिया है. इस सम्मान कार्यक्रम में मध्य प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रमेश मेंदोला सहित ही व्यामशाला के अध्यक्ष हैप्पी वर्मा मौजूद थे. और उन्होंने रानी राणा को आश्वासन दिया है कि वह कुश्ती के खेल को यथावत रखे और उसकी पूरी मदद भी की जाएगी.
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मुख्यमंत्री अपना वादा भूले : रानी राणा का कहना है कि उसने एक के बाद एक विभिन्न तरह के मेडल मध्यप्रदेश के लिए जीते हैं और इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उसका सम्मान किया. सीएम ने बाकायदा सरकारी नौकरी देने के साथ ही कुश्ती के खेल को और बेहतर बनाने की मदद का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक मुख्यमंत्री अपना वादा पूरा नहीं किया है. वह इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई बार मुलाकात भी कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक मात्र आश्वासन ही मिला है.
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