इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ठगी की वारदात लगातार बढ़ती नजर आ रही है. इसी कड़ी में एक और मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां भारतीय फूड कॉरपोरेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रेमी और प्रेमिका ने कई लोगों के साथ ठगी की. फिलहाल इस पूरे मामले में पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं प्रेमी फरार हो गया था, लेकिन एक बार फिर से प्रेमी और प्रेमिका के खिलाफ पुलिस के पास शिकायतें पहुंचना शुरू हो गई है, जिसके बाद जांच दोबार शुरू कर दी गई है.
ठगी करने वाली प्रेमिका गिरफ्तार, प्रेमी फरार
बता दें कि, तकरीबन 3 महीने पहले लसूड़िया पुलिस को अंबिकापुरी मेन रोड में रहने वाले एमआर मनीष पंचोली ने शिकायत की थी कि, उसके साथ पढ़ने वाली श्वेता ओझा ने भारतीय फूड कॉरपोरेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े 8 लाख रुपये की ठगी की थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच करते हुए आशुतोष और श्वेता के खिलाफ कई धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आरोपी श्वेता को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं कार्रवाई के डर से आरोपी आशुतोष फरार हो गया था, जिस को पकड़ने के लिए पुलिस विभिन्न जगहों पर छापामार कार्रवाई कर रही थी.
आरोपी श्वेता ने मनीष को बताया था कि, उसकी शादी आशुतोष से होने वाली है, जो तुम्हारी नौकरी भारतीय फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में लगा देगा. इन्हीं बातों में आकर मनीष ने श्वेता और आशुतोष को साढ़े 8 लाख रुपए दे दिए थे, जिसके बाद उसे भारतीय फूड ऑफ कॉरपोरेशन के नाम पर एक फर्जी लेटर दे दिया गया. जब वह जॉइनिंग लेने के लिए संबंधित विभाग में गया, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
प्रेमी-प्रेमिका ने मिलकर की करोड़ों रुपये की ठगी
प्रेमी और प्रेमिका ने भारतीय फूड कॉर्पोरेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लोगों को झांसे में लिया थे. बता दें कि, श्वेता और आशुतोष ने ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को निशाना बनाया था. इसमें शाजापुर की रहने वाली सीमा से आरोपियों ने तकरीबन 27 लाख रुपए से अधिक की राशि वसूली थी. वहीं हीरा सिंह से पांच लाख रुपये की राशि ली गई थी. इसी के साथ शिवाजी नगर में रहने वाले प्रीतम यादव से साढ़े आठ लाख रुपये लिए थे. इस तरह से दोनों ने 40 लाख रुपये से अधिक की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था.
पढ़ें: क्राइम ब्रांच ने धरे बंटी-बबली, सोशल मीडिया पर दोस्ती और फिर ऐसे करते थे ठगी
राजधानी में क्राइम ब्रांच पुलिस ने बंटी बबली को गिरफ्तार किया था. जो लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से पहचान बनाकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने का काम करते थे. बता दें कि सोशल मीडिया पर अरोपी महिला मीनू भटनागर लोगों को नौकरी का झांसा देकर और शादी करने का झांसा देकर शिकार बनाती थी. वहीं दूसरा आरोपी मीनू का पति देवेंद्र भी उसका साथ देता था. वह भी नौकरी दिलाने के नाम पर महाराष्ट्र में कभी क्राइम ब्रांच डीएसपी तो कभी अन्य अधिकारी बन जाता था. इसी तरह ये दोनों कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.
बेगमगंज के युवक से ठगे थे 20 लाख
रायसेन जिले के बेगमगंज निवासी फरियादी रामपाल के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती कर और उसे अपना ओहदा बताया कि वह हाई कोर्ट में जस्टिस है, और उसे अच्छे जीवन साथी की तलाश है. इस तरह से उन दोनों में बात बढ़ती गई और दोस्ती भी हो गई. बात बढ़कर शादी तक पहुंच गई, जिसके चलते कुछ जेवर भी फरियादी द्वारा उसे दे दिए गए, लेकिन बाद में उसने कहा कि उसने गुण और कुंडली बताई, तो उसके कुंडली में मंगल दोष पाया गया. उसी दौरान हाईकोर्ट में नौकरी की वैकेंसी निकली तो उसने कहा कि यदि हाईकोर्ट में नौकरी दिलवाना हो तो मैं दिलवा दूंगी, क्योंकि मैं वहां पर जस्टिस हूं, तब युवक ने कहा कि मेरे भाई को नौकरी की आवश्यकता है, उसने कहा कि 15 लाख रुपए लगेंगे, जिसके बाद युवक ने उसे अलग-अलग किस्तों में 15 लाख रुपए दे दिए, इस तरह करके फरियादी रामपाल से लगभग 20 लाख रुपए लूट लिए. इसके बाद कुछ दिन तक आरोपी महिला ने फरियादी से बात की और अचानक मोबाइल बंद कर दिया.