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New Year 2021: इन ग्रहों की युति से उथल-पुथल भरी होगी नए साल की शुरुआत, जानिए कैसा रहेगा साल

नये साल में शनि की चाल का असर कई राशियों पर दिखने वाला है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से आपके जीवन में उथल-पुथल हो सकती है. ऐसे में आइये जानते हैं मेष से मीन तक किन राशियों पर वर्ष 2021 में शनि का प्रभाव भारी पड़ने वाला है और इससे बचने के लिए पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...

House moves in the new year
नये साल में गृहों की चाल
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Published : Dec 20, 2020, 11:55 PM IST

इंदौर। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक चुनौतियां और परेशानियों में गुजरे बीते साल की तरह ही नव वर्ष 2021 की शुरूआत भी उथल-पुथल भरी रहने वाली हैं. नए साल में 14 जनवरी से शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को बुध और गुरु के अलावा चंद्रमा भी शामिल हो जाएंगे, जिसके कारण 6 ग्रहों की युति देश में महामारी महंगाई और अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाओं के संकेत दे रही है.

जानिए कैसा रहेगा साल

शनि और गुरु का मिलन का संयोग

मध्यप्रदेश ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा के अनुसार 2019 अप्रैल से ही शनि और गुरु का मिलन अप्रत्याशित घटनाओं को निमंत्रण देता है. 20 अप्रैल को देव गुरु बृहस्पति ने मकर राशि में प्रवेश किया है. मकर, राशि, गुरु और बृहस्पति की नीच राशि है. वहीं शनि की स्वराशि है, लिहाजा शनि और गुरु का मिलन विश्वव्यापी अप्रत्याशित घटनाओं का सूचक माना गया है.

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नव वर्ष में 14 जनवरी को शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को यह पंच ग्रह की युति बन जाएगी, क्योंकि इसमें बुध, शुक्र और गुरु भी शामिल हो जाएंगे. वहीं 9 से 11 फरवरी को देश और दुनिया के लिए नाजुक समय होगा, क्योंकि इस दौरान इस पांच ग्रहों की युति में चंद्र ग्रह भी शामिल हो जाएगा. लिहाजा यह 6 ग्रहों की युति मकर राशि में बनने के कारण देश और दुनिया के लिए अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत देती है.

जानिए 6 ग्रहों की युति का क्या होगा असर

1962 में इसी तरह सात ग्रहों की युति बनी थी. उस दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था, हालांकि अब 6 ग्रहों की युति आपदाओं को निमंत्रण दे सकती है. ज्योतिष काल गणनाओं के विशेषज्ञ के अनुसार इस दौरान वैश्विक महामारी का विकराल रूप देखने को मिल सकता है. देश में महंगाई चरम पर होगी, वहीं राजनीतिक घटनाक्रम तेज होने के आसार हैं.

हालांकि इन ग्रहों की युति का अंत 11 फरवरी को होगा. इस दौरान चंद्रमा इस युति से बाहर हो जाएंगे और इसके बाद 5 ग्रहों की युति रह जाएगी, इस दौरान भी शनि और गुरु नीच भंग राजयोग बनाएंगे. ऐसी स्थिति में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता रखनी होगी. वही सामाजिक बदलाव की स्थितियां देखने को मिलेंगी इस दौरान लोग योग ध्यान प्राणायाम की ओर भी प्रेरित होंगे. वहीं युवा वर्ग भी अध्यात्म की ओर प्रेरित होता नजर आएगा.

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

नए साल 2021 में 6 ग्रहों की युति विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव दर्शन की धनु, मकर और कुंभ के अलावा तुला और मिथुन राशि के जातकों पर इस युति का व्यापक प्रभाव देखा जाएगा. इसके अलावा धनु मकर और कुंभ यह तीनों राशियों फिलहाल साढ़ेसाती शनि के प्रभाव में हैं. वहीं मिथुन और तुला शनि की ढ़ैया से प्रभावित हैं. इस प्रकार इन 5 राशियों पर युति का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा.

इंदौर। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक चुनौतियां और परेशानियों में गुजरे बीते साल की तरह ही नव वर्ष 2021 की शुरूआत भी उथल-पुथल भरी रहने वाली हैं. नए साल में 14 जनवरी से शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को बुध और गुरु के अलावा चंद्रमा भी शामिल हो जाएंगे, जिसके कारण 6 ग्रहों की युति देश में महामारी महंगाई और अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाओं के संकेत दे रही है.

जानिए कैसा रहेगा साल

शनि और गुरु का मिलन का संयोग

मध्यप्रदेश ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा के अनुसार 2019 अप्रैल से ही शनि और गुरु का मिलन अप्रत्याशित घटनाओं को निमंत्रण देता है. 20 अप्रैल को देव गुरु बृहस्पति ने मकर राशि में प्रवेश किया है. मकर, राशि, गुरु और बृहस्पति की नीच राशि है. वहीं शनि की स्वराशि है, लिहाजा शनि और गुरु का मिलन विश्वव्यापी अप्रत्याशित घटनाओं का सूचक माना गया है.

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नव वर्ष में 14 जनवरी को शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को यह पंच ग्रह की युति बन जाएगी, क्योंकि इसमें बुध, शुक्र और गुरु भी शामिल हो जाएंगे. वहीं 9 से 11 फरवरी को देश और दुनिया के लिए नाजुक समय होगा, क्योंकि इस दौरान इस पांच ग्रहों की युति में चंद्र ग्रह भी शामिल हो जाएगा. लिहाजा यह 6 ग्रहों की युति मकर राशि में बनने के कारण देश और दुनिया के लिए अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत देती है.

जानिए 6 ग्रहों की युति का क्या होगा असर

1962 में इसी तरह सात ग्रहों की युति बनी थी. उस दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था, हालांकि अब 6 ग्रहों की युति आपदाओं को निमंत्रण दे सकती है. ज्योतिष काल गणनाओं के विशेषज्ञ के अनुसार इस दौरान वैश्विक महामारी का विकराल रूप देखने को मिल सकता है. देश में महंगाई चरम पर होगी, वहीं राजनीतिक घटनाक्रम तेज होने के आसार हैं.

हालांकि इन ग्रहों की युति का अंत 11 फरवरी को होगा. इस दौरान चंद्रमा इस युति से बाहर हो जाएंगे और इसके बाद 5 ग्रहों की युति रह जाएगी, इस दौरान भी शनि और गुरु नीच भंग राजयोग बनाएंगे. ऐसी स्थिति में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता रखनी होगी. वही सामाजिक बदलाव की स्थितियां देखने को मिलेंगी इस दौरान लोग योग ध्यान प्राणायाम की ओर भी प्रेरित होंगे. वहीं युवा वर्ग भी अध्यात्म की ओर प्रेरित होता नजर आएगा.

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

नए साल 2021 में 6 ग्रहों की युति विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव दर्शन की धनु, मकर और कुंभ के अलावा तुला और मिथुन राशि के जातकों पर इस युति का व्यापक प्रभाव देखा जाएगा. इसके अलावा धनु मकर और कुंभ यह तीनों राशियों फिलहाल साढ़ेसाती शनि के प्रभाव में हैं. वहीं मिथुन और तुला शनि की ढ़ैया से प्रभावित हैं. इस प्रकार इन 5 राशियों पर युति का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा.

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