इंदौर। प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर मचे घमासान के लिए कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्त केके मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संजय पाठक, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग को जिम्मेदार ठहराया है. केके मिश्रा ने बीजेपी के चारों बड़े नेताओं के खिलाफ विधायकों के अपहरण का मामला दर्ज करने की शिकायत इंदौर पुलिस से की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश सरकार गिराने की नियत से बीजेपी के नेता साजिश कर रहे हैं, उन्होंने सभी के खिलाफ जल्द से जल्द FIR दर्ज करने की मांग की है.
केके मिश्रा ने बीजेपी पर लगाया आरोप
कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने पुलिस के आला अफसरों और इंदौर के थाना छत्रीपुरा में शिकायत प्रस्तुत की है. लिखित शिकायत में मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग और संजय पाठक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा कायम करने की मांग की है. मिश्रा का आरोप है कि बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, हरजीतसिंह डंग और रघुराज सिंह का जान से मारने की मंशा से अपहरण किया, जिससे विधायकों का संख्याबल कम किया जा सके और एक निर्वाचित राज्य सरकार को अपदस्थ किया जा सके.
सभी महत्वपूर्ण तथ्यों की हो जांच
केके मिश्रा ने आला अफसरों से ये भी आग्रह किया कि विवेचना में इस महत्वपूर्ण तथ्य को भी शामिल किया जाए कि विधायकों को लाने ले जाने में प्रयुक्त चार्टर प्लेन का नगद भुगतान किसके नाम से किया गया. विमानतल किस-किस के नाम से जारी हुए, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निजी सचिव नीरज वशिष्ट शासकीय सेवा में होने के बावजूद किस हैसियत से इस चार्टर विमान से गए और खाली विमान से भोपाल वापस लौटें. मिश्रा ने बेंगलूर एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल करने की मांग की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि विधायकों के साथ की गई इस साजिश में और कौन-कौन बीजेपी नेता शामिल थे.
बीजेपी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की मांग
उन्होंने कहा जिस तरह से कांग्रेस के दो विधायक से सार्वजनिक बयान दिया है और 25 से 30 करोड़ रुपए की लालच भी दी गई है. इस विषय की उनके पास साक्ष्य भी उपलब्ध हैं. अगर ये सच है तो भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में धारा 364, 365, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक दंडनीय अपराध है. जिसमें देरी नहीं करते हुए संबंधित के खिलाफ FIR दर्ज की जाए.