इंदौर। सूरत अग्निकांड के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने कोचिंग संस्थाओं में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने पर उनके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. इंदौर की 248 कोचिंग संस्थाओं को इसके लिए निगम ने नोटिस जारी किया है और पर्याप्त संसाधन नहीं होने के चलते कुछ संस्थाओं को सील करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
कार्रवाई के बाद कई कोचिंग संचालकों ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात की, जिसके बाद कोचिंग संचालकों पर चल रही कार्रवाई को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है और उन्हें एक माह का समय दिया गया है. प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने निजी कोचिंग संस्थाओं को सरकारी बिल्डिंग और जमीन देने का फैसला किया है.
इसलिए लिया है फैसला
जीतू पटवारी का कहना है कि प्रदेश में शिक्षा का माहौल बने और शिक्षा का स्तर ऊंचा उठे, इसलिए उच्च शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया है क्योंकि इंजीनियरिंग और मेडिकल सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रदेश के छात्र दूसरे राज्यों का रुख कर लेते हैं. इसी के मद्देनजर उच्च शिक्षा विभाग इस पॉलिसी पर काम कर रहा है. जिसमें निजी कोचिंग संस्थानों को पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी, ताकि उन्हें प्रतिभा निखारने में कोई कमी महसूस न हो.
⦁ सूरत अग्निकांड के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ मोर्चा खोला था
⦁ प्रदेश के एजुकेशन हब कहलाने वाले इंदौर में नगर निगम ने रविवार को 16 संस्थानों को सील किया था
⦁ कार्रवाई के बाद कोचिंग संचालकों में हड़कंप मच गया था
⦁ सोमवार को बड़ी संख्या में कोचिंग संचालक उच्च शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे
⦁ जांच के दौरान कई कोचिंग तीसरी-चौथी मंजिल पर अवैध रूप से चलती मिली
⦁ सुरक्षा मानक पूरा करने के लिए मंत्री ने कोचिंग संचालकों को एक महीने का समय दिया
⦁ जिला प्रशासन निगम की अगुवाई में मंगलवार को संचालकों को किया जायेगा प्रशिक्षित
कार्रवाई में 16 संस्थाओं को सील किया गया था. सोमवार को संस्थानों पर होने वाली कार्रवाई को भी आगामी आदेश तक रोक दिया गया है.