इंदौर। सिमरोल थाना क्षेत्र में बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की महिला प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगाने के मामले में पुलिस की जांच जारी है. आरोपी युवक को इंदौर एमवाय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत में सुधार है. वहीं गंभीर रूप से झुलसी प्रिंसिपल का इलाज इंदौर के निजी हॉस्पिटल में किया जा रहा है, जहां उनकी हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है. पुलिस का कहना है कि प्रिंसिपल के होश में आने के बाद ही बयान लिए जाएंगे. इसके बाद भी मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी.
महिला प्रिंसिपल को लगाई आग : बता दें कि सोमवार को एक युवक अभिजीत श्रीवास्तव (21) ने बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा (54) पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इससे प्रिंसिपल गंभीर रूप से झुलस गईं. सूत्रों के अनुसार आरोपी युवक पहले इसी कॉलेज में पढ़ता था. वह कॉलेज में अपनी डिग्री लेने के लिए गया था. इसी दौरान प्रिंसिपल से उसकी कहासुनी हो गई. इसके बाद अपना आपा खो बैठा और इस खौफनाक घटना को अजाम दिया. महिला प्रिसिपल पर पेट्रोल डालने के बाद युवक ने स्वयं भी आत्महत्या की कोशिश की. लेकिन मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने उसे बचा लिया.
कॉलेज प्रबंधन की अपनी दलील : इंदौर के चोइथराम अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि विमुक्ता 80 फीसदी तक जल चुकी हैं और उनकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. आरोपी के प्रोफ़ाइल को पुलिस खंगाल रही है. खास बात ये है कि जानकारी मिलने के बाद भी आरोपी के माता-पिता उसे देखने नहीं पहुंचे. पुलिस ने उनके परिजनों से भी संपर्क किया. इस मामले में आईजी ग्रामीण इंदौर राकेश गुप्ता का कहना है कि पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है. बताया जाता है कि प्राचार्य को आग लगाने वाला युवक एक पुराने मामले को वापस लेने का दबाव बना रहा था. सोमवार को मार्कशीट को लेकर उसने कथित तौर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. वहीं, सिमरोल क्षेत्र के बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी संस्थान के प्रबंधन ने कहा कि आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति का है. मार्कशीट को लेकर हुए विवाद में संस्थान के एक प्रोफेसर पर चाकू से हमला करने के चार महीने पुराने मामले को वापस लेने के लिए वह प्राचार्य पर अनुचित दबाव बना रहा था. पुलिस के अनुसार आरोपी ने विमुक्ता पर तब हमला किया, जब वह पढ़ाने के बाद परिसर में बिल्व पत्र तोड़ रही थीं. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मार्कशीट नहीं देने से गुस्से में था युवक : वहीं, यह बात भी सामने आ रही है कि आरोपी का कहना है कि उसने जुलाई 2022 में बी.फार्मा की परीक्षा पास की थी, लेकिन कई मांगों के बावजूद कॉलेज प्रबंधन उसे उसकी मार्कशीट नहीं दे रहा था. कॉलेज चलाने वाली पटेल एजुकेशन सोसायटी के सचिव राकेश शर्मा ने पीटीआई से कहा आरोपी की मार्कशीट रोके जाने में हमारे कॉलेज की कोई भूमिका नहीं है. उत्तीर्ण छात्रों को मार्कशीट जारी करने की जिम्मेदारी राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल की है. आरोपी ने मार्कशीट विवाद को लेकर करीब 4 महीने पहले कॉलेज के एक प्रोफेसर को चाकू मारकर घायल करने का है. उस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. वहीं, पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह विर्दे ने कहा कि प्रिंसिपल पर हमले के दौरान आरोपी खुद 25 प्रतिशत जल गया. गिरफ्तारी के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. एसपी ने बताया कि आरोपी अब खतरे से बाहर है. (Input- Agency-PTI)