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इंदौर पुलिस की अनूठी पहल, आत्मनिर्भर बनाने के लिए थर्ड जेंडर से बनवाए गए दीए - दिवाली पर दीयों के निर्माण का कार्य

इंदौर पुलिस ने थर्ड जेंडर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. इंदौर पुलिस ने दिवाली पर दीए के निर्माण का कार्य थर्ड जेंडर से कराया है. इनके द्वारा बनाए गए दीए को बाजार में बेचने की जवाबदारी भी पुलिस ने अपने ऊपर ले रखी है.

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थर्ड जेंडर से बनवाए गए दीए
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Published : Nov 12, 2020, 7:39 PM IST

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई लोकल फॉर वोकल की अपील का असर इंदौर में भी देखने को मिला. जहां इंदौर पुलिस ने थर्ड जेंडर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. इंदौर पुलिस ने दिवाली पर दीए के निर्माण का कार्य थर्ड जेंडर से कराया है. इनके द्वारा बनाए गए दीए को बाजार में बेचने की जवाबदारी भी पुलिस ने अपने ऊपर ले रखी है. पुलिसकर्मी आम लोगों के साथ मिलकर इन दीए को बेचेगी. ताकि थर्ड जेंडर के आर्थिक विकास में मदद कर सके. इंदौर पुलिस के इस काम की सराहना हर तरफ हो रही है.

इंदौर पुलिस ने थर्ड जेंडर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न एनजीओ एवं संस्थाओं से मिलकर उन्हें ट्रेनिंग दिलवाई. साथ ही दीए बनवाने का काम दिलवाया. दो महीनों से इंदौर पुलिस के द्वारा इस तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसमें थर्ड जेंडर के साथ ही समाज के अन्य तत्वों की महिला एवं युवतियां भी शामिल हो रही है. और उन्हें अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.

थर्ड जेंडर संध्या का कहना है कि समाज में उन्हें काफी हीन भावना से देखा जाता था, और उन्हें गुजर-बसर करने के लिए लोगों के घरों पर जाकर बधाइयां गानी पढती थी. उसके बदले में उन्हें जो कुछ मिलता था उससे उनका गुजर-बसर होता था, लेकिन लॉक डाउन के कारण वो धंधा भी चौपट हो गया था. और इस परेशानी को इंदौर पुलिस ने समझा और हमारे हुनर के तहत हमे विभिन्न ट्रेनिंग दिलाई गई. ट्रेनिंग के माध्यम से दीए का निर्माण शुरू किया.

थर्ड जेंडर ने जो दीए बनाए हैं उनकी कीमत भी आम जनता के बजट के अनुसार ही रखी हुई है. कोई भी व्यक्ति दीयों को आसानी से खरीद सकता है. शुरुआती तौर पर अभी इस पहल की शुरुआत ही हुई है. आने वाले दिनों में और बड़े स्तर पर इनका निर्माण किया जाएगा. फिलहाल इंदौर पुलिस की इस पहल से थर्ड जेंडर में खुशी की लहर है. और पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं.

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई लोकल फॉर वोकल की अपील का असर इंदौर में भी देखने को मिला. जहां इंदौर पुलिस ने थर्ड जेंडर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. इंदौर पुलिस ने दिवाली पर दीए के निर्माण का कार्य थर्ड जेंडर से कराया है. इनके द्वारा बनाए गए दीए को बाजार में बेचने की जवाबदारी भी पुलिस ने अपने ऊपर ले रखी है. पुलिसकर्मी आम लोगों के साथ मिलकर इन दीए को बेचेगी. ताकि थर्ड जेंडर के आर्थिक विकास में मदद कर सके. इंदौर पुलिस के इस काम की सराहना हर तरफ हो रही है.

इंदौर पुलिस ने थर्ड जेंडर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न एनजीओ एवं संस्थाओं से मिलकर उन्हें ट्रेनिंग दिलवाई. साथ ही दीए बनवाने का काम दिलवाया. दो महीनों से इंदौर पुलिस के द्वारा इस तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसमें थर्ड जेंडर के साथ ही समाज के अन्य तत्वों की महिला एवं युवतियां भी शामिल हो रही है. और उन्हें अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.

थर्ड जेंडर संध्या का कहना है कि समाज में उन्हें काफी हीन भावना से देखा जाता था, और उन्हें गुजर-बसर करने के लिए लोगों के घरों पर जाकर बधाइयां गानी पढती थी. उसके बदले में उन्हें जो कुछ मिलता था उससे उनका गुजर-बसर होता था, लेकिन लॉक डाउन के कारण वो धंधा भी चौपट हो गया था. और इस परेशानी को इंदौर पुलिस ने समझा और हमारे हुनर के तहत हमे विभिन्न ट्रेनिंग दिलाई गई. ट्रेनिंग के माध्यम से दीए का निर्माण शुरू किया.

थर्ड जेंडर ने जो दीए बनाए हैं उनकी कीमत भी आम जनता के बजट के अनुसार ही रखी हुई है. कोई भी व्यक्ति दीयों को आसानी से खरीद सकता है. शुरुआती तौर पर अभी इस पहल की शुरुआत ही हुई है. आने वाले दिनों में और बड़े स्तर पर इनका निर्माण किया जाएगा. फिलहाल इंदौर पुलिस की इस पहल से थर्ड जेंडर में खुशी की लहर है. और पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं.

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