इंदौर। महू विधानसभा क्षेत्र के सिमरोल में प्रस्तावित सामुदायिक भवन से लगी जमीन पर बीते 10 वर्षों से झमकू बाई पति रमेश आदिवासी और मीराबाई रहती हैं. आरोप है कि 17 जुलाई को सामुदायिक भवन निर्माण के नाम पर भाजपा नेता व सरपंच कौशल्या के पति लेखराज डाबी के अलावा जनपद सदस्य प्रमिला गवली पति प्रदीप गवली द्वारा बिना नोटिस दिए मकान को ध्वस्त कर दिया गया. मकान तोड़ने के पहले ना तो उन्हें नोटिस दिया गया और न ही घर तोड़ने के बाद कोई विस्थापन ही किया गया. घर तोड़ने का झमकू भाई और मीराबाई ने विरोध किया तो जनपद सदस्य प्रदीप गवली और सरपंच पति लेखराज डाबी ने उनकी पिटाई कर दी.
पुलिस में एफआईआर दर्ज : मारपीट में झमकू बाई घायल हो गई, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. झमकू बाई की शिकायत पर पुलिस ने सरपंच पति लेखराज डाबी के खिलाफ मारपीट और गालीगलौच करने के अलावा घर तोड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. इधर, दोनों पीड़ित महिलाएं कांग्रेस नेता रीता ठाकरे और पूर्व सरपंच दिलीप सिलवाडिया के साथ इंदौर प्रेस क्लब पहुंचे, जहां उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय का दर्द बयां किया. इस दौरान पीड़िता झमकू बाई ने बताया जिस जमीन पर उनके घर बने थे, वह जमीन के पट्टे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजना अंतर्गत दिए गए थे.
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अवैध झुग्गी का हवाला दिया : वहीं, इस मामले में सरपंच पति लेखराज डाबी का कहना है कि जिस जमीन पर महिलाओं ने अवैध रूप से झोपड़ी बना रखी थी, वह पूरी तरह अवैध थी. क्योंकि दोनों महिलाओं के पड़ोस में ही घर भी हैं, लेकिन दोनों शासकीय जमीन पर झोपड़ी बना कर रह रही थीं. जहां तक मारपीट का सवाल है पीड़ित महिलाओं के यह आरोप पूरी तरह गलत हैं. वहीं, पूर्व सरपंच दिनेश सिलवाड़िया का कहना है कि दोनों महिलाओं की झुग्गी को जानबूझकर तोड़ा गया. जबकि वहां अन्य लोगों के भी मकान बने हुए हैं. किसी को नहीं हटाया गया.