इंदौर। अपनी लंबित मांगों को लेकर एमपीईबी आउट सोर्स कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. (Indore MPEB Worker Strike) संविदा कर्मचारियों ने 6 जनवरी से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. जिससे 8 जनवरी से इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में व्यवधान ना पड़ जाए, इसको लेकर प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. कई वर्षों से MPEB संविदा और आउट सोर्स के कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शासन से निरंतर संविदा कर्मियों के नियमितीकरण और आउटसोर्स कर्मचारियों के विभागीय संविलियन की मांग की जा रही है.
कर्मचारियों ने मांगी सुरक्षा की गारंटी: राज्य सरकार ने आज तक संविदा कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं सुना है जिससे नाराज MPEB के संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि जमीनी स्तर पर 70% आउट सोर्स कर्मचारी ही काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और भविष्य की कोई चिंता नहीं की जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि बिजली विभाग पूर्ण रूप से शासकीय सेक्टर है और लोक सेवा करते-करते यदि कर्मचारी की मौत होती है तो ऐसी घटना की जवाबदारी सरकार की होना चाहिए. इन्हीं सब मांगों को लेकर 6 जनवरी से प्रदेशभर के एमपीईबी संविदा और सोर्स आउटसोर्स कर्मचारी, नियमित कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं.
2023 में बीजेपी का इम्तेहान लेंगे बिजली कर्मचारी, MP में 6 जनवरी से बत्ती गुल करने की तैयारी
आसमान से गिरे खजूर में अटके: हाल ही में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की प्रदेश भर में 20 दिनों से चल रही हड़ताल ठीक से खत्म भी नहीं हुई थी कि, एक बार फिर MPEB के संविदा आउटसोर्स कर्मचारी सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. इन कर्मचारियों के अलावा 9 जनवरी से मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉई भी मांगे पूरी होने तक हड़ताल पर रहेंगे. कर्मचारियों के हड़ताल की चेतावनी के बीच 8 जनवरी को होने वाला प्रवासी भारतीय सम्मेलन बिजली कटौती और ब्लैक आउट ना हो जाए. इसको लेकर अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है. हालांकि अब देखने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार कब तक एमपीईबी के आउटसोर्स कर्मचारी की मांगों को पूरा करती है.