इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी (Economic Capital of Madhya Pradesh) आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार (Financial Irregularities and Corruption) का गढ़ बन रही है. स्थिति यह है कि यहां शासकीय कामकाज से लेकर लेन देन की हर व्यवस्था में भ्रष्टाचार व्याप्त है. यही वजह है कि भ्रष्ट अधिकारियों और उनके कारनामों की जांच करने वाली एजेंसियां करोड़ों अरबों रुपए के घोटाले उजागर कर रही हैं. इतना ही नहीं कई बड़े प्रशासनिक रसूखदार अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारनामे भी उजागर हो रहे हैं.
बीते डेढ़ दशक से मध्यप्रदेश में सरकारी सिस्टम और ब्यूरोक्रेसी (Government Systems and Bureaucracy) लगातार हावी हो रही है. जिससे सरकारी कामकाज और व्यवसाय में अवैध लेनदेन के बिना कोई भी काम नहीं हो रहा है. हालांकि इस पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने जीरो टॉलरेंस का दावा किया है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर रिश्वत के बढ़ते चलन के कारण जीरो टॉलरेंस के दावे भी बेमानी साबित हो रहे हैं.
महिला अधिकारी भी रिश्वत लेने में पीछे नहीं
सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. इंदौर में हाल की कुछ घटनाओं में पुरुष अधिकारी ही नहीं बल्कि प्रमुख रूप से महिलाएं भी रिश्वत लेती हुई पकड़ी गई. हाल ही में इंदौर नगर निगम में एक महिला क्लर्क हिमाली वेद और विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना 25 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए. यह दोनों अधिकारी जनसंपर्क विभाग में बिल स्वीकृत करने के बदले में रिश्वत मांग रहे थे.
इसी तरह सांवेर की महिला पटवारी मोनिका मोहरी जमीन के नामांतरण के बदले किसान से 6 हजार रुपए की रिश्वत मांग रही थी. इसी प्रकार सहकारिता एवं रजिस्ट्रार कार्यालय में पदस्थ सहकारिता निरीक्षक संतोष जोशी और राउ विधानसभा में कार्यरत पटवारी अमर सिंह मंडलोई एक संस्था में चुनाव कराने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे.
शराब कारोबार में बंपर भ्रष्टाचार
मध्यप्रदेश में शराब के ठेकों से लेकर बिक्री और नकली शराब के मामलों में पूरा सिस्टम रिश्वत और भ्रष्टाचार पर टिका हुआ है. हाल ही में इंदौर के आबकारी आयुक्त रहे चौबे के घर पर लोकायुक्त टीम के छापे में करोड़ों रुपए की जमीन से संबंधित दस्तावेजों का पता चला था. इसके अलावा धार में पदस्थ आबकारी अधिकारी पराक्रम सिंह के घर पर भी सर्चिंग में करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला था. इसी प्रकार इंदौर नगर निगम में नक्शा विभाग के अधिकारी विजय सक्सेना को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने पकड़ा था. इसके बाद जांच में उक्त अधिकारी करोड़ों रुपए का आसामी पाया गया था.
दुनिया के 5 भ्रष्ट देशों में भारत
एशिया महाद्वीप में भ्रष्टाचार के मामले में भारत पहले स्थान पर है. हाल ही में फॉर्ब्स द्वारा 2017 में कराए गए सर्वे में भारत को दुनिया के टॉप 5 देशों में स्थान दिया है. भारत में सरकारी कामकाज के अलावा स्कूल, अस्पताल, पुलिस और जन उपयोगी सुविधाओं के मामले में रिश्वत अब आम हो चुकी है. यही स्थिति शासन-प्रशासन के बड़े काम को लेकर है. भारत के अलावा वियतनाम, पाकिस्तान, थाईलैंड और म्यांमार में भी भ्रष्टाचार चरम पर है. हालांकि भारत में रिश्वतखोरी की दर 69% है. जबकि अन्य एशियाई देशों में इसकी दर कम है.